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डोईवाला लेखक गांव महोत्सव, दूसरे दिन जुटी कई दिग्गज हस्तियां, 65 से अधिक देशों ने किया प्रतिनिधित्व

दूसरे दिन योग, आयुर्वेद और संगीत पर की गई चर्चा, देश की जानी मानी हस्तियों ने रखे विचार

DOIWALA WRITERS VILLAGE
डोईवाला लेखक गांव महोत्सव (फोटो क्रेडिट @DrRPNishank)
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Oct 26, 2024, 7:47 PM IST

डोईवाला: लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 के दूसरे दिन का भव्य आयोजन हुआ. जिसमें 65 से अधिक देशों ने प्रतिनिधित्व किया. दूसरा दिन “योग, आयुर्वेद और संगीत की स्वास्थ्य में भूमिका पर केंद्रित रहा.

आज के महत्वपूर्ण सत्र “योग, आयुर्वेद और संगीत की स्वास्थ्य में भूमिका” में भारतीय परंपराओं और स्वास्थ्य के बीच के संबंध पर गहन चर्चा की गई. इस सत्र के मुख्य अतिथि, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को जीवन की संजीवनी बताते हुए इनके नियमित अभ्यास के महत्व पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि डॉ. अश्वनी काम्बोज ने आयुर्वेदिक पद्धतियों के आधुनिक चिकित्सा में योगदान पर अपने विचार साझा किए.

मुख्य वक्ता लक्ष्मी नारायण जोशी जी ने विशेष रूप से नाड़ी विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली का यह हिस्सा स्वास्थ्य की समग्र स्थिति को समझने में सहायक है. सत्र की अध्यक्षता उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने की, जबकि शिक्षाविद् डॉ. राजेश नैथानी ने स्वास्थ्य और शिक्षा के संतुलन पर अपने विचार प्रस्तुत किए.

स्पर्श हिमालय महोत्सव के दूसरे दिन के एक और महत्वपूर्ण सत्र में “संविधान, भारतीय भाषाएं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020” पर गहन संवाद हुआ. इस सत्र के मुख्य अतिथि, भारत के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने प्रेरणादायक विचार साझा किए. मुख्य वक्ता अतुल कोठारी (सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, राजस्थान) ने मातृभूमि और माँ की महत्ता पर जोर दिया.

पढे़ं- डोईवाला लेखक गांव में तीन दिवसीय महोत्सव का आगाज, देश की दिग्गज हस्तियों ने की शिरकत

डोईवाला: लेखक गांव में स्पर्श हिमालय महोत्सव 2024 के दूसरे दिन का भव्य आयोजन हुआ. जिसमें 65 से अधिक देशों ने प्रतिनिधित्व किया. दूसरा दिन “योग, आयुर्वेद और संगीत की स्वास्थ्य में भूमिका पर केंद्रित रहा.

आज के महत्वपूर्ण सत्र “योग, आयुर्वेद और संगीत की स्वास्थ्य में भूमिका” में भारतीय परंपराओं और स्वास्थ्य के बीच के संबंध पर गहन चर्चा की गई. इस सत्र के मुख्य अतिथि, पतंजलि विश्वविद्यालय के कुलपति आचार्य बालकृष्ण ने योग और आयुर्वेद को जीवन की संजीवनी बताते हुए इनके नियमित अभ्यास के महत्व पर बल दिया. विशिष्ट अतिथि डॉ. अश्वनी काम्बोज ने आयुर्वेदिक पद्धतियों के आधुनिक चिकित्सा में योगदान पर अपने विचार साझा किए.

मुख्य वक्ता लक्ष्मी नारायण जोशी जी ने विशेष रूप से नाड़ी विज्ञान के महत्व पर प्रकाश डाला. उन्होंने कहा प्राचीन भारतीय चिकित्सा प्रणाली का यह हिस्सा स्वास्थ्य की समग्र स्थिति को समझने में सहायक है. सत्र की अध्यक्षता उत्तराखंड आयुर्वेदिक विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. अरुण कुमार त्रिपाठी ने की, जबकि शिक्षाविद् डॉ. राजेश नैथानी ने स्वास्थ्य और शिक्षा के संतुलन पर अपने विचार प्रस्तुत किए.

स्पर्श हिमालय महोत्सव के दूसरे दिन के एक और महत्वपूर्ण सत्र में “संविधान, भारतीय भाषाएं और राष्ट्रीय शिक्षा नीति-2020” पर गहन संवाद हुआ. इस सत्र के मुख्य अतिथि, भारत के वरिष्ठ न्यायाधीश न्यायमूर्ति सुधांशु धूलिया ने प्रेरणादायक विचार साझा किए. मुख्य वक्ता अतुल कोठारी (सचिव, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास, राजस्थान) ने मातृभूमि और माँ की महत्ता पर जोर दिया.

पढे़ं- डोईवाला लेखक गांव में तीन दिवसीय महोत्सव का आगाज, देश की दिग्गज हस्तियों ने की शिरकत

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