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आगरा में पुष्टाहार वितरण की कालाबाजारी में डीपीओ निलंबित, CDO से मांगी गई जांच रिपोर्ट - Agra News - AGRA NEWS

पुष्टाहार वितरण की कालाबाजारी में 19 के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई, गोदाम संचालक समेत तीन गए जेल

आंगनबाड़ी में कालाबाजारी पर CM योगी का सख्त एक्शन
आंगनबाड़ी में कालाबाजारी पर CM योगी का सख्त एक्शन (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Oct 5, 2024, 12:15 PM IST

आगरा : योगी सरकार ने आगरा के बहुचर्चित पुष्टाहार की कालाबाजारी में शुक्रवार रात जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को भी निलंबित कर दिया. डीपीओ को मुख्यालय से संबद्ध कर किया गया है. डीपीओ पर पुष्टाहार वितरण में भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप हैं. इस बारे में शासन ने विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रतिभा सिंह से मांगी है. अब तक पुष्टाहार की कालाबाजारी में डीपीओ, सीडीपीओ, सुपरवाइजर समेत 19 के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही पुष्टाहार की कालाबाजारी में गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर जेल में हैं. पुलिस की छानबीन और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दूध की टंकी में पुष्टाहार एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था. लंबे समय से प्रदेश की महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य के गृह जिले में पुष्टाहार वितरण में घोटाला हो रहा था.

बता दें कि आगरा जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 508 आंगनबाड़ी हैं. 27 सितंबर 2024 तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था. पुष्टाहार की कालाबाजारी उजागर होने पर अब इन सभी केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच की जा रही है. डीएम के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है. जिसमें दो से तीन दिनों में टीमें हर घर जाकर पुष्टाहार वितरण का सत्यापन करेंगी. किस आंगनबाड़ी केंद्र को कितना पुष्टाहार मिला और कितने पुष्टाहार लाभार्थियों को बांटा गया. ये रिकार्ड देखा जाएगा.

शिकायतें भी बनेंगी आधार : डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि, जिले में एक साल में पुष्टाहार की कालाबाजारी की कितनी शिकायतें मिलीं, इन्हें रोकने के क्या प्रयास किए गए. शिकायत और कार्रवाई की जांच की जाएगी. इन सभी शिकायतों की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा से तलब की गई है. जिले में जिन केंद्रों में अभी तक पुष्टाहार नहीं बंटा है, उन सभी केंद्रों की जांच दूसरे चरण में होगी. पहले चरण में 167 केंद्र शामिल किए गए हैं. जिसके लिए शासन स्तर से उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने दिए थे निर्देश : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला सीएम योगी तक पहुंचा तो उन्होंने इसका संज्ञान लिया. मंगलवार को जब वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई तो सीएम योगी ने आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से पूछा था कि पुष्टाहार की कालाबाजारी में कहीं कोई माफिया तो नहीं है. सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शिकायतें खूब आईं हैं. इसमें सख्त कार्रवाई करें. इसके बाद ही आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है.

निलंबित हुईं यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता : माया (टीला हुसैन खां), मधु (टीला हुसैन खां), ब्रजलता (कटरा गड़रियान), रजनी (टीला शेखमनु), सुनीता देवी (सदर भ‌ट्टी), मिथलेश (शाहगंज), विमला देवी (राजा की मंडी), मिथलेश (कुम्हार पाड़ा), रेनू अस्थाना (काजीपाड़ा प्लस वन), खुशबू (चक्कीपाट), माधुरी शर्मा (काजीपाड़ा), मालती शिवहरे (नाई की मंडी), कांता शर्मा (नालबंद), भारती (मीरा हुसैनी) और सुपरवाइजर अनीता समेत 17 शामिल हैं.

ऐसे खुला था पूरा खेल : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का खेल 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह की टीम के प्रवीन अग्रवाल के गोदाम पर छापामार कार्रवाई में हुआ था. गोदाम में आंगनबाड़ी लाभार्थियों को वितरित होने वाले खाद्यान्न की बोरियां बरामद हुई थीं. जिसमें चना की दाल, रिफाइंड और दलिया था. इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम मालिक आरोपित प्रवीन अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें पुलिस ने बुधवार को प्रवीन अग्रवाल और खाद्यान्न बेचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी को गिरफ्तार किया था. डीएम ने सीएम योगी के निर्देश पर सुपरवाइजर समेत 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निलंबित किया था. इसके साथ ही डीपीओ और सीडीपीओ के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी थी.

