फरीदाबाद: इन दिनों त्यौहार का सीजन चल रहा है और सनातन धर्म के कई प्रमुख व्रत व त्योहार भी इन दिनों चल रहे हैं. इसी महीने में दिवाली का पर्व भी आ रहा है. जिसको हिंदू धर्म के साथ-साथ अन्य धर्म के लोग भी धूमधाम से मनाते हैं. दीपावली के त्योहार को हिंदुओं का सबसे प्रमुख त्योहार माना जाता है. इसको खुशियों का त्योहार भी माना जाता है. दीपावली के शुभ अवसर पर लोग अपने घरों में देवी लक्ष्मी की पूजा-अर्चना करते हैं. ताकि उनके घर में सुख समृद्धि बनी रहे. इस बार दिवाली की तारीख लेकर लोगों में असमंजस की स्थिति है, कि मां लक्ष्मी की पूजा किस दिन होगी और अमावस्या किस दिन मनाई जाएगी.
कब मनाया जाएगा दिवाली पर्व: पंडित विश्वनाथ ने बताया कि दिवाली का त्योहार पांच दिनों का त्यौहार होता है. जिसमें धनतेरस से लेकर भाई दूज तक त्यौहार शामिल होते हैं. पंडित ने बताया कि अमावस्या की रात्रि का दिवाली के त्योहार पर विशेष महत्व होता है. इस बार हिंदू पंचांग के अनुसार यह अमावस्या 31 अक्टूबर की रात को है. माना जाता है कि इस रात के दिन अमावस्या के अवसर पर माता लक्ष्मी धरती पर आती हैं और जो अपने भक्तों के घर जाकर सुख समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं. वहीं, उन्होंने एक और तर्क बताया कि दीपावली के दिन प्रदोष काल के समय पूजा होती है और हिंदू पंचांग के अनुसार इस बार 31 अक्टूबर को ही प्रदोष काल लग रहा है. इसलिए दिवाली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी.
लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त: पंडित ने बताया कि दीपावली के त्यौहार के अवसर पर रात के समय दीपदान किया जाता है और दिवाली के पर्व पर उदय तिथि का महत्व नहीं माना जाता. इसमें कार्तिक अमावस्या और प्रदोष काल के अनुसार ही पूजा का महत्व होता है. हिंदू पंचांग के अनुसार यह कार्तिक अमावस्या 31 अक्टूबर को दोपहर बाद 3:11 पर शुरू होगी. जबकि इसका समापन 1 नवंबर को 5:12 पर होगा. दीपावली पर रात का महत्व होता है. इसलिए यह दीपावली 31 अक्टूबर को मनाई जाएगी. इसलिए 31 अक्टूबर को दीपावली पूजा करने का पहला शुभ मुहूर्त प्रदोष काल के समय शाम के 5:12 से 6:15 तक रहेगा.
1 नवंबर को आयुष्मान योग: दूसरा शुभ मुहूर्त स्थिर लग्न में वृषभ लग्न में 6:28 से 8:24 तक रहेगा. वहीं, सिंह लग्न में शुभ मुहूर्त रात के 12:56 से सुबह के 3:10 तक रहेगा. वहीं, कुछ ज्योतिष आचार्य का मानना है कि इस बार दीपावली मनाने के लिए तिथि को लेकर असमंजस की स्थिति बनी हुई है. जहां कुछ 31 तारीख को दीपावली मनाने का तर्क दे रहे हैं. तो वहीं कुछ 1 नवंबर को दीपावली मनाने का तर्क दे रहे हैं. हिंदू पंचांग के अनुसार 1 नवंबर को आयुष्मान योग और स्वाति नक्षत्र का योग बन रहा है.
प्रदोष काल में दीपावली मनाने का महत्व होता है. ऐसे में इस बात पर प्रदोष काल 31 अक्टूबर और 1 अक्टूबर दोनों को पढ़ रहा है. जिसके चलते भी लोगों में असमंजस की स्थिति बनी हुई है. ऐसे में यह भी दीपावली के लिए काफी शुभ है. लेकिन दीपावली मनाने की बात करें तो दीपावली का त्यौहार रोशनी और दिए का त्यौहार होता है. इसलिए 31 अक्टूबर के दिन दीपावली मनाना ज्यादा शुभ माना जा रहा है.
धनतेरस से लेकर भाई दूज तक की तिथि: हिंदू पंचांग के अनुसार 29 अक्टूबर को धन त्रयोदशी यानी धनतेरस मनाई जा रही है. 30 अक्टूबर को हनुमान जयंती और छोटी दिवाली मनाई जाएगी. 31 अक्टूबर को बड़ी दिवाली मनाई जाएगी. तो वहीं, 2 नवंबर को गोवर्धन पूजा और उसके बाद 3 नवंबर को भाई दूज का त्यौहार मनाया जाएगा.
माता लक्ष्मी और गणेश पूजा का विधि विधान: दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश का पूजन किया जाता है. उसका पूजन करने के लिए पहले पानी में स्नान करें. उसके उपरांत भगवान गणेश और माता लक्ष्मी का पांच अमृत के साथ जल अभिषेक करें. उसके बाद गणेश भगवान को पीले रंग के फल, फूल, चंदन और दूर्वा अर्पित करें. माता लक्ष्मी के लिए लाल रंग के फल फूल सिंगार और चंदन अर्पित करें. उसके बाद अपने घर के मंदिर में दीपक जलाएं और गणेश चालीसा के साथ-साथ लक्ष्मी माता के लिए सूक्तम का पाठ करें. दीपावली की भी कथा पढ़ें. उसके बाद दोनों की आरती करें और उनके आगे प्रसाद का भोग लगाने के बाद सभी को प्रसाद दें. घर में सुख समृद्धि और लक्ष्मी आने के लिए दोनों से प्रार्थना करें. इसके साथ ही अपने घर पर दीपक जलाएं.
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