बिलासपुर/दुर्ग: छत्तीसगढ़ हाईकोर्ट ने पटाखा दुकानों और गोदामों को घनी आबादी से दूर रखने के आदेश दिए हैं. इस ऑर्डर को तामील कराने के लिए प्रदेश के सभी जिलों के कलेक्टर एक्शन मोड में हैं. कलेक्टरों ने सभी जिलों में पटाखा बाजार और गोदामों को शहर या कस्बों से दूर रखने के लिए पटाखा करोबारियों को अल्टीमेटम दिया है.
"अवैध रूप से पटाखा बेचने पर होगी कार्रवाई": दुर्ग जिले के मुख्य बाजार से लेकर बड़े बड़े मुहल्लों में भी पटाखा दुकान संचालित है. इनमें खासतौर पर पावर हाउस, स्मृति नगर, खुर्सीपार, भिलाई तीन, दुर्ग के इंदिरा मार्केट, जामुल सहित बहुत से घनी आबादी वाले क्षेत्र हैं. दुर्ग कलेक्टर ने इन सभी पटाखा दुकानों की जांच करने के आदेश जारी किए हैं. साथ ही अवैध तरीके से चल रहे पटाखा दुकानों पर जल्द नगर निगम और रेवेन्यू प्रशासन को एक्शन लेने के लिए कहा गया है.
दुर्ग जिले में जितने भी पटाखा दुकान संचालित किये जा रहे हैं, उन सभी के लाइसेंस को एसडीएम और निगम अधिकारी दुकान में जाकर चेक करेंगे. नियम अनुसार पटाखे बेचे जा रहे हैं या नहीं इसकी जांच की जाएगी. पटाखों के अवैध भंडारण करने पर सख्त कार्रवाई के आदेश जारी किए गए हैं.-ऋचा प्रकाश चौधरी, कलेक्टर, दुर्ग
बिलासपुर में जांच टीम गठित: बिलासपुर कलेक्टर अवनीश शरण ने गुरुवार को एसडीएम के नेतृत्व में चार सदस्यीय टीम गठित की है. यह टीम जांच करने के बाद 3 दिन के अंदर कलेक्टर कार्यालय में रिपोर्ट पेश करेगी. आदेश में पटाखा दुकान और गोदाम के लिए जांच के बिन्दु निर्धारित किए गए हैं.
दरअसल, मध्य प्रदेश के हरदा जिले में पिछले दिनों पटाखा गोदाम में विस्फोट हो गया था. इस हादसे में 11 लोगों की मौत हो गई और 174 घायल हो गए. इससे सबक लेते हुए एहतियातन छत्तीसगढ़ के सभी जिलों में अलर्ट जारी किया गया है.