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यूपी में बाढ़ का कहर; 36 घंटे लगातार बारिश के बाद नेपाल ने छोड़ा पानी, DM व SP ने बाढ़ प्रभावित गांवों का किया निरीक्षण - Maharajganj News - MAHARAJGANJ NEWS

नेपाल के समीप लक्ष्मीपुर खुर्द गांव समेत तमाम गांव बाढ़ से प्रभावित (Maharajganj News) हैं. जिसको लेकर जिलाधिकारी व एसपी ने सोहागीबरावा गांव पहुंचकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का नाव में बैठकर निरीक्षण किया और राहत सामग्री भी बांटी.

यूपी में बाढ़ का कहर
यूपी में बाढ़ का कहर (Photo credit: ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Sep 30, 2024, 11:40 AM IST

Updated : Sep 30, 2024, 1:32 PM IST

महराजगंज/बहराइच : पूर्वांचल सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में पिछले 36 घंटे से मूसलाधार बारिश के चलते नेपाल ने लगभग छह लाख क्यूसेक छोड़ा है, जिसके बाद नेपाल से बहने वाली तमाम नदियां उफान पर हैं. भारत के अंतिम छोर पर बसे नेपाल के समीप लक्ष्मीपुर खुर्द गांव समेत तमाम गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, वहीं सोहागीबरावा गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हो गया है.

जिलाधिकारी व एसपी ने सोहागीबरावा गांव पहुंचकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का नाव में बैठकर निरीक्षण किया और राहत सामग्री भी बांटी. जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि बाढ़ राहत का कार्य बेहद संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ किया जाए. किसी भी स्तर पर कोई शिथिलता क्षम्य नहीं होगी. उन्होंने उपजिलाधिकारी को रोजाना बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया. साथ ही पशुआश्रय स्थलों पर पर्याप्त चारा और दवा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. साथ ही बाढ़ के उपरांत जल जनित रोगों से बचाव के संदर्भ में भी जरूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ और बाढ़ पुलिस की टीमें भी लगाई गई हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर कम हो रहा है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं.

यूपी में बाढ़ का कहर (Video credit: ETV Bharat)

इन गांवों में पानी घुसने से बिगड़े हालात : यागी तूफान के प्रभाव के कारण बीते दिनों यूपी के कई जिलो में करीब 4 दिन लगातार तूफानी बारिश हुई थी. इसके चलते नदियां उफान पर हैं. संतकबीरनगर जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके अलावा उन्नाव में भी गंगा नदी उफान पर है. बढ़ते हुए जलस्तर ने संतकबीरनगर जिले के धनघटा के दर्जन भर गांवों में तबाही मचा दी थी. बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया था, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. क्षेत्र के गायघाट, कंचनपुर, सियरकला, चकदहा,, भौआपार, खैरगढ़, दौलतपुर, आगापुर गुलरिया, कुर्मियां, भरौटी, खालेपुरवा समेत कई गांवों में पानी घुसने से हालात बिगड़ने के साथ ही इन गांवों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में पानी भर गया था.

बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर
बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर (Photo credit: ETV Bharat)

बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर : नेपाल में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं. नेपाल की कोसी नदी उफान पर है, जिससे भारी तबाही मची हुई है. इसके बाद अब बहराइच जनपद में घाघरा नदी का भी जलस्तर बढ़ने लगा है. बहराइच तराई क्षेत्र वाला इलाका माना जाता है और यहां हर साल बाढ़ की समस्या से हजारों लोग बेघर होते हैं. सुजौली क्षेत्र के गुप्तापुरवा गांव को घाघरा नदी ने आगोश में ले लिया है, जिसके चलते गांव का अस्तित्व लगभग पूरा खत्म हो गया है. कटान से बेघर ग्रामीण सरयू नहर के किनारे पंचायत भवन और सरकारी स्कूल में शरण ले रहे हैं. सभी लोग अपनी फसल को काटकर बचाने का प्रयास कर रहे हैं. एक वीडियो भी आया जिसमें घाघरा नदी में एक विशालकाय पेड़ समाहित हो गया. सुजौली क्षेत्र के गुप्तापुरवा गांव में तीन दर्जन से अधिक घर घाघरा नदी में अभी तक समाहित हो चुके हैं और 500 से अधिक लोग इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.



