प्रयागराज : महाकुंभ-2025 पर पूरी दुनिया की निगाह है. गूगल सर्च में महाकुंभ ट्रेंड कर रहा है. दो माह के लिए बसाई गई धर्म-अध्यात्म की यह अद्भुत नगरी पूरे विश्व के लिए आध्यात्मिक केंद्र बन गई है. 73 देशों के राजनयिक पहली बार यहां संगम में स्नान करने आ रहे हैं. परस्पर धुर विरोधी माने जाने वाले देशों रूस और यूक्रेन के राजदूत भी इस ऐतिहासिक आयोजन में शामिल होंगे.
इन देशों से पहुंच रहे मेहमान: महाकुंभ नगर के डीएम (मेलाधिकारी) विजय किरण आनंद ने बताया कि 1 फरवरी को 73 देशों से राजनयिक महाकुंभ का महात्म्य देखने आ रहे हैं. विदेश मंत्रालय ने यूपी के मुख्य सचिव को पत्र लिखा है. पत्र में कहा है कि दुनियाभर के राजनयिक में बड़े हनुमान जी और अक्षयवट के दर्शन करना चाहते हैं. जिन देशों के राजनयिक आ रहे हैं, उनमें जापान, अमेरिका, रूस, यूक्रेन बांग्लादेश, जर्मनी के साथ ही आर्मेनिया स्लोवेनिया, हंगरी, बेलारूस, सेशल्स, मंगोलिया, कजाकिस्तान, ऑस्ट्रिया, पेरु, ग्वाटेमाला, मैक्सिको शामिल हैं.
इसके अलावा अल्जीरिया, दक्षिण अफ्रीका, अलसल्वाडोर, चेक रिपब्लिक, बुल्गारिया, जॉर्डन, जमैका, इरिट्रिया, फिनलैंड, ट्यूनीशिया, फ्रांस, एस्टोनिया, ब्राजील, सूरीनाम, जिंबॉब्वे, मलेशिया, माल्टा, भूटान, लेसोथो, स्लोवॉक, न्यूजीलैंड, कंबोडिया, किरगिज, चिली, साइप्रस, क्यूबा, नेपाल, रोमानिया, वेनेजुएला, अंगोला, गुयाना, फिजी, कोलंबिया, सीरिया, गिनी, म्यांमार, सोमालिया, इटली, बोत्सवाना, परागुआ, आईसलैंड, लातविया, नीदरलैंड, कैमरून, कनाडा, स्विट्जरलैंड, स्वीडन, थाईलैंड, पोलैंड, बोलिविया से भी स्पेशल गेस्ट आ हैं.
संगम में लगाएंगे डुबकी, लेटे हनुमानजी के करेंगे दर्शन: विजय किरण आनंद ने बताया कि ये सभी विदेशी राजनयिक नाव के जरिए संगम नोज पहुंचेंगे और पवित्र स्नान करेंगे. यहां से वे अक्षय वट और बड़े हनुमान मंदिर का दर्शन करने जाएंगे. इसके बाद डिजिटल महाकुंभ अनुभूति केंद्र के माध्यम से आधुनिक तकनीक के जरिए महाकुंभ की गहराई को समझेंगे. प्रदर्शनियों और सांस्कृतिक भ्रमण भी करेंगे, जिसमें यूपी स्टेट पवेलियन, अखाड़े, यमुना कॉम्प्लेक्स, अशोक स्तंभ और अन्य स्थलों का अवलोकन करेंगे.
इसके अलावा भारत की संस्कृति, आध्यात्मिकता और धर्मनिरपेक्षता का अनुभव करेंगे. यह आयोजन विश्व को भारत की समृद्ध परंपराओं और योग, ध्यान तथा आध्यात्मिकता का परिचय देगा. महाकुंभ के जरिए भारत ने विश्व को एकता, शांति और सहयोग का संदेश दिया है. यही कारण है कि देश ही नहीं पूरी दुनिया से इस महाकुंभ का साक्षी बनने श्रद्धालु आ रहे हैं.
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