लखनऊ: लखनऊ नगर निगम (Lucknow Municipal Corporation) सदन में बुधवार को भाजपा पार्षद राम नरेश रावत के अमर्यादित टिप्पणी के बाद उपजे विवाद ने तूल पकड़ लिया है. नगर आयुक्त-महपौर और पार्षद के बीच हुए मामले की रिपोर्ट शासन ने मांगी है. वहीं महापौर सुषमा खर्कवाल ने भी सदन की रिकॉडिंग मंगवाई है. उधर, भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने नगर आयुक्त, महापौर, उपाध्यक्ष समेत कई अन्य भाजपा पार्षदों के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने के लिए पुलिस कमिश्नर को आनलाइन तहरीर दी है. बुधवार को विशेष सदन की बैठक के दौरान कचरा कंपनी रामकी को लेकर बवाल मच गया था.
पार्षद रामनरेश रावत ने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह पर ऑफर लेने का आरोप लगाया तो नगर आयुक्त ने सख्त नाराजगी जाहिर की. और वह सदन से बाहर चले गए थे. इसके बाद महापौर ने भी पार्षद को सदन से बाहर करने के निर्देश दिए तो फिर बवाल खड़ा गया था. महापौर के बार-बार कहने और सदन से निष्काासित करने के आदेश के बाद भी बाहर नहीं गए. इसकी वजह से पुलिस बुलानी पड़ी थी. भाजपा के पार्षदों ने ही उन्हें सदन से घसीटकर किया. हालांकि राम नरेश रावत ने छत से कूदकर आत्महत्या करने की धमकी दी तो उन्हें छोड़ दिया गया था.
यही नहीं पिछले कार्यकाल में भी राम नरेश रावत का तत्कालीन महापौर संयुक्ता भाटिया से काफी विवाद हुआ था. उन पर भी तमाम गंभीर आरोप लगाए थे. इस पूरी रिपोर्ट को राम नरेश के खिलाफ कार्रवाई के लिए भेजा जाएगा. कहा जा रहा है कि इस रिपोर्ट से पार्षद की सदस्यता तक जा सकती है. सदन में चार कैमरे भी लगाए गए थे, जिससे कार्यवाही की वीडियो रिकॉर्डिंग भी हो रही थी. महापौर ने बुधवार को ही सदन की बैठक की पूरी रिकॉर्डिंग मंगाई थी. नगर निगम ने गुरुवार को रिकॉर्डिंग भेज दी, जिसे देखकर मेयर शुक्रवार को अपनी रिपोर्ट तैयार कर शासन को भेजेंगी.
महापौर ने कहा- विनाश काले विपरीत बुद्धि: महापौर सुषमा खर्कवाल ने कहा मैं शादी से लौटी हूं. सदन में ऐसा कुछ भी गलत नहीं किया गया. नियमों के तहत कार्रवाई की गई. विनाश काले विपरीत बुद्धि. मैंने नियमों के तहत सदन से बाहर किया फिर नगर अध्यक्ष को बुला लिया गया.
भाजपा नेता डॉ. दिनेश शर्मा से पार्षद ने की शिकायत: भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने महापौर व नगर आयुक्त की शिकायत पूर्व उपमुख्यमंत्री डॉ. दिनेश शर्मा से की है. पूर्व उपमुख्यमंत्री के आवास पर पहुंचकर आरोपी पार्षद ने मेयर और नगर आयुक्त की शिकायत करते हुए कई गम्भीर आरोप लगाए हैं. इस अवसर पर पार्षद मुन्ना मिश्रा, प्रमोद सिंह राजन व बीजेपी के कई अन्य पार्षद मौजूद रहे. पार्षद ने सदन में नगर आयुक्त ने उन्हें जान से मारने की धमकी देने की बात कही है. मेयर ने भी गलत तरीके से बात की. इस पर दिनेश शर्मा ने कहा कि पहले जाकर मेयर सुषमा खर्कवाल से माफी मांगनी चाहिए. वह मां की तरफ ही हैं, उनके खिलाफ अमर्यादित टिप्पणी बिल्कुल उचित नहीं है.
पार्षद के खिलाफ कार्रवाई की मांग: नगर निगम एवं जल कल कर्मचारी संघ के अध्यक्ष शशि कुमार मिश्रा ने सदन की घटना पर संगठन गहरा आक्रोश व्यक्त किया है। मांग की है तत्काल ऐसे पार्षद रामनरेश के खिलाफ कठोर कार्यवाही की जाये, क्योंकि इनके नगर आयुक्त व महापौर के खिलाफ अभ्रद व्यवहार व बहुत ही खेद जनक आरोप लगाए हैं। यदि ऐसे दुर्व्यवहार पार्षद के खिलाफ समय रहते कठोर कार्यवाही नहीं की गयी, तो संगठन आन्दोलन एवं कार्य बन्दी के लिए बाध्य होगा।
पार्षदों ने लात-घूसों से पीटा, मेयर के बयान से हुआ अपमानित: भाजपा पार्षद राम नरेश रावत ने पुलिस कमिश्नर को दी गई तहरीर में आरोप लगाया है कि बुधवार को सदन के दौरान उन्होंने नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह से रामकी कंपनी के बारे में सवाल किए. उनके वार्ड में कई महीनों से कूड़ा नहीं उठ रहा है और आप भ्रष्ट कंपनी रामकी को काम दे रहे हैं उसने ऐसा क्या ऑफर दे दिया है. इस पर नगर आयुक्त आग बबुला हो गए. इसके बाद बंद कमरे में बैठक की गई. नगर आयुक्त, महापौर, पार्षद मुकेश सिंह मोंटी, गिरीश गुप्ता, अनुराग मिश्रा अन्नू, रंजीत सिंह व साथ में अन्य कई पार्षद ने सदन के अंदर बलपूर्वक मारते पीटते हुए सदन से बाहर किया. मुकेश मोेंटी व गिरीश गुप्ता ने पीटते हुए, पीठ में लात घूसों से मारा. उसके बाद महापौर ने कहा मैंने चीरहरण किया है.
नगर आयुक्त ने कहा आई विल किल यू: उन्होंने बताया कि नगर आयुक्त ने कहा आई विल किल यू. महापौर ने बलात्कारी बोल कर अपमानित किया है. मैं बहुत डरा हूं. मेरी हत्या नगर आयुक्त इंद्रजीत सिंह व महापौर सुषमा खर्कवाल आपस में मिलकर करवा सकते हैं. राम नरेश रावत ने उक्त सभी के खिलाफ एससी, एसटी एक्ट के तहत मुकदमा दर्ज कराने का अनुरोध किया है. राम नरेश रावत ने कहा कि पुलिस मुकदमा दर्ज नहीं करती है तो वह कोर्ट जाएंगे. उनके पास सारे दरवाजे खुले हैं.