हर केंद्र से वसूले जाते हैं दो-दो हजार रुपये : पुलिस की पूछताछ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. दोनों ने पुलिस को बताया कि विभाग से गोदाम के लिए 700 रुपये महीने किराया मिलता है, जोकि वर्ष के अंत में आता है. इतने रुपये में गोदाम नहीं मिलने पर खाद्यान्न रखने में समस्या आती है. सभी केंद्रों से सुपरवाइजरों की ओर से दो-दो हजार रुपये हर माह वसूले जाते हैं. यदि रकम नहीं दी तो निरीक्षण में कमियां निकाल कार्रवाई की धमकी दी जाती है. पुलिस को आरोपी सुपरवाइजर से एक सूची मिली है, जिसमें 15 आंगनबाड़ी केंद्रों के नाम थे. सूची में 13 आंगनबाड़ी केंद्र से दो-दो हजार रुपये दिए जाने का रिकॉर्ड मिला है.

पुष्टाहार मिलता नहीं, हर माह मैसेज आता था : पुलिस और प्रशासन की छानबीन में ये खुलासा हुआ है कि, लाभार्थियों को पुष्टाहार नहीं मिलता था, लेकिन उनके मोबाइल फोन पर विभाग की ओर से वितरण का संदेश नियमित रूप से हर माह जरूर आता था. जब शिकायत की तो समाधान तो हुआ नहीं, लेकिन पुष्टाहार देने के बजाय उल्टे देख लेने की धमकी जरूर मिल जाती थी. सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के यहां पर पंजीकृत लाभार्थियों की सूची का सत्यापन कराया जाएगा. जिस भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लाभार्थियों को पुष्टाहार नहीं दिया है. इसकी पुष्टि होने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.

आंगनबाड़ी वर्कर का ऐलान नहीं बांटेंगी पुष्टाहार : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका आरोप है कि, अधिकारी कमीशनखोरी की वजह से ही पुष्टाहार बाजार में बिक रहा है. हम पुष्टाहार वितरण का बहिष्कार करते हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर में आगरा कलक्ट्रेट में डीएम को पुष्टाहार वितरण की सच्चाई बताएंगे. पुलिस भी बिना वजह उत्पीड़न कर रही है. पूछताछ के बहाने महिलाओं को थाने ले जा रही है.

महिला आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डालचंद चौधरी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दो माह पहले कलक्ट्रेट में ज्ञापन दिया था. जिसमें अधिकारियों की कमीशनखोरी उजागर की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब सीएम योगी से मिलेंगे. उत्पीड़न रुका नहीं तो प्रदेशव्यापी हड़ताल और आंदोलन करेंगे.

इस बारे में डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुष्टाहार की कालाबाजारी और विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की कई अहम बातें सामने आईं हैं. जिनकी जांच की जा रही है.


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आगरा : योगी सरकार ने आगरा के बहुचर्चित पुष्टाहार की कालाबाजारी में शुक्रवार रात जिला कार्यक्रम अधिकारी (डीपीओ) आदीश मिश्रा को भी निलंबित कर दिया. डीपीओ को मुख्यालय से संबद्ध कर किया गया है. डीपीओ पर पुष्टाहार वितरण में भ्रष्टाचार समेत कई गंभीर आरोप हैं. इस बारे में शासन ने विस्तृत जांच रिपोर्ट मुख्य विकास अधिकारी (सीडीओ) प्रतिभा सिंह से मांगी है. अब तक पुष्टाहार की कालाबाजारी में डीपीओ, सीडीपीओ, सुपरवाइजर समेत 19 के खिलाफ निलंबन की कार्रवाई की गई है. इसके साथ ही पुष्टाहार की कालाबाजारी में गोदाम संचालक और दो आंगनबाड़ी वर्कर जेल में हैं. पुलिस की छानबीन और गिरफ्तार आरोपियों से पूछताछ में खुलासा हुआ है कि दूध की टंकी में पुष्टाहार एक जगह से दूसरी जगह भेजा जाता था. लंबे समय से प्रदेश की महिला एवं बाल विकास पुष्टाहार मंत्री बेबी रानी मौर्य के गृह जिले में पुष्टाहार वितरण में घोटाला हो रहा था.

