इंदौर: धूम्रपान और नशा करने पर डॉक्टरों द्वारा अपने मरीजों को फटकार लगाते तो आपने जरूर देखा होगा. लेकिन इंदौर में एक ऐसे डॉक्टर हैं जो मरीजों को डांटने-फटकारने की बजाय अलग-अलग वेशभूषा में सोलो एक्टिंग के जरिए उन्हें विभिन्न बीमारियों के प्रति जागरूक करते हैं. इसके लिए न सिर्फ वे बल्कि उनका पूरा परिवार लगातार अलग-अलग नाटकों के जरिए बीमारियों से बचने की तरकीब बताते हैं जो इन दिनों सोशल मीडिया पर चर्चा में है.
दीपावली, वर्ल्ड हार्ट डे, चेस्ट डे जैसे मौकों पर डालते हैं वीडियो
इंदौर के डॉ. रवि डोसी ने अपने मोनो एक्टिंग के शौक को मरीजों को तमाम तरह की बीमारियों से बचने के साथ उन्हें विभिन्न अवसरों पर स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने का एक प्रभावी जरिया बना रखा है. जब भी दीपावली, दशहरा, नया साल या वर्ल्ड हार्ट डे, चेस्ट डे या स्वास्थ्य के प्रति जागरूक करने जैसे दिवस आते हैं तो डॉ. दोषी झट से उस दिन मरीजों को संदेश देने के लिए बाकायदा मोनो एक्टिंग के जरिए नाटक का मंचन करते हैं. इसके पहले वे नाटक की स्क्रिप्ट तैयार करते हैं. स्क्रिप्ट में उनके अलावा जितने भी पात्र होते हैं उनका किरदार उनके बच्चे, स्टाफ के लोग, दोस्त और परिवार के अन्य लोग निभाते हैं.
डॉक्टर डोसी की पत्नी करती हैं नाटक का डायरेक्शन
डॉ. डोसी नाटक के मेन एक्टर होते हैं जबकि उसका डायरेक्शन उनकी पत्नी करती हैं. नाटक के दौरान पूरा परिवार विभिन्न बीमारियों को लेकर गंभीर बात को भी आसानी से नाटक के जरिए व्यक्त करता है जो मरीज को आसानी से समझ में आ जाती है. डॉक्टर अपने द्वारा तैयार किए गए नाटक को हजारों लोगों तक भेज देते हैं.
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बीते कुछ सालों में ही सोशल मीडिया पर डोसी के ढकोसले नामक व्यंग्य और नाटक से परिपूर्ण इस सीरीज को देखने वालों की संख्या हजारों में पहुंच गई है. कभी व्यस्तता के कारण जब डॉ. डोसी वीडियो अपलोड नहीं कर पाते तो वीडियो देखने वालों की ओर से डिमांड आने लगती है. लिहाजा उन्हें नए वीडियोज तैयार करने पड़ते हैं. अब स्थिति ये है कि उनके साथ उनके परिवार व स्टाफ के लोग भी मोनो एक्टिंग के शौकीन बन चुके हैं.
ऐसे होता है मरीजों को फायदा
दरअसल डॉ. दोषी श्वास रोग विशेषज्ञ हैं. वे फेफड़े और स्वास्थ्य जुड़ी बीमारियों जिनमें मुख्य रूप से धूम्रपान, नशाखोरी से होने वाली बीमारियों का इलाज करते हैं. कई बार वे मरीजों को उनकी गंभीर बीमारी और उसके दुष्परिणाम के बारे में खुलकर नहीं बता पाते. लिहाजा वे संबंधित मरीजों को उनकी बीमारियों से जुड़े विषय पर रिकॉर्ड किया गया मंचन भेजते हैं. जिसे देखकर मरीज बिना घबराए इलाज के साथ बीमारी से बचाव के लिए प्रेरित होते हैं. फिलहाल सोशल मीडिया पर उनके विभिन्न बीमारियों को लेकर लोगों को जागरूक करने वाले दर्जनों वीडियो हैं जिन्हें देखने वाले सब्सक्राइबर्स की संख्या लाखों में है.