यह भी पढ़ें : नेपाल में बाढ़, भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हुई, राहत-बचाव अभियान जारी - floods landslides in Nepal

यह भी पढ़ें : यूपी में बाढ़ का कहर; कानपुर में गंगा ने फिर दिखाया रोद्र रूप, खोलने पड़े बैराज के 30 गेट, 4 गांव डूबे - Flood in UP


महराजगंज/बहराइच : पूर्वांचल सहित पड़ोसी राष्ट्र नेपाल में पिछले 36 घंटे से मूसलाधार बारिश के चलते नेपाल ने लगभग छह लाख क्यूसेक छोड़ा है, जिसके बाद नेपाल से बहने वाली तमाम नदियां उफान पर हैं. भारत के अंतिम छोर पर बसे नेपाल के समीप लक्ष्मीपुर खुर्द गांव समेत तमाम गांव बाढ़ से प्रभावित हैं, वहीं सोहागीबरावा गांव पूरी तरह से बाढ़ से प्रभावित हो गया है.

जिलाधिकारी व एसपी ने सोहागीबरावा गांव पहुंचकर बाढ़ से प्रभावित क्षेत्रों का नाव में बैठकर निरीक्षण किया और राहत सामग्री भी बांटी. जिलाधिकारी अनुनय झा ने बताया कि बाढ़ राहत का कार्य बेहद संवेदनशीलता और सक्रियता के साथ किया जाए. किसी भी स्तर पर कोई शिथिलता क्षम्य नहीं होगी. उन्होंने उपजिलाधिकारी को रोजाना बाढ़ राहत कार्यों की समीक्षा करने का निर्देश दिया. साथ ही पशुआश्रय स्थलों पर पर्याप्त चारा और दवा की व्यवस्था करने का निर्देश दिया. साथ ही बाढ़ के उपरांत जल जनित रोगों से बचाव के संदर्भ में भी जरूरी व्यवस्था करने का निर्देश दिया. बाढ़ के हालात को देखते हुए प्रभावित क्षेत्रों में एसडीआरएफ और बाढ़ पुलिस की टीमें भी लगाई गई हैं. वर्तमान में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों में जलस्तर कम हो रहा है और हालात पूरी तरह नियंत्रण में हैं.

यूपी में बाढ़ का कहर (Video credit: ETV Bharat)

इन गांवों में पानी घुसने से बिगड़े हालात : यागी तूफान के प्रभाव के कारण बीते दिनों यूपी के कई जिलो में करीब 4 दिन लगातार तूफानी बारिश हुई थी. इसके चलते नदियां उफान पर हैं. संतकबीरनगर जिले में घाघरा नदी खतरे के निशान से ऊपर बह रही है. नेपाल से पानी छोड़े जाने के बाद घाघरा नदी का जलस्तर काफी बढ़ गया है. इसके अलावा उन्नाव में भी गंगा नदी उफान पर है. बढ़ते हुए जलस्तर ने संतकबीरनगर जिले के धनघटा के दर्जन भर गांवों में तबाही मचा दी थी. बाढ़ का पानी गांवों में घुस गया था, जिससे ग्रामीणों को गंभीर समस्याओं का सामना करना पड़ रहा था. क्षेत्र के गायघाट, कंचनपुर, सियरकला, चकदहा,, भौआपार, खैरगढ़, दौलतपुर, आगापुर गुलरिया, कुर्मियां, भरौटी, खालेपुरवा समेत कई गांवों में पानी घुसने से हालात बिगड़ने के साथ ही इन गांवों में स्थित परिषदीय विद्यालयों में पानी भर गया था.

बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर
बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर (Photo credit: ETV Bharat)

बहराइच में बढ़ने लगा घाघरा का जलस्तर : नेपाल में लगातार कई दिनों से हो रही बारिश के चलते नदियां उफान पर हैं. नेपाल की कोसी नदी उफान पर है, जिससे भारी तबाही मची हुई है. इसके बाद अब बहराइच जनपद में घाघरा नदी का भी जलस्तर बढ़ने लगा है. बहराइच तराई क्षेत्र वाला इलाका माना जाता है और यहां हर साल बाढ़ की समस्या से हजारों लोग बेघर होते हैं. सुजौली क्षेत्र के गुप्तापुरवा गांव को घाघरा नदी ने आगोश में ले लिया है, जिसके चलते गांव का अस्तित्व लगभग पूरा खत्म हो गया है. कटान से बेघर ग्रामीण सरयू नहर के किनारे पंचायत भवन और सरकारी स्कूल में शरण ले रहे हैं. सभी लोग अपनी फसल को काटकर बचाने का प्रयास कर रहे हैं. एक वीडियो भी आया जिसमें घाघरा नदी में एक विशालकाय पेड़ समाहित हो गया. सुजौली क्षेत्र के गुप्तापुरवा गांव में तीन दर्जन से अधिक घर घाघरा नदी में अभी तक समाहित हो चुके हैं और 500 से अधिक लोग इधर उधर भटकने को मजबूर हैं.



यह भी पढ़ें : नेपाल में बाढ़, भूस्खलन से मरने वालों की संख्या बढ़कर 170 हुई, राहत-बचाव अभियान जारी - floods landslides in Nepal

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Last Updated : Sep 30, 2024, 1:32 PM IST
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