नई दिल्ली/गाजियाबाद: गाजियाबाद कलेक्ट्रेट परिसर में जिला प्रशासन और सिविल डिफेंस द्वारा विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस पर प्रदर्शनी लगाई गई. प्रदर्शनी को विभिन्न स्कूलों के विद्यार्थी, स्काउट गाइड और एनसीसी के कैंडिडेट देखने पहुंचे. प्रदर्शनी में जिलाधिकारी इंद्र विक्रम सिंह समेत विभिन्न विभागों के अधिकारी मौजूद रहे. प्रदर्शनी के दौरान जिलाधिकारी ने विभिन्न स्कूलों से आए विद्यार्थियों के साथ विभाजन विभीषिका को लेकर बातचीत की.
'देश को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करें'
जिलाधिकारी इन्द्र विक्रम सिंह ने कहा, "विभाजन विभिषिका का दिन दोबारा ना आए इसके लिए हम सभी को मिलकर प्रेम, एकता और सौहार्द के साथ रहना है. हम सभी को अपने देश को मजबूती से आगे बढ़ाने के लिए सहयोग करना हैं. इसके लिए सभी बच्चे राष्ट्र निर्माण की भावना से खूब मेहनत व परिश्रम करते हुए शिक्षा, खेल सहित अन्य क्षेत्रों में पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करना है. हमारा देश धर्मनिरपेक्ष देश है और हम सभी भारतीय है. हम अपने देश को अपना घर समझते हुए रहना चाहिए. जो कार्य देशहित में ना हो उन कार्यों को नहीं करना चाहिए."
डीएम ने सभी बच्चों को राष्ट्रीय ध्वज के रंगों के बारे में जानकारी देते हुए बताया कि हमारे राष्ट्रीय ध्वज में केसरियां रंग त्याग, बलिदान, ऊर्जा का है. सफेद रंग शांति का, हरा रंग समृद्धि, हरियाली का और अशोक चक्र निरंतर क्रियाशील रहने का संदेश देता है. जिलाधिकारी द्वारा बच्चों के साथ सभी प्रदर्शनियों को देखा गया और जिलाधिकारी ने सभी विद्यार्थियों को प्रदर्शनी पर लगे चित्रों के बारे में विस्तार से बताया.
राजीव चौक और कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशनों पर लगी प्रदर्शनी
दिल्ली मेट्रो ने राजीव चौक और कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशनों पर विशेष प्रदर्शनियों के साथ 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' मनाया गया. 'विभाजन विभीषिका स्मृति दिवस' पर दिल्ली मेट्रो रेल कॉर्पोरेशन (डीएमआरसी) ने राजीव चौक और कश्मीरी गेट मेट्रो स्टेशनों पर प्रदर्शनियां लगाई हैं. प्रदर्शनी विभाजन की भयावहता और हमारे साझा इतिहास पर इसके गहरे प्रभाव को स्पष्ट रूप से चित्रित करती है. जन प्रतिनिधियों और प्रतिष्ठित वरिष्ठ नागरिकों की उपस्थिति में प्रदर्शनियों का औपचारिक उद्घाटन किया गया.
यह हमारे देश के इतिहास में मानव आबादी के सबसे बड़े विस्थापन की गंभीर याद दिलाता है, एक ऐसी घटना जिसने अनगिनत लोगों की जान ले ली और देश के सामाजिक ताने-बाने को हमेशा के लिए बदल दिया. यह प्रदर्शनी भारतीय ऐतिहासिक अनुसंधान परिषद (आईसीएचआर) और इंदिरा गांधी राष्ट्रीय कला केंद्र (आईजीएनसीए) के बीच एक सहयोगात्मक प्रयास है. प्रदर्शनियाँ 21 अगस्त, 2024 तक जनता के देखने के लिए उपलब्ध रहेंगी.
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