कुल्लू: दिवाली से पहले आज छोटी दिवाली मनाई जा रही है. वहीं, आज 30 अक्टूबर को छोटी दिवाली पर नरक चतुर्दशी भी मनाई जा रही है. नरक चतुर्दशी यमराज को समर्पित है. आज यम को समर्पित दीपक भी जलाया जाता है. वहीं, नरक चतुर्दशी का संबंध भगवान श्रीकृष्ण से भी है. इसी दिन भगवान श्रीकृष्ण ने एक दैत्य का वध किया था.
क्यों मनाई जाती है नरक चतुर्दशी?
नरक चतुर्दशी को बुराई पर अच्छाई की जीत के रूप में मनाया जाता है. आचार्य आशीष कुमार ने बताया, "नरक चतुर्दशी के दिन ही भगवान श्री कृष्ण ने नरकासुर नामक दैत्य का वध किया था और उसके कब्जे से 16 हजार कन्याओं को भी बचाया था. जिसके चलते इसे नरक चतुर्दशी कहा जाता है." इस दिन भगवान यमराज की पूजा का भी विधान है और यम को समर्पित सभी दिशाओं में सरसों के तेल का दीपक भी जलाया जाता है.
इन बातों का रखें ख्याल
नरक चतुर्दशी के दिन कुछ बातों का भी ध्यान रखना चाहिए, ताकि भक्तों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद प्राप्त हो सके.
- सुबह जल्दी उठकर स्नान करें.
- अपने माथे पर तिलक लगाएं.
- शाम को भगवान यमराज के नाम का दीप जलाएं.
- नरक चतुर्दशी पर की जाती है यम की पूजा.
- यम की पूजा से अकाल मृत्यु का डर होता है खत्म.
- शास्त्रों के अनुसार, पूरे शरीर में तेल की मालिश करें और फिर स्नान करें.
- नरक चतुर्थी को तेल में माता लक्ष्मी निवास करती हैं.
- जिस कारण भक्तों को माता लक्ष्मी का आशीर्वाद मिलता है.
- नरक चतुर्दशी पर भगवान श्रीकृष्ण की पूजा करना शुभ.
नरक चतुर्दशी पर भूल कर भी न करें ये काम
- यम की होती है पूजा, इसलिए भूल कर भी न करें जीव हत्या.
- घर की दक्षिण दिशा को गंदा ना रखें.
- इस दिन तेल का दान भी नहीं करना चाहिए.
- नरक चतुर्दशी पर माता लक्ष्मी वास तेल में होता है.
- तेल दान करने से माता लक्ष्मी नाराज होती है.
- आज मांसाहार भोजन का सेवन बिलकुल भी न करें.
- नरक चतुर्दशी पर देर तक नहीं सोना चाहिए.
- देर तक सोने पर मां लक्ष्मी नाराज होती हैं.
- नरक चतुर्दशी पर ऐसा करने से घर में दरिद्रता का वास होता है.