वाराणसी : बनारस को शास्त्र और परंपरा संग संस्कृत के लिए जाना जाता है. यहां पर दूर-दूर से विद्यार्थी संस्कृत का ज्ञान लेने के लिए पहुंचते हैं और संस्कृत विद्यालयों में पढ़ाई करके वेद और शास्त्रों की शिक्षा भी लेते हैं. बनारस में सैकड़ों की संख्या में संस्कृत विद्यालय संचालित होते हैं, लेकिन विद्यार्थियों का कोई ऐसा यूनिफॉर्म नहीं होता, जिससे उन्हें अन्य छात्रों से अलग किया जा सके. लेकिन, अब विश्वनाथ मंदिर न्यास के प्रयासों से संस्कृत पढ़ने वाले विद्यार्थियों का ड्रेस कोड तैयार किया जा रहा है.
सबसे बड़ी बात यह है कि 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सामने एक ड्रेस कोड में इन विद्यार्थियों को वेद मंत्रों के साथ प्रस्तुत किया जाएगा. इसके पीछे मकसद पहली बार संस्कृत को लेकर हो रही एक बड़ी प्रतियोगिता के विजेताओं को सम्मानित करना और संस्कृत के शिक्षा दीक्षा के प्रचार प्रसार को और तेज करना है. जिसके लिए पूरी तैयारी श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास की तरफ से की जा रही है.
संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन : इस बारे में श्रीकाशी विश्वनाथ न्यास के सदस्य वेंकटरमन धनपाठी और प्रोफेसर बृजभूषण ओझा ने बताया कि श्री काशी विश्वनाथ न्यास की तरफ से संस्कृत के उत्थान और संस्कृत को बड़ी पहचान देने के उद्देश्य से पहली बार संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन करवाया जा रहा है. सांसद संस्कृत प्रतियोगिता के संयोजक के तौर पर प्रोफेसर बृजभूषण को नामित किया गया है. उन्होंने बताया कि यह प्रतियोगिता प्रधानमंत्री के संसदीय क्षेत्र में या देश में पहली बार होने जा रही है. काशी की विशिष्ट शास्त्रों की परंपरा के अनुरूप विशिष्ट पंडित परंपरा से लोगों को जोड़कर संस्कृत के उत्थान के लिए यह प्रयास बेहद महत्वपूर्ण माना जा रहा है. उन्होंने बताया कि मध्यमा एवं स्नातक और स्नातकोत्तर तीन स्तरों पर प्रयास सभी शास्त्रों में अनेक प्रतियोगिताओं का आयोजन किया जाएगा. यह पहला मौका है जब न्यास संस्कृत के विद्यार्थियों के लिए इतना बड़ा संस्कृत प्रतियोगिता का आयोजन करने जा रहा है.
प्रधानमंत्री के हाथों सम्मानित होने का मौका : उन्होंने बताया कि इस प्रतियोगिता में प्रतिभाग करने वाले छात्रों को प्रमाण पत्र और प्रथम स्थान पाने वाले प्रतियोगियों को 23 फरवरी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के हाथों सम्मानित होने का मौका मिलेगा. उन्होंने बताया कि सभी संस्कृत छात्रों को निशुल्क पाठ्य पुस्तक और एक ही तरह के वस्त्र यूनिफार्म के तौर पर दिए जाएंगे. लगभग 1500 से ज्यादा छात्रों और अध्यापक और अध्यापिकाओं के लिए भी एक यूनिफॉर्म तैयार किया गया है. अध्यापकों के लिए धोती कुर्ता शिक्षिकाओं के लिए साड़ी और जितने भी विद्यार्थी हैं जो संस्कृत पढ़ते हैं उनके लिए धोती, कुर्ता और गमछा एक ड्रेस कोड के रूप में तैयार किया गया है, जो न्यास की तरफ से इन्हें उपलब्ध करवाया जाएगा. सभी के नापी का कुर्ता तैयार हो इसके लिए दर्जी सभी संस्कृत स्कूलों में तैनात किए जा रहे हैं और वह यह काम 18 फरवरी तक पूर्ण भी कर लेंगे. पीले रंग के कुर्ते और पीले रंग की धोती के साथ गमछे के रूप में एक यूनिफॉर्म तैयार करके इन विद्यार्थियों को एक ही तरह के वस्त्र दिए जाएंगे, ताकि संस्कृत के विद्यार्थी परंपरा के अनुरूप नजर आए और वैसा ही वेशभूषा पहने जैसा गुरुकुल में होता था.
वितरित किए जाएंगे वाद्य यंत्र : उन्होंने बताया कि विजेताओं को वाद्य यंत्र भी वितरित किए जाएंगे. संपूर्णानंद संस्कृत विश्वविद्यालय के 66 टॉपर छात्रों को न्यास की ओर से छात्रवृत्ति दी जाएगी. न्यास के सदस्य बृजभूषण ओझा का कहना है कि सभी छात्रों के लिए पूरा प्लांट तैयार किया गया है और बनारस में संस्कृत विद्यालयों की पूरी लिस्ट तैयार करके निशुल्क यूनिफॉर्म निशुल्क संस्कृत की किताबें संस्कृत विद्यार्थियों तक पहुंचाने का काम न्यास करेगा.
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