बता दें कि आगरा जिले में 2982 आंगनबाड़ी केंद्र हैं. जिनमें शहरी क्षेत्र में 508 आंगनबाड़ी हैं. 27 सितंबर 2024 तक 167 केंद्रों में पुष्टाहार का वितरण किया गया था. पुष्टाहार की कालाबाजारी उजागर होने पर अब इन सभी केंद्रों में प्रत्येक लाभार्थी की जांच की जा रही है. डीएम के निर्देश पर स्थानीय स्तर पर टीमें गठित करके जांच कराई जा रही है. जिसमें दो से तीन दिनों में टीमें हर घर जाकर पुष्टाहार वितरण का सत्यापन करेंगी. किस आंगनबाड़ी केंद्र को कितना पुष्टाहार मिला और कितने पुष्टाहार लाभार्थियों को बांटा गया. ये रिकार्ड देखा जाएगा.

शिकायतें भी बनेंगी आधार : डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी ने बताया कि, जिले में एक साल में पुष्टाहार की कालाबाजारी की कितनी शिकायतें मिलीं, इन्हें रोकने के क्या प्रयास किए गए. शिकायत और कार्रवाई की जांच की जाएगी. इन सभी शिकायतों की जानकारी जिला कार्यक्रम अधिकारी आदीश मिश्रा से तलब की गई है. जिले में जिन केंद्रों में अभी तक पुष्टाहार नहीं बंटा है, उन सभी केंद्रों की जांच दूसरे चरण में होगी. पहले चरण में 167 केंद्र शामिल किए गए हैं. जिसके लिए शासन स्तर से उच्चस्तरीय जांच टीम गठित की गई है.

वीडियो कांफ्रेंसिंग में सीएम ने दिए थे निर्देश : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का मामला सीएम योगी तक पहुंचा तो उन्होंने इसका संज्ञान लिया. मंगलवार को जब वीडियो कांफ्रेंसिंग हुई तो सीएम योगी ने आगरा डीएम अरविंद मल्लप्पा बंगारी से पूछा था कि पुष्टाहार की कालाबाजारी में कहीं कोई माफिया तो नहीं है. सरकारी राशन के चावल की कालाबाजारी में शिकायतें खूब आईं हैं. इसमें सख्त कार्रवाई करें. इसके बाद ही आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी मामले में सख्त कार्रवाई की जा रही है.

निलंबित हुईं यह आंगनबाड़ी कार्यकर्ता : माया (टीला हुसैन खां), मधु (टीला हुसैन खां), ब्रजलता (कटरा गड़रियान), रजनी (टीला शेखमनु), सुनीता देवी (सदर भ‌ट्टी), मिथलेश (शाहगंज), विमला देवी (राजा की मंडी), मिथलेश (कुम्हार पाड़ा), रेनू अस्थाना (काजीपाड़ा प्लस वन), खुशबू (चक्कीपाट), माधुरी शर्मा (काजीपाड़ा), मालती शिवहरे (नाई की मंडी), कांता शर्मा (नालबंद), भारती (मीरा हुसैनी) और सुपरवाइजर अनीता समेत 17 शामिल हैं.

