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मेट्रो ट्रेन के मेंटेनेंस को निजी हाथों में सौंपेगा DMRC, येलो लाइन मेट्रो के लिए टेंडर की प्रक्रिया शुरू - Privatization of Delhi Metro - PRIVATIZATION OF DELHI METRO

Privatization of Delhi Metro: मेट्रो ट्रेन के रखरखाव के लिए DMRC निजी कंपनियों को टेंडर देने की तैयारी में है. सबसे पहले येलो लाइन पर चलने वाले ट्रेनों के मेंटेनेंस के लिए टेंडर प्रक्रिया शुरू की गई है.

मेट्रो ट्रेन के मेंटेनेंस को निजी हाथों में सौंपेगा DMRC
मेट्रो ट्रेन के मेंटेनेंस को निजी हाथों में सौंपेगा DMRC (SOURCE: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : May 27, 2024, 7:43 AM IST

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) मेट्रो के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे सकता है. इसके लिए डीएमआरसी की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. सबसे पहले येलो लाइन पर चलने वाली मेट्रो के मेंटेनेंस का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. डीएमआरसी की ओर से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

दिसंबर 2004 से नवंबर 2015 के बीच येलो लाइन कॉरिडोर का विस्तार हुआ था.

इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 49 किलोमीटर है इस पर कुल 37 मेट्रो स्टेशन हैं और कुल 64 मेट्रो इस येलो लाइन पर चलती हैं. मेट्रो ट्रेनों के मेंटेनेंस के लिए वर्तमान में दिल्ली में तीन डिपो है जिसमें खैबर पास, सुल्तानपुर और बदली डिपो है. बदली डिपो की 20 मेट्रो ट्रेनों के मेंटेनेंस का काम 10 साल के लिए निजी एजेंसी को देने की तैयारी की जा रही है.

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि डीएमआरसी 10 साल के लिए मेट्रो के मेंटेनेंस का काम निजी एजेंसी को देता है तो इसमें करीब 400 करोड रुपए का खर्च आएगा मौजूदा समय में ट्रेनों के रखरखाव डीएमआरसी खुद करती है. रखरखाव पर खर्च कम करने के लिए या पहले पीएमसी की ओर से की गई है बता दे येलो लाइन पर पिछले कुछ साल से मेट्रो के परिचालन जिम्मेदारी भिन्न निजी एजेंसी की संभाल रही है.

ये भी पढ़ें- बेबी केयर सेंटर में आग लगने की घटना पर जांच के आदेश, स्वास्थ्य मंत्री ने हेल्‍थ सेक्रेटरी को भेजा ईमेल, कहा- कॉल-मैसेज का नहीं दे रहे जवाब

ये भी पढ़ें- नोएडा में तेज रफ्तार कार ने बुजुर्ग को मारी टक्कर, मौके पर ही मौत - Road Accident In Noida

नई दिल्ली: दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) मेट्रो के रखरखाव की जिम्मेदारी निजी हाथों में दे सकता है. इसके लिए डीएमआरसी की ओर से तैयारी शुरू कर दी गई है. सबसे पहले येलो लाइन पर चलने वाली मेट्रो के मेंटेनेंस का काम निजी कंपनी को दिया जाएगा. डीएमआरसी की ओर से टेंडर निकालने की प्रक्रिया शुरू कर दी गई है.

दिसंबर 2004 से नवंबर 2015 के बीच येलो लाइन कॉरिडोर का विस्तार हुआ था.

इस कॉरिडोर की कुल लंबाई 49 किलोमीटर है इस पर कुल 37 मेट्रो स्टेशन हैं और कुल 64 मेट्रो इस येलो लाइन पर चलती हैं. मेट्रो ट्रेनों के मेंटेनेंस के लिए वर्तमान में दिल्ली में तीन डिपो है जिसमें खैबर पास, सुल्तानपुर और बदली डिपो है. बदली डिपो की 20 मेट्रो ट्रेनों के मेंटेनेंस का काम 10 साल के लिए निजी एजेंसी को देने की तैयारी की जा रही है.

अधिकारियों से मिली जानकारी के मुताबिक यदि डीएमआरसी 10 साल के लिए मेट्रो के मेंटेनेंस का काम निजी एजेंसी को देता है तो इसमें करीब 400 करोड रुपए का खर्च आएगा मौजूदा समय में ट्रेनों के रखरखाव डीएमआरसी खुद करती है. रखरखाव पर खर्च कम करने के लिए या पहले पीएमसी की ओर से की गई है बता दे येलो लाइन पर पिछले कुछ साल से मेट्रो के परिचालन जिम्मेदारी भिन्न निजी एजेंसी की संभाल रही है.

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