नई दिल्ली/ग्रेटर नोएडा: ग्रेटर नोएडा में लगातार ओवरलोड वाहनों से हादसे बढ़ते जा रहे हैं. उन पर रोक लगाने के लिए गौतमबुद्ध नगर में एक जनपद स्तरीय कार्यबल (टास्क फोर्स) का गठन किया गया है. जो लगातार ओवरलोड वाहनों पर कार्रवाई कर रही है, लेकिन जांच में पता चला कि ओवरलोड वाहन ज्यादातर हरियाणा और राजस्थान से आ रहे हैं. जिसके बाद गौतमबुद्ध नगर के जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने राजस्थान और हरियाणा के संबंधित जिलों के जिला अधिकारियों को पत्र लिखकर ओवरलोड वाहनों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है.
दरअसल, उत्तर प्रदेश सरकार के निर्देश में अवैध उपखनिज परिवहन तथा ओवरलोडिंग पर प्रभावित नियंत्रण के लिए जनपद में टास्क फोर्स का गठन किया गया है. जो परिवहन विभाग की संयुक्त टीम के द्वारा नियमित ओवरलोड अवैध उपखनिज परिवहन की जांच कर रही है. जांच के बाद जानकारी सामने आई की हरियाणा और राजस्थान की सीमाओं से रोड़ी और दस्त से लदे हुए वाहनों द्वारा बिना वैध परिवहन प्रपत्र तथा ओवरलोड और बिना आईएसटीपी प्रपत्र के अवैध परिवहन किया जा रहा है.
हरियाणा और राजस्थान से आरहे ओवरलोडिंग वाहन
जिले में लगातार हो रहे ओवरलोड वाहनों से हादसों को देखते हुए जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने मामले पर गंभीरता जताते हुए कार्रवाई शुरू की है. जिसके चलते हादसों में कमी लाने के लिए और ओवरलोडिंग पर रोक लगाने के लिए जनपद स्तरीय कार्य बल (टास्क फोर्स) और परिवहन विभाग की टीम संयुक्त रूप से जांच कर रही है. इस जांच में पता चला कि उत्तर प्रदेश के निकटवर्ती राज्य हरियाणा और राजस्थान से अधिकतर ओवरलोडिंग वाहन ईस्टर्न पेरीफेरल एक्सप्रेसवे के द्वारा गौतम बुद्ध नगर में आ रहे हैं.
कई जिलों के जिलाधिकारियों को लिखा पत्र
हरियाणा के महेंद्रगढ़, चरखी दादरी, यमुनानगर व राजस्थान के अलवर और हनुमानगढ़ स्थित कलेशर प्लांट से वहान रोड़ी व दस्त ओवरलोड लेकर उत्तर प्रदेश के गौतमबुद्ध नगर में आ रहे हैं. जिलाधिकारी मनीष कुमार वर्मा ने हरियाणा राज्य के जिलाधिकारियों को पत्र लिखकर ओवरलोडिंग वाहनों पर रोक लगाने का अनुरोध किया है. इसके साथ ही अपने स्तर से विशेष अभियान चलाकर खनिज परिवहन ओवरलोडिंग करने वाले वाहनों पर उचित कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को निर्देशित कर दिया है.
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