ऐसे खुला था पूरा खेल : आगरा में पुष्टाहार की कालाबाजारी का खेल 26 सितंबर को जिलापूर्ति अधिकारी संजीव कुमार सिंह की टीम के प्रवीन अग्रवाल के गोदाम पर छापामार कार्रवाई में हुआ था. गोदाम में आंगनबाड़ी लाभार्थियों को वितरित होने वाले खाद्यान्न की बोरियां बरामद हुई थीं. जिसमें चना की दाल, रिफाइंड और दलिया था. इस बारे में बाल विकास परियोजना अधिकारी ने नाई की मंडी थाना में गोदाम मालिक आरोपित प्रवीन अग्रवाल के विरुद्ध मुकदमा दर्ज कराया था. जिसमें पुलिस ने बुधवार को प्रवीन अग्रवाल और खाद्यान्न बेचने वाली आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी को गिरफ्तार किया था. डीएम ने सीएम योगी के निर्देश पर सुपरवाइजर समेत 17 आंगनबाड़ी कार्यकर्ता को निलंबित किया था. इसके साथ ही डीपीओ और सीडीपीओ के खिलाफ शासन को रिपोर्ट भेजी थी.

हर केंद्र से वसूले जाते हैं दो-दो हजार रुपये : पुलिस की पूछताछ में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता इंदु शर्मा और भारती देवी ने चौंकाने वाला खुलासा किया है. दोनों ने पुलिस को बताया कि विभाग से गोदाम के लिए 700 रुपये महीने किराया मिलता है, जोकि वर्ष के अंत में आता है. इतने रुपये में गोदाम नहीं मिलने पर खाद्यान्न रखने में समस्या आती है. सभी केंद्रों से सुपरवाइजरों की ओर से दो-दो हजार रुपये हर माह वसूले जाते हैं. यदि रकम नहीं दी तो निरीक्षण में कमियां निकाल कार्रवाई की धमकी दी जाती है. पुलिस को आरोपी सुपरवाइजर से एक सूची मिली है, जिसमें 15 आंगनबाड़ी केंद्रों के नाम थे. सूची में 13 आंगनबाड़ी केंद्र से दो-दो हजार रुपये दिए जाने का रिकॉर्ड मिला है.

पुष्टाहार मिलता नहीं, हर माह मैसेज आता था : पुलिस और प्रशासन की छानबीन में ये खुलासा हुआ है कि, लाभार्थियों को पुष्टाहार नहीं मिलता था, लेकिन उनके मोबाइल फोन पर विभाग की ओर से वितरण का संदेश नियमित रूप से हर माह जरूर आता था. जब शिकायत की तो समाधान तो हुआ नहीं, लेकिन पुष्टाहार देने के बजाय उल्टे देख लेने की धमकी जरूर मिल जाती थी. सीडीओ प्रतिभा सिंह ने बताया कि जिले में आंगनबाड़ी कार्यकर्ता के यहां पर पंजीकृत लाभार्थियों की सूची का सत्यापन कराया जाएगा. जिस भी आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने लाभार्थियों को पुष्टाहार नहीं दिया है. इसकी पुष्टि होने पर निलंबन की कार्रवाई की जाएगी.

आंगनबाड़ी वर्कर का ऐलान नहीं बांटेंगी पुष्टाहार : आंगनबाड़ी कार्यकर्ता ने अधिकारियों के खिलाफ मोर्चा खोल दिया है. उनका आरोप है कि, अधिकारी कमीशनखोरी की वजह से ही पुष्टाहार बाजार में बिक रहा है. हम पुष्टाहार वितरण का बहिष्कार करते हैं. उन्होंने कहा कि शनिवार दोपहर में आगरा कलक्ट्रेट में डीएम को पुष्टाहार वितरण की सच्चाई बताएंगे. पुलिस भी बिना वजह उत्पीड़न कर रही है. पूछताछ के बहाने महिलाओं को थाने ले जा रही है.

महिला आंगनबाड़ी संघ के प्रदेश उपाध्यक्ष डालचंद चौधरी ने कहा कि आंगनबाड़ी कार्यकर्ताओं ने दो माह पहले कलक्ट्रेट में ज्ञापन दिया था. जिसमें अधिकारियों की कमीशनखोरी उजागर की थी, लेकिन सुनवाई नहीं हुई. अब सीएम योगी से मिलेंगे. उत्पीड़न रुका नहीं तो प्रदेशव्यापी हड़ताल और आंदोलन करेंगे.

इस बारे में डीसीपी सिटी सूरज कुमार राय ने बताया कि पुष्टाहार की कालाबाजारी और विभाग में चल रहे भ्रष्टाचार की कई अहम बातें सामने आईं हैं. जिनकी जांच की जा रही है.


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