चंडीगढ़: शुक्रवार को चंडीगढ़ पीजीआई के करीब 1500 रेजीडेंट डॉक्टरों की हड़ताल पांचवें दिन भी जारी रही. सभी डॉक्टरों ने पीजीआई कैंपस स्थित कैरों ब्लॉक के पास नारेबाजी कर विरोध प्रदर्शन किया और न्याय की मांग की. डॉक्टरों ने कहा कि जब तक मृत महिला डॉक्टर के परिवार को न्याय नहीं मिलता, उनका विरोध प्रदर्शन जारी रहेगा. रेजिडेंट डॉक्टरों ने कहा कि ऐसी भयावह स्थिति बारे अब तक केवल तालिबान में सुना था लेकिन अब देश में भी सुरक्षा का अभाव है.
कातिलों के लिए फांसी की मांग: पीजीआई के सभी रेजीडेंट व अन्य डॉक्टरों ने कैंपस में "कातिलों को फांसी दो" के नारे लगाए. विरोध प्रदर्शन के दौरान अपनी इस मांग के साथ डॉक्टरों ने जमीन पर बैठकर न्याय की मांग करते हुए, 'मन में है विश्वास-पूरा है विश्वास, हम होंगे कामयाब एक दिन', गीत भी गाया. विरोध प्रदर्शन कर रहे रेजिडेंट डॉक्टर परनीथ रेड्डी ने कहा कि देश में तालिबान जैसे हालात हो चुके हैं.
जांच में लापरवाही का आरोप: राज्य सरकार और केंद्र सरकार मामले में प्रभावी कार्रवाई करने से बच रही हैं. डॉक्टरों ने कहा कि उनकी डॉक्टर बहन के साथ हुई बर्बरता को शब्दों में बयां नहीं किया जा सकता. लेकिन सरकार पर उपद्रवियों को बचाने के आरोप लगाए. रेजिडेंट डॉक्टर परनीथ रेड्डी ने कहा कि डॉक्टरों द्वारा न्याय के लिए मेडिकल कॉलेज में बड़े स्तर पर प्रदर्शन किया जा रहा था. लेकिन सुरक्षा व्यवस्था न होने के कारण 14/15 अगस्त की मध्यरात्रि उपद्रवी डॉक्टरों पर हमला कर फरार हो गए.
घटना को खुदकुशी में बदलने की कोशिश: रेप-हत्या को खुदकुशी में बदलने का प्रयास: डॉक्टर परनीथ रेड्डी ने मीडिया को बताया कि महिला डॉक्टर से हुई बर्बरता के बाद जो अथॉरिटी मौके पर थी, उसके द्वारा रेप और हत्या की इस वारदात को खुदकुशी की घटना में बदलने का प्रयास किया गया. उन्होंने कहा कि सभी डॉक्टर चाहते हैं कि उस अथॉरिटी के खिलाफ भी जांच हो और सच सामने लाया जाए.
सेमिनार रूम की रिनोवेशन पर सवाल: रेजिडेंट डॉक्टर परनीथ रेड्डी ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल प्रबंधन द्वारा महिला डॉक्टर से हुई जघन्य वारदात के बाद आनन-फानन में सेमिनार रूम को रिनोवेट करवाने पर सवाल खड़े किए. उन्होंने मीडिया से कहा कि घटना से पूरा देश स्तब्ध है और डॉक्टर व्यापक स्तर पर हड़ताल पर हैं. लेकिन प्रबंधन को सेमिनार रूम की रिनोवेशन की इतनी जल्दबाजी किन कारणों से है. उन्होंने अस्पताल प्रबंधन और सरकार पर सबूतों से छेड़छाड़ के आरोप लगाए. उन्होंने कहा कि न्याय की लड़ाई केवल एक डॉक्टर के लिए नहीं, बल्कि एक लड़की के लिए है.
पीजीआई में पहुंचने वाले मरीज परेशान: पीजीआई के करीब 1500 रेजिडेंट और ट्रेनी डॉक्टरों के एकसाथ हड़ताल पर जाने से लगभग सभी वार्डों, ओपीडी और इमरजेंसी में मरीजों और उनके तीमारदारों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. पीजीआई में रोजाना चंडीगढ़ समेत पंजाब-हरियाणा व हिमाचल प्रदेश और राजस्थान से हजारों मरीज इलाज के लिए पहुंचते हैं. लेकिन इन मरीज और उनके तीमारदारों की परेशानी अभी अगले दो दिन तक बनी रह सकती है, क्योंकि डॉक्टरों ने हड़ताल को फिलहाल और दो दिन तक जारी रखने की बात कही है.