कोरबा : छत्तीसगढ़ की विष्णुदेव साय सरकार ने एक बार फिर अपना वादा निभाया है.सरकार ने कोरबा जिले में रहने वाले विशेष पिछड़ी जनजाति समुदाय पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति के 108 बेरोजगार युवाओं को संविदा आधार पर सरकारी नौकरी दी. इन युवाओं को वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखन लाल देवांगन ने जिला खनिज न्यास मद से मानदेय के आधार पर नियुक्ति पत्र सौंपा. बेरोजगार युवाओं को उनके निवास के पास ही स्कूलों में योग्यतानुसार भृत्य और अतिथि शिक्षक के रूप में नियुक्ति का प्रमाण पत्र दिया गया है.
डीएमएफ मद से दिया जाएगा मानदेय : इस अवसर पर मंत्री देवांगन ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने खनन प्रभावित क्षेत्र के विकास के लिए डीएमएफ का प्रावधान किया था. आज इसका लाभ धरातल पर नजर आ रहा है. जिले के मूल निवासी पहाड़ी कोरवाओं और बिरहोरों को डीएमएफ से रोजगार मिलने जा रहा है, यह एक बड़ी उपलब्धि है.
''किसी भी परिवार में एक सदस्य को भी नौकरी मिल जाती है तो परिवार खुशहाली के रास्ते पर आगे बढ़ता है. ठीक रोजगार मिलने से पहाड़ी कोरवा और बिरहोर जनजाति समाज का आर्थिक व सामाजिक विकास होगा. डीएमएफ से मानदेय के आधार पर 79 विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के युवाओं को भृत्य जबकि 29 युवाओं को अतिथि शिक्षक के रूप में रोजगार प्रदान किया गया है.''- लखनलाल देवांगन, उद्योग मंत्री
इस कार्यक्रम में कलेक्टर ने बताया कि विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के युवाओं को रोजगार प्राप्त होने के बाद उन्हें मिलने वाले मानदेय की राशि को कोई नुकसान न पहुंचाए इसके लिए विशेष निगरानी भी रखी जाएगी. प्रधानमंत्री जनमन योजना के माध्यम से पीवीटीजी के बसाहटों में बिजली, पानी, सड़क, आवास, आयुष्मान कार्ड का लाभ भी जल्द पहुंचाया जाएगा.
मानदेय में भी की गई है वृद्धि : जिले के विशेष पिछड़ी जनजाति परिवार के शिक्षित सदस्यों को नियुक्ति प्रमाण पत्र प्रदान करने के साथ ही उद्योग एवं श्रम मंत्री ने स्कूलोें में भृत्य और अतिथि शिक्षक के रूप में काम करने वाले युवाओं का मानदेय की राशि में दो-दो हजार रूपए वृद्धि का आग्रह किया. जिसे कलेक्टर ने सहर्ष स्वीकार किया. अब संविदा आधार पर नियुक्त सभी युवाओं को 06 हजार मानदेय के बदले 08 हजार, 08 हजार मानदेय के स्थान पर 10 हजार रूपए और 10 हजार मानदेय के स्थान पर 12 हजार रूपए मिलेंगे.