देहरादून: 10 मई से उत्तराखंड में चारधाम यात्रा शुरू होने जा रही है. चारधाम यात्रा से पहले सुरक्षित यात्रा को लेकर के राज्य का आपदा प्रबंधन विभाग एक्शन में है. यात्रा सीजन, मानसून सीजन के साथ ही आपदाओं से निपटने के लिए विभाग की क्या तैयारियां हैं? इन सवालों को लेकर ईटीवी भारत ने आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा से खास बातचीत की.
चारधाम यात्रा को लेकर तैयारियां: उत्तराखंड में सफल और सुरक्षित यात्रा की क्या कुछ रणनीति है? इस सवाल के जवाब में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री के निर्देश पर पूरी कोशिश की जा रही है की यात्रा को सुगम और सुरक्षित बनाया जाये. इसको लेकर के आपदा प्रबंधन विभाग में चार महत्वपूर्ण बिंदुओं पर अपनी रणनीति तैयार की है. पहले सभी लाइन डिपार्मेंट के साथ आपसी सामंजस्य से बैठाना, दूसरा त्वरित रिस्पांस और मैनपावर डेप्लॉयमेंट, इसमें सभी रिलीफ और रेस्क्यू फोर्स को सुदृढ़ी करना, जिसमें एसडीआरएफ, एनडीआरफ के अलावा पुलिस और तमाम सुरक्षा बलों को सही जगह पर तैनात करना है. तीसरा है कम्युनिकेशन सिस्टम को मजबूत करना है. जिससे घटनाओं की त्वरित जानकारी मिल सके. इसके लिए विभाग ने त्वरित कम्युनिकेशन सिस्टम को डेवलप किया है. ये सिस्टम कॉमन अलर्ट प्रोटोकॉल यानी CAP भारत सरकार द्वारा रिकमेंड है. उसका टेस्ट किया जा रहा है. चौथे चरण में सोशल मीडिया और डिजिटल मीडिया के माध्यम से आम लोगों तक जन जागरूकता फैलाना है.
30 अप्रैल को होगी मॉक एक्सरसाइज की टेबल टॉक: कल होने वाली टेबल टॉक एक्सरसाइज को लेकर के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिंह ने बताया आगामी 2 में को होने वाली मॉक एक्सरसाइज को लेकर कल टेबल टॉक होनी है. जिसमें मॉक ड्रिल को लेकर रणनीति तैयार की जाएगी. उन्होंने बताया वह मॉक ड्रिल में अलग-अलग तरह की परिस्थितियों को क्रिएट करेंगे. उससे निपटने के लिए अपनी तैयारी जांचेंगे. उन्होंने बताया कहीं पर भगदड़ कहीं पर भूकंप जैसी अलग-अलग परिस्थितियों से निपटने के लिए अपनी तैयारी को भी इसमें परखा जाएगा.
मानसून सीजन के लिए विशेष प्रकार की तैयारी: उत्तराखंड में मानसून सीजन औपचारिक रूप से 15 जून से 15 सितंबर के बीच में माना जाता है. इस दौरान आपदा प्रबंधन विभाग डेडिकेटेड तरीके से मानसून की परिस्थितियों से निपटने के लिए तैयारी कर रहा है. इस बारे में आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिंह ने बताया मानसून सीजन के लिए दो प्लान तैयार किये गये हैं. उन्होंने बताया आपदा प्रबंधन विभाग 15 जून से डेडिकेटेड तरीके से मानसून सीजन के लिए तैयार है. उन्होंने कहा मानसून सीजन के दौरान आपदा प्रबंधन की तैयारी विशेष तौर से मानसून से संबंधित आपदाओं से निपटने के लिए होती है. जिस तरह से पिछले कुछ सालों में देखा गया है कि मानसून सीजन के इतर भी कई बड़ी आपदाएं आई हैं. उनसे निपटने के लिए भी लगातार आपदा प्रबंधन विभाग अपने तंत्र को मजबूत कर रहा है.
जोशीमठ के हालात हुए हैं बेहतर: जोशीमठ के हालातों को लेकर के आपदा प्रबंधन सचिव रंजीत सिन्हा ने कहा जोशीमठ में हालात अभी पहले से बेहतर हैं. जोशीमठ के री डेवलपमेंट को लेकर के विस्तृत डीपीआर तैयार की जानी थी. जिसको लेकर के काम चल रहा है. उन्होंने कहा विस्तृत कुछ और चीजों को भी इसमें जोड़ा गया है, इसलिए इसमें थोड़ा समय लग रहा है. उन्होंने बताया भारत सरकार से जोशीमठ रिहैबिलिटेशन के लिए पहली किस्त की डिमांड की जा चुकी है. यहां लोगों के सामने सुरक्षित जमीन या फिर मुआवजे की राशि दोनों विकल्प रखे गए हैं.
कब तक ठेके पर रहेगा आपदा प्रबंधन ?: इसके अलावा आपदा प्रबंधन सचिव ने विभाग के ढांचे को लेकर भी बात की. विभाग में कॉट्र्रैक्ट पर काम करने के मामले पर बोलते हुए उन्होंने कहा जल्द ही वह विभाग के भीतर कुछ जरूरी पदों पर स्थाई तौर पर नियुक्तियां की जाएंगी. विभाग में कम से कम अस्थाई पद रहेंगे.