नई दिल्लीः मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज (एमएएमसी) के एमडी द्वितीय वर्ष के छात्र नवदीप सिंह की आत्महत्या मामले को दिल्ली मेडिकल काउंसिल (डीएमसी) ने स्वतः संज्ञान लिया है. डीएमसी ने इस घटना की जांच के लिए एक फैक्ट फाइंडिंग टीम का गठन किया है, जो इस मामले को देखेगी. फैक्ट फाइंडिंग टीम आत्महत्या की घटनाओं के पीछे के कारणों और चिकित्सा संस्थानों में मौजूदा स्थिति का भी पता लगाएगी.
डीएमसी की ओर से जारी गठित इस छह सदस्यीय समिति का चेयरमैन डीएमसी के अध्यक्ष डॉ. अरुण गुप्ता को बनाया गया है. साथ ही डीएमसी के सेक्रेटरी डॉ. गिरीश त्यागी को समिति का सेक्रेटरी भी बनाया गया है. इसके अलावा समिति में पांच सदस्य हैं. डीएमसी की ओर से जारी समिति गठन के नोटिस में जानकारी दी गई है कि फैक्ट फाइंडिंग कमेटी मेडिकल कॉलेजों में आत्महत्या की घटनाओं को रोकने के लिए सुझाव देगी. नोटिस में लिखा गया है कि बहुत से मेडिकल कॉलेजों में मेडिकल स्टूडेंट्स और डॉक्टरों के आत्महत्या के मामले बढ़ते जा रहे हैं. पिछले दो महीनों में एमएएमसी में दो मेडिकल छात्रों ने आत्महत्या की है. यह बड़े दुख की बात है.
15 सितंबर को नवदीप ने किया था सुसाइडः 15 सितंबर को एमएएमसी के पास ही अंजुमन धर्मशाला में रहने वाले पीजी द्वितीय वर्ष के छात्र नवदीप सिंह ने आत्महत्या कर ली थी. वह रेडियोलॉजी पीजी कर रहे थे. साथ ही वह नीट यूजी 2017 बैच के टॉपर थे. इससे पहले 28 अगस्त को भी एमएएमसी में ही पीजी प्रथम वर्ष के एक छात्र ने भी आत्महत्या कर ली थी. वह हरियाणा के बहादुरगढ़ का रहने वाला था.
फैक्ट फाइंडिंग टीम के सदस्य
- डॉ. अरुण गुप्ता- चेयरमैन
- डॉ. गिरीश त्यागी- सेक्रेटरी
- डॉ. प्रेम अग्रवाल- सदस्य
- डॉ. अश्विनी डालमिया- सदस्य
- डॉ. मनीष कुमाथ- सदस्य
- डॉ. अनुज मित्तल- सदस्य
पिता टीचर, भाई कर रहा MBBS की पढ़ाईः नवदीप के पिता गोपाल सिंह सरकारी स्कूल में प्रिंसिपल हैं. उनकी मां सिमरनजीत कौर इंश्योरेंस कंपनी में काम करती हैं. उनका छोटा भाई भी है, वह चंडीगढ़ के एक कॉलेज से MBBS की पढ़ाई कर रहा है. बताया जाता है कि नवदीप को बचपन में क्रिकेट खेलने का शौक था. 12वीं करने के बाद उनका सपना था कि वह दिल्ली के बड़े मेडिकल कॉलेज में पढ़ाई कर डॉक्टर बनेगा. 2017 में उन्होंने NEET में ऑल इंडिया टॉप किया.
यह भी पढ़ेंः NEET टॉपर और मौलाना आजाद मेडिकल कॉलेज के MD स्टूडेंट ने की आत्महत्या