रायपुर: छत्तीसगढ़ में तीन चरणों में लोकसभा चुनाव हुए. 7 मई को थर्ड फेज का मतदान समाप्त हुआ. उसके बाद से छत्तीसगढ़ में नई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई है. एक चर्चा तो यह हो रही है कि लोकसभा चुनाव अगर कांग्रेस के पक्ष में आता है तो यहां कई विधानसभा सीटों पर उपचुनाव हो सकते हैं. यह भी चर्चा हो रही है कि अगर परिणाम बीजेपी के पक्ष में आया तो एक सीट पर उपचुनाव और साय मंत्रिमंडल में बदलाव हो सकता है. इस सबसे में सबसे ज्यादा चर्चा शिक्षा मंत्री को लेकर हो रही है. चुनाव में रायपुर सीट से अगर बृजमोहन अग्रवाल की जीत होती है तो छत्तीसगढ़ का नया शिक्षा मंत्री कौन होगा.
वर्तमान शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल के बारे में जानिए: छत्तीसगढ़ के मौजूदा शिक्षा मंत्री बृजमोहन अग्रवाल रायपुर लोकसभा सीट से चुनावी मैदान में है. यहां उनकी उम्मीदवारी शुरू से काफी मजबूत मानी जा रही है. कांग्रेस के विकास उपाध्याय भी फाइट में हैं. दोनों पार्टियों के जीत के दावों के बीच राजनीतिक गलियारों में कई तरह की चर्चाएं हो रही है. राजनीति के जानकार यह मान रहे हैं कि अगर बृजमोहन अग्रवाल की जीत होती है तो साय मंत्रिमंडल में शिक्षा मंत्री की रेस में ओपी चौधरी और केदार कश्यप आ जाएंगे. केदार कश्यप पहले भी शिक्षा मंत्री का दायित्व निभा चुके हैं. दूसरी तरफ ओपी चौधरी जब छत्तीसगढ़ में आईएएस ऑफिसर के तौर पर सेवा दे रहे थे तब उन्होंने शिक्षा के क्षेत्र में बेहतर काम किया था.
"ओपी चौधरी और केदार कश्यप दोनों लोग विभाग को संभाल सकते हैं. दोनों की अलग-अलग खूबियां हैं. ओपी चौधरी ब्यूरोक्रेट्स रहे हैं और उन्हें शिक्षा विभाग की बुनियादी चीजों को देखने और समझने का मौका मिला है. ऐसे में माना जा सकता है कि ओपी चौधरी इसके लिए बेहतर विकल्प हो सकते हैं. शिक्षा मंत्री की रेस में केदार कश्यप की भूमिका भी मजबूत है. इससे पहले वह स्कूल शिक्षा विभाग के मंत्री रह चुके हैं ,तो ऐसे में वे शिक्षा विभाग की बुनियादी जरूरत को समझते हैं.": उचित शर्मा, वरिष्ठ पत्रकार और राजनीति के जानकार
छत्तीसगढ़ में अगर कांग्रेस पार्टी की जीत राजनांदगांव, बस्तर और बिलासपुर सीट पर होती है. इस सूरत में पाटन, भिलाई और कोंटा सीट पर विधानसभा के उपचुनाव होंगे. दूसरी तरफ अगर राज्य में बीजेपी की जीत होती है तो रायपुर दक्षिण सीट पर विधानसभा के उपचुनाव होंगे. इस तरह लोकसभा चुनाव का असर छत्तीसगढ़ की सियासत पर पड़ेगा. इसका प्रभाव साय कैबिनेट पर भी देखने को मिलेगा. ये सारे कयास चार जून को खत्म हो जाएंगे. चार जून को लोकसभा चुनाव के नतीजे आ रहे हैं. उसके बाद छत्तीसगढ़ की राजनीति में गर्माहट देखने को मिलेगी