नई दिल्ली: कोटला मुबारकपुर थाना पुलिस के एक सिपाही को बिना वर्दी पहने एसएचओ की गाड़ी चलाना भारी पड़ गया है. दरअसल, किसी मामले में सिपाही और एडिशनल एसएचओ बिना वर्दी एसएचओ की गाड़ी चलाकर दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचे थे. वहीं पर किसी अन्य मामले में हाईकोर्ट पहुंचे कोटला मुबारकपुर निवासी मंजीत सिंह चुघ ने बिना वर्दी एसएचओ की गाड़ी चलाते हुए सिपाही को देखकर उसका वीडियो बना लिया.
वीडियो बनता देखकर सिपाही ने यह बात एडिशनल एसएचओ को बताई और सिग्नल तोड़ते हुए भाग निकला. ऐसे में एसएचओ की सरकारी स्कॉर्पियो आर्क बिशप रोड और हुमायूं रोड पर सिग्नल तोड़ते हुए भी ट्रैफिक पुलिस के सीसीटीवी कैमरे में कैद हो गई. इतने में मनजीत सिंह चुघ ने बिना वर्दी गाड़ी चला रहे सिपाही के मामले को लेकर पीसीआर कॉल कर दी. इस पर स्थानीय तुगलक रोड थाने के जांच अधिकारी ने चुघ को थाने बुला लिया और साथ ले जाकर सीसीटीवी फुटेज चेक की. इसके बाद मामला पटियाला हाउस कोर्ट में पहुंचा.
पटियाला हाउस कोर्ट में पहुंचने पर स्थानीय पुलिस ने लीपापोती करते हुए मामले को हल्का बनाने की कोशिश की और कोर्ट में कहा कि ड्राइवर ने यलो लाइन पर गाड़ी निकाली है तो इस मामले में चालान नहीं बनता. इसलिए चालान नहीं किया गया. इस पर जांच अधिकारी को फटकार लगाते हुए मेट्रोपोलिटन मजिस्ट्रेट ईशा सिंह ने कहा कि चालान की कार्रवाई होगी या नहीं होगी, यह कोर्ट तय करेगा. यह तय करने वाले तुम कौन होते हो. साथ ही कोर्ट ने पुलिस से अगली तारीख 23 अप्रैल को इस मामले में कंप्लायंस रिपोर्ट मांगी है.
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साथ ही कोर्ट ने तुगलक रोड थाना अध्यक्ष को 20 मार्च की दोपहर 12:50 से 1:20 के बीच की आर्क बिशप रोड रेड लाइट और और हुमायूं रोड पर पेट्रोल पंप के नजदीक स्थित टी पॉइंट की रेड लाइट की सीसीटीवी फुटेज सुरक्षित करने का आदेश दिया है. शिकायतकर्ता मनजीत सिंह चुघ ने बताया कि उन्होंने दिल्ली पुलिस से आरटीआई डालकर यह जानकारी मांगी थी कि क्या कोई व्यक्ति किसी सरकारी गाड़ी को बिना वर्दी के चला सकता है. इस पर पुलिस की ओर से जानकारी दी गई थी कि किसी भी सरकारी गाड़ी को कोई भी पुलिसकर्मी बिना वर्दी के नहीं चला सकता है. अगर वह ऐसा करता पाया जाता है तो उसके खिलाफ कार्रवाई होना तय है.
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