पटना: दिवाली कब मनाई जाएगी, इसको लेकर लगातार कन्फ्यूजन की स्थिति बनी हुई है. लेकिन अंततः तय हुआ कि 31 अक्टूबर को अमावस्या के दिन दीपावली जाएगी और मां लक्ष्मी के साथ काली पूजा भी इसी दिन होगी. हालांकि इस बार अमावस्या की तिथि विस्तारित है और अगले दिन भी अमावस्या की तिथि पर रही है जिसे पंडित बेहद शुभकारी बता रहे हैं. तो आइए आपको बताते हैं दिवाली पर लक्ष्मी पूजन का शुभ मुहूर्त कब से कब तक है.
लक्ष्मी पूजा के बन रहे हैं दो शुभ मुहूर्त: पटना के महावीर मंदिर के ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मुक्ति कुमार झा ने बताया कि इस बार दीपावली के दिन लक्ष्मी पूजन के दो शुभ मुहूर्त बना रहे हैं. सबसे पहले प्रदोष समय में शाम 6:28 बजे से 8:24 तक है. इस दौरान स्थित लग्न है, ऐसे में यह बेहद शुभकारी है. इस दौरान नए कार्य की शुरुआत करना भी शुभकारी होगा.
गणेश-लक्ष्मी को खील बताशे का लगाए भोग: ज्योतिषाचार्य डॉक्टर मुक्ति कुमार झा ने कहा कि इसके बाद निशि रात में 12:00 बजे से 03:11 तक भी लक्ष्मी पूजा का बेहद शुभ समय है. गणेश लक्ष्मी की पूजा करते हैं तो यदि कोई मिट्टी की प्रतिमा है तो उसकी प्राण प्रतिष्ठा करनी होती है, क्योंकि उसका विसर्जन होता है. यदि मेटल की मूर्ति है तो एक बार उसका प्राण प्रतिष्ठा हो जाता है तो दोबारा सामान्य रूप से पूजा की जाती है. इस दिन खील बताशे का भगवान गणेश लक्ष्मी को भोग लगता है.
31 अक्टूबर को दीपावली: ज्योतिषाचार्य ने बताया कि मिथिला पंचांग 1 वर्ष पूर्व ही तैयार हो जाता है. ऐसे में पिछले वर्ष जब वह पंचांग तैयार कर रहे थे तो इस बात का एहसास हुआ था कि दीपावली की तिथि को लेकर विवाद की स्थिति होगी. लेकिन उन्होंने शास्त्र सम्मत हमेशा की तरह धनतेरस की परसों रोज दीपावली की तिथि निर्धारित की. विद्वानों में बीते दिनों कुछ विवाद हुए लेकिन अब सब स्पष्ट हो गया है कि 31 अक्टूबर को ही दीपावली मनाई जाएगी.
"दीपावली के दिन माता लक्ष्मी और गणेश जी के पूजन का विशेष महत्व होता है. सनातन को मानने वाले लोगों को इस दिन माता लक्ष्मी और गणेश की पूजा जरूर करनी चाहिए. अगर पुरोहित नहीं मिलते हैं तो भी साफ मन से घर के सामान्य पूजा विधि विधान से दोनों की पूजा की जा सकती है." -मुक्ति कुमार झा, ज्योतिषाचार्य
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