टोंक. राजस्थान में भले ही सरकार बदली हो पर अधिकारियों का रवैया अभी तक नहीं बदला है. कलेक्ट्रेट में आयोजित बैठक में इसकी बानगी देखने को मिली. टोंक-सवाई माधोपुर सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया की अध्यक्षता में दिशा की बैठक का आयोजन हुआ. बैठक में बिजली, पानी, सड़क, चिकित्सा, सीवरेज और नगर परिषद सहित कई महकमों के अधिकारी शामिल हुए. बैठक के एजेंडे में शामिल मुद्दों पर अधिकारी लीपापोती करते नजर आए. हर महकमे के अधिकारियों को सांसद ने खरी-खोटी सुनाई.
बैठक के दौरान सांसद जौनापुरिया की लाचारी भी उनके शब्दों में झलक रही थी. सांसद यह कहते हुए नजर आए कि "आपको कोई फर्क नहीं पड़ता है, आपको तो बस इंतजार है आचार संहिता लगने का." ऐसा ही दर्द निवाई विधायक राम सहाय का भी देखने को मिला. हर तीन माह में होने वाली दिशा की बैठक सोमवार को टोंक के कलेक्ट्रेट में हुई. लोकसभा चुनावों से पहले आयोजित दिशा की आखिरी बैठक में नेताओं पर लालफीताशाही हावी दिखाई दी, जिसको लेकर सांसद ने अपनी नाराजगी भी जाहिर की.
अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई के लिए अल्टमेटम : कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित दिशा की बैठक का आयोजन सांसद सुखबीर सिंह जौनापुरिया की अध्यक्षता में किया गया. इस बैठक में निवाई विधायक रामसहाय वर्मा, जिला प्रमुख सरोज बंसल, जिला कलेक्टर सौम्या झा सहित सभी महकमों के अधिकारी मौजूद रहे. बैठक में नगर परिषद में व्याप्त भ्रष्टाचार और लापरवाही पर सांसद ने नाराजगी जाहिर की. साथ ही टोंक में संचालित अवैध बूचड़खानों पर कार्रवाई नहीं होने और शहर में संचालित अवैध मांस की दुकानों पर कार्रवाई नहीं होने पर नगर परिषद आयुक्त को फटकार लगाई. अवैध कॉलोनियों में सड़क बनने को लेकर भी सांसद ने नगर परिषद आयुक्त की क्लास ली. उन्होंने अवैध बूचड़खाना तोड़ने के साथ ही घरों में अवैध पशुवध करने वालों पर भी कार्रवाई के लिए 3 दिन का अल्टीमेटम दिया.