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समेज में बरामद शवों की शिनाख्त में DNA टेस्ट साबित हो रहा मददगार, मृतकों के परिजनों की हो चुकी है सैंपलिंग - Samej flood disaster

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By ETV Bharat Himachal Pradesh Team

Published : Aug 11, 2024, 6:05 PM IST

समेज गांव में 31 जुलाई को आई बाढ़ के बाद से 33 लोग लापता थे. इन लापता लोगों की तलाश में सर्च ऑपरेशन जारी है. सबसे बड़ी चुनौती प्रशासन के सामने बरामद किए गए शवों की शिनाख्त करना था. मलबे और बाढ़ में शव पूरी तरह से क्षत-विक्षत हो चुके थे. ऐसे में प्रशासन ने लापता लोगों के परिजनों की डीएनए सैंपलिंग की है.

समेज हादसे में लापता रचना की डीएनए से हुई थी शिनाख्त
समेज हादसे में लापता रचना की डीएनए से हुई थी शिनाख्त (ETV BHARAT)

शिमला: समेज त्रासदी में लापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है. अभी तक तीन शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है. इनमें संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर उम्र 54 वर्ष का डीएनए मिलान इनके बेटे राजेश कुमार के डीएनए से हुआ है. इसके साथ ही रूप सिंह सुपुत्र सुखराम डाकघर सरपारा तहसील रामपुर उम्र 52 वर्ष, रचना उम्र 23 साल निवासी समेज की पहचान भी डीएनए मिलान से ही हुई है.

लापता लोगों के शवों की पहचान के लिए पुलिस ने 37 लोगों डीएनए सैंपल लिए हैं. डीएनए से शवों की पहचान की जा रही है, क्योंकि कई दिनों से मलबे के नीचे पड़े शव क्षत विक्षत हो चुके हैं. उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि, 'कई शव क्षत-विक्षत हालात में मिले है, इनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन हमने ऐसे लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं. फिर शवों के डीएनए सैंपल से मिलान करवाए जा रहे हैं. इनमें से दो शवों के डीएनए मिलान कर लिए गए है. दोनों शव शिमला जिला के रहने वाले लोगों के थे. पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग की हुई थी. इसी की वजह से शवों की पहचान हो पाई है.'

उपायुक्त ने बताया कि हमारी प्राथमिकता सर्च आपरेशन के दौरान मिलने वाले हर शव की पहचान करना है. इसी कड़ी में हमने वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया है. पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से जांच को प्रभावी बनाया जाता है. डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव मिल पा रहे हैं, क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव ही नहीं थी. हमने पूरी योजना से डीएनए सैंपल प्रोफाईलिंग की है। इसी तरह अन्य शवों की पहचान करने में लगे है.

क्या होता है डीएनए टेस्ट

डीएनए का मतलब है डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड. यह ऐसा टेस्ट होता है जो हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम स्टीक जानकारी देता है. हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स यानि कोशिकाएं होती हैं. रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है जो शरीर को बनाती है. यही डीएनए होता है.

समेज क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति हुई बहाल

समेज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है. करीब दस दिन बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में लग गए. कई जगह से पाईपें, बिजली के खंभे एवं तारें पूरी तरह गायब हो गई थीं. ऐसे में संबधित विभागों ने नई तारें, खंभे और पानी की पाईपें बिछाई हैं. एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि, 'समेज में बिजली और पेयजल की आपूर्ति बहाल कर दी गई है. दोनों विभागों ने दिन रात मेहनत करके कार्य को तीव्र गति से अंजाम दिया है.'

ये भी पढ़ें:पंजाब की जेजो खड्ड में बही ऊना के बारातियों की कार, 9 लोगों की हुई मौत

शिमला: समेज त्रासदी में लापता लोगों की पहचान के लिए पुलिस की डीएनए मिलान तकनीक मददगार साबित हो रही है. अभी तक तीन शवों की पहचान डीएनए के माध्यम से हो चुकी है. इनमें संतोष कुमारी पत्नी सूरत राम गांव कनराढ़ डाकघर सुघा तहसील रामपुर उम्र 54 वर्ष का डीएनए मिलान इनके बेटे राजेश कुमार के डीएनए से हुआ है. इसके साथ ही रूप सिंह सुपुत्र सुखराम डाकघर सरपारा तहसील रामपुर उम्र 52 वर्ष, रचना उम्र 23 साल निवासी समेज की पहचान भी डीएनए मिलान से ही हुई है.

लापता लोगों के शवों की पहचान के लिए पुलिस ने 37 लोगों डीएनए सैंपल लिए हैं. डीएनए से शवों की पहचान की जा रही है, क्योंकि कई दिनों से मलबे के नीचे पड़े शव क्षत विक्षत हो चुके हैं. उपायुक्त अनुपम कश्यप ने कहा कि, 'कई शव क्षत-विक्षत हालात में मिले है, इनकी पहचान करना सबसे बड़ी चुनौती है, लेकिन हमने ऐसे लापता लोगों के परिजनों के डीएनए सैंपल लिए हैं. फिर शवों के डीएनए सैंपल से मिलान करवाए जा रहे हैं. इनमें से दो शवों के डीएनए मिलान कर लिए गए है. दोनों शव शिमला जिला के रहने वाले लोगों के थे. पुलिस ने डीएनए सैंपलिंग की हुई थी. इसी की वजह से शवों की पहचान हो पाई है.'

उपायुक्त ने बताया कि हमारी प्राथमिकता सर्च आपरेशन के दौरान मिलने वाले हर शव की पहचान करना है. इसी कड़ी में हमने वैज्ञानिक तकनीक का सहारा लिया है. पुलिस अधीक्षक संजीव कुमार गांधी ने कहा कि वैज्ञानिक तकनीक के माध्यम से जांच को प्रभावी बनाया जाता है. डीएनए मिलान से ही परिजनों को शव मिल पा रहे हैं, क्योंकि कई शवों की पहचान बिना डीएनए के संभव ही नहीं थी. हमने पूरी योजना से डीएनए सैंपल प्रोफाईलिंग की है। इसी तरह अन्य शवों की पहचान करने में लगे है.

क्या होता है डीएनए टेस्ट

डीएनए का मतलब है डीऑक्सीराइबो न्यूक्लिक एसिड. यह ऐसा टेस्ट होता है जो हमारे जींस या पूर्वजों या हमारे वंश के बारे में एकदम स्टीक जानकारी देता है. हमारे शरीर में कई करोड़ सेल्स यानि कोशिकाएं होती हैं. रेड ब्लड सेल्स को छोड़कर बाकी सभी सेल्स में एक जेनेटिक कोडिंग होती है जो शरीर को बनाती है. यही डीएनए होता है.

समेज क्षेत्र में बिजली और पेयजल आपूर्ति हुई बहाल

समेज त्रासदी से प्रभावित क्षेत्र में बिजली एवं पेयजल आपूर्ति बहाल कर दी गई है. करीब दस दिन बिजली और पेयजल आपूर्ति को बहाल करने में लग गए. कई जगह से पाईपें, बिजली के खंभे एवं तारें पूरी तरह गायब हो गई थीं. ऐसे में संबधित विभागों ने नई तारें, खंभे और पानी की पाईपें बिछाई हैं. एसडीएम रामपुर निशांत तोमर ने बताया कि, 'समेज में बिजली और पेयजल की आपूर्ति बहाल कर दी गई है. दोनों विभागों ने दिन रात मेहनत करके कार्य को तीव्र गति से अंजाम दिया है.'

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