DIWALI PUJA VIDHI: ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, दीपावली 31 अक्टूबर गुरुवार के दिन है. इस मौके पर माता लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की पूजा की जाती है. इस दिन पूजा की तैयारी में कुछ चीजों का प्रबंध सुबह से ही कर लेनी चाहिए. जिस घर में या प्रतिष्ठान में लक्ष्मी जी की पूजा की जाती है, वहां पर बरक्कत होती है. प्रतिष्ठान में पैसा आता है और घर में शांति बनी रहती है. इस दिन प्रातः कालीन फूल और पूजन की सामग्री इकट्ठा कर लें. सामग्री को वहां ले जाकर संचित कर लें, जहां पूजा करनी है. विशेष कर कमल का फूल, गेंदे का फूल, गुड़हल का फूल, जरूर इकट्ठा कर लें और एक सुंदर थाली में सजा लें.
लक्ष्मी पूजा सटीक मुहूर्त
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''विशेष ध्यान रखें कि प्रतिष्ठानों में पूजा करने का मुहूर्त दिन में 3:00 बजे से लेकर रात्रि के 7:18 बजे तक है. क्योंकि स्थिर लग्न है और इस लग्न में पूजा करने से उस जगह पर लक्ष्मी जी स्थिर रूप से निवास करती हैं. मध्यम लग्न शाम 8:00 बजे से लेकर 10:35 बजे तक है इसमें, मध्य योग बनेगा उसमें भी पूजा होगी, उसमें कुबेर, लक्ष्मी और गणेश जी की पूजन करके वहां पर उनकी स्थापना करें. द्वितीया के दिन पुनः पूजन करके विसर्जन करें.''
दीवाली के दिन ऐसे करें निशा पूजा
ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''दीपावली के दिन एक निशा पूजा होती है, जो की मध्य रात्रि 1:05 बजे से लेकर तड़के 3:00 बजे के बीच में की जाती है. विशेष रूप से पूजन करके पीले कपड़े में बैठें, और वहां पर अधिकांश फूल पीले रंग का रखें. लक्ष्मी जी के ऊपर वो पुष्प अर्पित करें और हवन में कमलगट्टा और घी का प्रयोग करते हुए हवन करें. ऐसा करने से लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न हिती हैं. जो व्यक्ति घरों में पूजन करते हैं उनके लिए शुभ मुहूर्त शाम 6:00 बजे से लेकर 9:00 बजे के बीच है. इससे स्थिर योग रहेगा और लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी.''
किसान से लेकर शहरों के शुभ मुहूर्त
- ज्योतिष आचार्य पंडित सुशील शुक्ला शास्त्री बताते हैं कि, ''जो किसान वर्ग हैं और गांव में निवास करते हैं उनके लिए भी शुभ मुहूर्त है. वो शाम 5:00 बजे से लेकर 8:00 के बीच मां लक्ष्मी, गणेश जी और कुबेर की पूजन करें तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होती हैं.
- रीवा शहडोल में लक्ष्मी गणेश पूजन के शुभ मुहूर्त की बात करें इन जगहों पर लक्ष्मी जी का पूजन सायं कालीन शाम 7:00 बजे से लेकर 10:35 के बीच है.
- सागर संभाग की बात करें तो वहां पर शाम 7:00 बजे से लेकर के 11:00 बजे रात्रि तक शुभ मुहूर्त है.
- भोपाल-इंदौर की बात करें तो इंदौर शहर के लिए पूजन का मुहूर्त शाम 6:00 बजे से लेकर रात्रि 10:20 तक मुहूर्त है. इस मुहूर्त में पूजन करें तो लक्ष्मी जी प्रसन्न होंगी.
- जबलपुर और ग्वालियर में पूजन का विशेष मुहूर्त सायं कालीन 6:33 से लेकर 10:35 के बीच रहेगा. इस वक्कत पूजन करेंगे तो लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होंगी.
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ऐसे करें लक्ष्मी गणेश पूजन
ज्योतिष आचार्य बताते हैं कि, ''लक्ष्मी जी के पूजन से पहले एक सुंदर पटा रख लें, उसमें लाल वस्त्र बिछा दें. उसके ऊपर लक्ष्मी जी, गणेश जी और कुबेर जी की मूर्ति रखें. इसके बाद गंगाजल शहद शक्कर से स्नान कराएं, दिव्य वस्त्र से उन्हें सुसज्जित करें. प्रक्षादित करके सुगंधित तेल लगा कर लाल फूल से सजा दें. विभिन्न प्रकार के फल और मिष्ठान वहां पर अर्पित करें. इसके बाद हवन करें, आरती करें. मूर्ति के पास धनिया, बताशा, सीताफल रखकर भोग लगाएं. प्रतिमा को उसी जगह पर रहने दें. तीसरे दिन यानि द्वितीया के दिन फिर से पूजन करके उस प्रसाद को सभी लोगों में वितरित करें, तो लक्ष्मी जी बहुत प्रसन्न होती हैं. धन का आगमन होता है और स्थिर रूप से लक्ष्मी जी वहां निवास करती हैं.''