अब अंतरराष्ट्रीय सीमा पर मादक पदार्थ तस्करी रोकने को बीएसएफ के साथ श्वानों का दस्ता होगा तैनात - DOG SQUAD ON PAK BORDER
पाक सीमा पर अब बीएसएफ के जवानों के साथ अब विशेष रूप से प्रशिक्षित विदेशी नस्ल के डॉग भी गश्त पर रहेंगे.
Published : Nov 14, 2024, 6:49 PM IST
जैसलमेर: पाक से लगती अंतरराष्ट्रीय सीमा पर सीमा सुरक्षा बल के जवानों के साथ अब विशेष रूप से प्रशिक्षित विदेशी नस्ल के डॉग भी गश्त पर रहेंगे. अभी इनकी तादाद बटालियन में तीन से पांच है. बीकानेर में स्थापित इकलौते डॉग ट्रेनिंग सेंटर से जैसे-जैसे डॉग पास आउट होंगे, सीमा रक्षा में इनकी तैनाती बढ़ती जाएगी. बीएसएफ के सेक्टर हेडवार्टर पर डॉग ट्रेनिंग सेंटर से 16 जर्मन शेफर्ड की पहली यूनिट छह महीने की ट्रेनिंग पूरी कर चुकी है. अब इनकी तैनाती गुजरात और राजस्थान बॉर्डर पर कर दी गई है. दूसरे बैच में लैब्राडोर भी प्रशिक्षण के लिए भर्ती किए जा रहे हैं. इसकी पुष्टि सीमा सुरक्षा बल राजस्थान फ्रंटियर के महानिरीक्षक एमएल गर्ग ने की है.
उन्होंने बताया कि बीएसएफ की ओर से तैयार किया गया 16 श्वानों का पहला दस्ता है. अभी तक श्वानों को संदिग्ध वस्तु को सूंघ कर पता लगाने, खासकर विस्फोटक की तलाश करने के प्रशिक्षण पर ही जोर दिया जाता रहा है. अब सीमा पार पाकिस्तान से ड्रोन से हेरोइन की तस्करी सबसे बड़ी चुनौती बन कर सामने आई है. ऐसे में एंटी ड्रोन जैसी तकनीकों को अपनाने के साथ तस्करों के नेटवर्क को डी-कोड करने में इन प्रशिक्षित डॉग्स की मदद ली जाएगी.
जर्मन शेफर्ड और अब लैब्राडोर को इस तरह से भी ट्रेंड किया जा रहा है कि वह सीमा पर पांच-सात किलोमीटर एरिया में कोई मादक पदार्थ पड़ा हो तो उसका पता लगा सके. खोजबीन में यह डॉग बीएसएफ की मदद करेंगे. साथ ही यदि कोई स्थानीय व्यक्ति मादक पदार्थ के करियर के रूप में काम करेगा तो डॉग की मदद से उसकी पहचान की जा सकेगी.
स्ट्रीट डॉग्स भी बॉर्डर पर जवान के साथी: गर्ग ने बताया कि केंद्र सरकार ने करीब ढाई साल पहले देश की सीमाओं पर बॉर्डर चौकियों में स्ट्रीट डॉग्स को प्रशिक्षण देकर काम में लेने के निर्देश दिए थे. इसे प्रदेश से लगती पश्चिमी सीमा पर अपनाया भी था. अकेले बीकानेर सेक्टर में 200 से अधिक भारतीय नस्ल के श्वानों को बीएसएफ की चौकियों में भेजे गए थे. ये श्वान आज भी बॉर्डर पर बीएसएफ के जवानों के साथ गश्त करते हैं.
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अब राजस्थान से लगी अंतराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा के लिए स्ट्रीट डॉग्स की मदद ली जाएगी. इन डॉग्स को अजनबियों को पहचानने और अलर्ट करने के लिए प्रशिक्षित किया जा रहा है. इस सफल प्रयोग के बाद देश की करीब 6300 किमी लंबी अंतराष्ट्रीय सीमा पर स्ट्रीट डॉग्स को ट्रेंड किया जाएगा. इसके अलावा बीएसएफ की सीमा चौकियों पर देसी नस्ल के ट्रेंड डॉग्स भी तैनात किए गए हैं, जो सूंघ कर दुश्मन को पकड़ने में एक्सपर्ट हैं.
खेतों व जंगलों में मिल रही हेरोइन: पाकिस्तान से लगती प्रदेश की 1037 किमी सीमा पर बीएसएफ के सीमा पार पाक से तस्कर आकर हेरोइन की तस्करी कर रहे हैं. हेरोइन के पैकेट ड्रोन से तस्कर भारतीय सीमा में खेतों में गिरा देते हैं. बीएसएफ के जवान जीरो लाइन के पास चौबीस घंटे तैनात हैं. राजस्थान और गुजरात की 1545 किमी लंबी अंतरराष्ट्रीय सीमा पर बीएसएफ के जवान के साथ अब विशेष रूप से प्रशिक्षित विदेशी नस्ल के डॉग भी गश्त पर रहेंगे.