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कैंसर चिकित्सकों ने युवक के पेट से निकाली 12 किलो की गांठ, 5 घंटे तक चला ऑपरेशन - CANCER OPERATION IN AJMER

अजमेर के जेएलएन अस्पताल में कैंसर विभाग के चिकित्सकों ने एक जटिल ऑपरेशन कर युवक के पेट से कैंसर की गांठ निकाली है.

Cancer Operation in Ajmer
अजमेर के जेएनएल अस्पताल में भर्ती युवक (Photo ETV Bharat Ajmer)
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Dec 5, 2024, 3:52 PM IST

अजमेर: संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में कैंसर विभाग के चिकित्सकों ने एक युवक के पेट से 12 किलो की कैंसर की गांठ और 3 से 4 किलो टॉक्सिक फ्लूड निकालकर उसकी जान बचाई है. इसके लिए पांच घंटे का जटिल ऑपरेशन करना पड़ा.

अस्पताल के कैंसर विभाग में सर्जन डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि नसीराबाद के सालोद गांव का 32 वर्षीय युवक 28 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था. रोगी के पेट की सभी जांच की गई, जिसमें कैंसर की गांठ और टॉक्सिक फ्लूड मिला. उन्होंने बताया कि इस कारण शरीर के दूसरे अंग धीरे-धीरे खराब हो रहे थे. किडनी खराब होने और खून की कमी के अलावा शरीर में प्रोटीन की कमी हो रही थी. गांठ के दबाव के कारण युवक का शौच जाना और गैस पास होना भी बंद हो गया था. इससे मरीज की जान को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया था.

पढ़ें: पेशाब की थैली में था कैंसर, पेट के सहारे आंतों से बनाई थैली, ESIC मेडिकल कॉलेज में हुआ जटिल ऑपरेशन

डॉ. जैन ने बताया कि सारी रिपोर्ट्स का अध्ययन करने के बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की निरंतर हर घंटे मॉनिटरिंग की गई और मरीज ने ऑपरेशन के अगले दिन चलना भी शुरू कर दिया. 3 दिन में ही मरीज की आंतों ने काम करना शुरू कर दिया.

मरीज को अस्पताल से किया डिस्चार्ज: कैंसर सर्जन डॉ जैन ने बताया कि मरीज अब खाने पीने लगा है. साथ ही उसका शौच और गैस भी पास होने लगा है. डॉ जैन ने बताया कि मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है. उसे गुरुवार को डिस्चार्ज दिया गया है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया कि कैंसर विभाग के सर्जन डॉ. अर्पित जैन और उनकी टीम के प्रयासों से जटिल ऑपरेशन कर मरीज का जीवन बचाया गया है. कैंसर की गांठ को निकालने के लिए पहले भी कई बार ऑपरेशन हुए है, लेकिन यह उनमें काफी जटिल था. इस ऑपरेशन की सफलता से चिकित्सकों का हौसला बढ़ेगा. अस्पताल में आगे भी इस तरह के ऑपरेशन होते रहेंगे.

अजमेर: संभाग के सबसे बड़े जेएलएन अस्पताल में कैंसर विभाग के चिकित्सकों ने एक युवक के पेट से 12 किलो की कैंसर की गांठ और 3 से 4 किलो टॉक्सिक फ्लूड निकालकर उसकी जान बचाई है. इसके लिए पांच घंटे का जटिल ऑपरेशन करना पड़ा.

अस्पताल के कैंसर विभाग में सर्जन डॉ. अर्पित जैन ने बताया कि नसीराबाद के सालोद गांव का 32 वर्षीय युवक 28 नवंबर को अस्पताल में भर्ती हुआ था. रोगी के पेट की सभी जांच की गई, जिसमें कैंसर की गांठ और टॉक्सिक फ्लूड मिला. उन्होंने बताया कि इस कारण शरीर के दूसरे अंग धीरे-धीरे खराब हो रहे थे. किडनी खराब होने और खून की कमी के अलावा शरीर में प्रोटीन की कमी हो रही थी. गांठ के दबाव के कारण युवक का शौच जाना और गैस पास होना भी बंद हो गया था. इससे मरीज की जान को बड़ा खतरा उत्पन्न हो गया था.

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डॉ. जैन ने बताया कि सारी रिपोर्ट्स का अध्ययन करने के बाद मरीज का ऑपरेशन किया गया. ऑपरेशन के बाद मरीज की निरंतर हर घंटे मॉनिटरिंग की गई और मरीज ने ऑपरेशन के अगले दिन चलना भी शुरू कर दिया. 3 दिन में ही मरीज की आंतों ने काम करना शुरू कर दिया.

मरीज को अस्पताल से किया डिस्चार्ज: कैंसर सर्जन डॉ जैन ने बताया कि मरीज अब खाने पीने लगा है. साथ ही उसका शौच और गैस भी पास होने लगा है. डॉ जैन ने बताया कि मरीज पूरी तरह से स्वस्थ है. उसे गुरुवार को डिस्चार्ज दिया गया है. जवाहरलाल नेहरू मेडिकल कॉलेज की प्राचार्य डॉक्टर अनिल सामरिया ने बताया कि कैंसर विभाग के सर्जन डॉ. अर्पित जैन और उनकी टीम के प्रयासों से जटिल ऑपरेशन कर मरीज का जीवन बचाया गया है. कैंसर की गांठ को निकालने के लिए पहले भी कई बार ऑपरेशन हुए है, लेकिन यह उनमें काफी जटिल था. इस ऑपरेशन की सफलता से चिकित्सकों का हौसला बढ़ेगा. अस्पताल में आगे भी इस तरह के ऑपरेशन होते रहेंगे.

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