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अम्बिकापुर में डॉग बाइट के केस बढ़े, 6 महीने में 1500 लोग कुत्तों के आतंक का हुए शिकार ! - Dog bite cases increased Ambikapur

अम्बिकापुर में डॉग बाइट के केस बढ़े है. पूरे शहर में कुत्तों ने लोगों का जीना मुहाल कर दिया है. बीते 6 महीने के आंकड़े होश उड़ाने वाले हैं. इन 6 महीनों में कुल 1500 लोग डॉग बाइट का शिकार हुए हैं.

DOG BITE CASES INCREASED AMBIKAPUR
अम्बिकापुर में डॉग बाइट केस बढ़े (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Aug 31, 2024, 11:14 PM IST

अम्बिकापुर में डॉग बाइट केस (ETV Bharat)

सरगुजा : अंबिकापुर शहर में आवारा कुत्तों के हमले बढ़ते जा रहे है. कुत्तों के आतंक से लोगों का जीना मुश्किल हो गया है. आलम यह है कि आवारा कुत्तों के हमले से आए दिन लोग घायल होकर अस्पताल पहुंच रहे हैं. चिंता की बात ये है कि शहर में हर महीने 200 से 250 लोग डॉग बाइट का शिकार हो रहे हैं. हर कुत्ते काटने के बाद ये लोग सरकारी अस्पताल इलाज के लिए पहुंच रहे हैं.

जिले में बढ़ा कुत्तों का आतंक: स्थानीय लोगों की मानें तो अंबिकापुर नगर निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की योजना केवल कागजों पर ही चल रही है, जिसका परिणाम यह है कि शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ चुका है. रात के समय में सड़क पर चलना मुश्किल होता है. बाइक से आने जाने वाले लोगों को कुत्ते दौड़ा देते हैं. कई बार तो सड़क दुर्घटना के कारण लोग घायल हो जाते हैं.

प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं: अंबिकापुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने के साथ ही डॉग बाइट की घटना भी बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो कुत्ते के हमले से पांच से दस लोग हर दिन और 200 से 250 लोग हर महीने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, आवारा कुत्तों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए अब तक न तो नगर निगम का ही कोई प्रयास नजर आया है और न ही पशु चिकित्सा विभाग की ओर से इस दिशा में किसी तरह की पहल नजर आई है.

6 माह में 1500 केस: इस बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिस्ट्रिक सर्विलेंस ऑफिसर डॉ शैलेंद्र गुप्ता से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने कहा, "डॉग बाइट के मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग हमेशा अलर्ट रहता है. जब भी कोई केस आता है तो तुरंत एंटी रेबीज का टीका मरीज को दिया जाता है, ताकि संक्रमण न फैले. पहले हर महीने 100 से 150 मरीज आते थे, लेकिन बीते माह में मामले बढ़े हैं. हर महीने करीब 200 से 250 मरीज आ रहे हैं. इन आंकड़ों को देखें तो 6 महीने में करीब 1500 लोग कुत्ते के काटने से पीड़ित हो रहे हैं."

"पूर्व में इसके लिए टेंडर भी निकाला गया था. साऊथ की एक कंपनी ने काम किया भी, लेकिन वो वापस चली गई. दोबारा टेंडर नहीं हुए हैं. कल ही एमआईसी में दोबारा बधियाकरण का टेंडर करने का प्रस्ताव पारित किया गया है." -अजय तिर्की, मेयर, नगर निगम अम्बिकापुर

एक नजर आंकड़ों पर: स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो अंबिकापुर में आवारा कुत्तों के हमले से इस साल जनवरी माह में 257, फरवरी माह में 240, मार्च माह में 262, अप्रैल माह में 251, मई माह में 251, जून माह में 238, जुलाई माह में 261 यानी कि कुल 7 माह में डेढ़ हजार से ज्यादा लोग कुत्तों के हमले से घायल हुए है.

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जिले में बढ़ा कुत्तों का आतंक: स्थानीय लोगों की मानें तो अंबिकापुर नगर निगम इस पर ध्यान नहीं दे रहा है. आवारा कुत्तों को पकड़कर उनकी नसबंदी की योजना केवल कागजों पर ही चल रही है, जिसका परिणाम यह है कि शहर में कुत्तों का आतंक बढ़ चुका है. रात के समय में सड़क पर चलना मुश्किल होता है. बाइक से आने जाने वाले लोगों को कुत्ते दौड़ा देते हैं. कई बार तो सड़क दुर्घटना के कारण लोग घायल हो जाते हैं.

प्रशासन की ओर से इस दिशा में कोई पहल नहीं: अंबिकापुर शहर में आवारा कुत्तों की संख्या बढ़ने के साथ ही डॉग बाइट की घटना भी बढ़ रही है. स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों की मानें तो कुत्ते के हमले से पांच से दस लोग हर दिन और 200 से 250 लोग हर महीने अंबिकापुर मेडिकल कॉलेज हॉस्पिटल में इलाज के लिए पहुंच रहे हैं. वहीं, आवारा कुत्तों की समस्या लंबे समय से बनी हुई है. कुत्तों की जनसंख्या पर नियंत्रण के लिए अब तक न तो नगर निगम का ही कोई प्रयास नजर आया है और न ही पशु चिकित्सा विभाग की ओर से इस दिशा में किसी तरह की पहल नजर आई है.

6 माह में 1500 केस: इस बारे में स्वास्थ्य विभाग की ओर से डिस्ट्रिक सर्विलेंस ऑफिसर डॉ शैलेंद्र गुप्ता से ईटीवी भारत ने बातचीत की. उन्होंने कहा, "डॉग बाइट के मामले को लेकर स्वास्थ्य विभाग हमेशा अलर्ट रहता है. जब भी कोई केस आता है तो तुरंत एंटी रेबीज का टीका मरीज को दिया जाता है, ताकि संक्रमण न फैले. पहले हर महीने 100 से 150 मरीज आते थे, लेकिन बीते माह में मामले बढ़े हैं. हर महीने करीब 200 से 250 मरीज आ रहे हैं. इन आंकड़ों को देखें तो 6 महीने में करीब 1500 लोग कुत्ते के काटने से पीड़ित हो रहे हैं."

"पूर्व में इसके लिए टेंडर भी निकाला गया था. साऊथ की एक कंपनी ने काम किया भी, लेकिन वो वापस चली गई. दोबारा टेंडर नहीं हुए हैं. कल ही एमआईसी में दोबारा बधियाकरण का टेंडर करने का प्रस्ताव पारित किया गया है." -अजय तिर्की, मेयर, नगर निगम अम्बिकापुर

एक नजर आंकड़ों पर: स्वास्थ्य विभाग के आंकड़ों पर अगर गौर करें तो अंबिकापुर में आवारा कुत्तों के हमले से इस साल जनवरी माह में 257, फरवरी माह में 240, मार्च माह में 262, अप्रैल माह में 251, मई माह में 251, जून माह में 238, जुलाई माह में 261 यानी कि कुल 7 माह में डेढ़ हजार से ज्यादा लोग कुत्तों के हमले से घायल हुए है.

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