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कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद से बंद हैं ओपीडी सेवाएं, जानिए क्या है डॉक्टरों की मांग - Kolkata doctor murder case

Doctors protest in himachal: प्रदेश में भर डॉक्टर कोलकता के मेडिकल कॉलेज में जूनियर महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिदंगी के बाद से गुस्से में हैं. 17 अगस्त से ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक में 20 अगस्त को भी ओपीडी बंद रखने और आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

17 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान नेरचौक अस्पताल में प्रदर्शन करते डॉक्टर
17 अगस्त को प्रदर्शन के दौरान नेरचौक अस्पताल में प्रदर्शन करते डॉक्टर (ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 20, 2024, 1:28 PM IST

Updated : Aug 20, 2024, 4:08 PM IST

कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद से बंद हैं ओपीडी सेवाएं (ETV BHARAT)

मंडी: कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या के बाद देशभर में गुस्सा देखने को मिल रहा है. महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद से देशभर के डॉक्टर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं. प्रदेशभर में 17 अगस्त से डॉक्टर हड़ताल पर हैं. मृतक महिला डॉक्टर के लिए न्याय और अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. मंडी जिले में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद कर रखी हैं. हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक में 20 अगस्त को भी ओपीडी बंद रखने और आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स, प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों के डॉक्टर प्रदर्शन भी कर चुके हैं. वहीं, ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि आपात स्थिति में मरीजों को हर संभंव इलाज दिया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. अस्पतालों में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर अपने कार्य स्थल पर ही सुरक्षित नहीं होंगे तो उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा जरूर होता है.

डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले का राजनितिकरण नहीं होना चाहिए और इस प्रकार के जघन्य अपराध में पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. प्रदर्शन कर रही महिला चिकित्सक ने कहा कि डॉक्टरों को रात्रि सेवा के दौरान अपनी सुरक्षा की चिंता होती है और इसकके कारण उनका काम भी प्रभावित होता है. डॉक्टर के ऊपर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. उन्होंने मांग की है कि पीड़ित महिला डॉक्टर के मामले में जल्द से जल्द न्याय दिया जाए और डाक्टरों की सुरक्षा को सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए.

ये भी पढ़ें: रेजिडेंट डॉक्टर एसोसिएशन ने IGMC से सचिवालय तक निकाला पैदल मार्च, CM सुक्खू को सौंपेंगे ज्ञापन

कोलकाता में महिला डॉक्टर की हत्या के बाद से बंद हैं ओपीडी सेवाएं (ETV BHARAT)

मंडी: कोलकाता के आरजी मेडिकल कॉलेज में ट्रेनी महिला डॉक्टर के साथ दुष्कर्म और निर्मम हत्या के बाद देशभर में गुस्सा देखने को मिल रहा है. महिला डॉक्टर की निर्मम हत्या के बाद से देशभर के डॉक्टर अपना रोष जाहिर कर रहे हैं. प्रदेशभर में 17 अगस्त से डॉक्टर हड़ताल पर हैं. मृतक महिला डॉक्टर के लिए न्याय और अपने लिए सुरक्षा की मांग कर रहे हैं. मंडी जिले में श्री लाल बहादुर शास्त्री मेडिकल कॉलेज नेरचौक में डॉक्टरों ने ओपीडी सेवाएं बंद कर रखी हैं. हिमाचल चिकित्सा अधिकारी संघ की बैठक में 20 अगस्त को भी ओपीडी बंद रखने और आपातकालीन सेवाओं को ही जारी रखने का निर्णय लिया गया है.

कोलकाता में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या के विरोध में रेजिडेंट डॉक्टर्स, प्रशिक्षु छात्र-छात्राओं के साथ-साथ विभिन्न विभागों के डॉक्टर प्रदर्शन भी कर चुके हैं. वहीं, ओपीडी सेवाएं बंद होने से मरीजों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है. हालांकि आपात स्थिति में मरीजों को हर संभंव इलाज दिया जा रहा है. डॉक्टरों का कहना है कि कोलकाता में प्रशिक्षु महिला डॉक्टर के साथ हुई दरिंदगी को लेकर पूरे देश में गुस्सा है. अस्पतालों में कानून व्यवस्था पर सवाल उठाते हुए उन्होंने कहा कि जब डॉक्टर अपने कार्य स्थल पर ही सुरक्षित नहीं होंगे तो उनकी सुरक्षा पर प्रश्नचिन्ह खड़ा जरूर होता है.

डॉक्टरों ने अपनी सुरक्षा को लेकर जताई चिंता

डॉक्टरों का कहना है कि इस मामले का राजनितिकरण नहीं होना चाहिए और इस प्रकार के जघन्य अपराध में पीड़ित परिवार को जल्द से जल्द न्याय मिलना चाहिए. प्रदर्शन कर रही महिला चिकित्सक ने कहा कि डॉक्टरों को रात्रि सेवा के दौरान अपनी सुरक्षा की चिंता होती है और इसकके कारण उनका काम भी प्रभावित होता है. डॉक्टर के ऊपर पहले भी कई बार हमले हो चुके हैं. उन्होंने मांग की है कि पीड़ित महिला डॉक्टर के मामले में जल्द से जल्द न्याय दिया जाए और डाक्टरों की सुरक्षा को सेंट्रल प्रोटेक्शन एक्ट के माध्यम से सुनिश्चित किया जाए.

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Last Updated : Aug 20, 2024, 4:08 PM IST
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