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नूंह से सटे राजस्थान के डीग में फैली डिप्थीरिया बीमारी, नूंह स्वास्थ्य विभाग में मचा हड़कंप - DIPHTHERIA DISEASE

नूंंह से सटे राजस्थान के डीग में डिप्थीरिया के केस सामने आने के बाद नूंह स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मच गया है.

Nuh health department on alert mode regarding diphtheria
डिप्थीरिया को लेकर नूंह स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Haryana Team

Published : Oct 18, 2024, 9:22 PM IST

नूंह: गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी से 0 - 16 साल आयु तक के बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी कसरत कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से लेकर गांव-गांव तक डिप्थीरिया के टीके लगा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नूंह से जुड़े राजस्थान के पड़ोसी जिले डीग में डिप्थीरिया के कुछ केस सामने आए हैं. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग नूंह पूरी तरह से अलर्ट है. उनका कहना है कि यह बीमारी 0 -16 साल तक आयु के बच्चों में फैलती है और एक-दूसरे बच्चे से आपस में फैल जाती है. इसलिए बेहद सावधान रहने की जरूरत है और इसे टीकाकरण से ही रोका जा सकता है.

डिप्थीरिया को लेकर नूंह स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर (Etv Bharat)

अभी तक नूंह में नहीं एक भी केस : उन्होंने कहा कि टीकाकरण की प्रथा मेवात जिले में कम है. यही वजह है की बीमारियां जड़ से यहां खत्म नहीं हो पाती हैं. उन्होंने कहा कि नूंह जिले में लाखों बच्चों को डिप्थीरिया (गलघोटू) के टीके लगाए जा रहे हैं ताकि किसी की जान गलघोटू की बीमारी से ना जाए. उन्होंने बताया कि वैसे तो नूंह जिले में डिप्थीरिया का एक भी केस सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी जिले में केस सामने आने की वजह से नूंह जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है.

नल्हड़ में डिप्थीरिया का बना वार्ड : उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि संपूर्ण टीकाकरण कराकर ही गलघोटू की बीमारी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है. लिहाजा 0 - 16 साल तक आयु के सभी बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में डिप्थीरिया को लेकर एक वार्ड बना हुआ है. उसमें जो बच्चे उपचाराधीन है. उनकी हालत बेहद नाजुक है.

ये लक्षण दिखे तो कराएं जांच : उन्होंने बताया कि इस बीमारी में बच्चों को खाना खाने में दिक्कत होती है और कई बार खाना नाक से वापस बाहर आ जाता है. बुखार इत्यादि आने की शिकायत हो और गले में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो स्वास्थ्य विभाग के नजदीकी किसी भी केंद्र पर जाकर अपनी जांच कराकर इलाज करा सकते हैं. कुल मिलाकर डिप्थीरिया भले ही इस जिले में नहीं हो, लेकिन पड़ोसी जिले में सामने आए केस की वजह से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूल गए हैं.

इसे भी पढ़ें : हरियाणा में डेंगू मरीजों की संख्या बढ़ी, अंबाला में 32 केस... स्वास्थ्य विभाग अलर्ट

नूंह: गलघोटू एक जानलेवा बीमारी है. इस बीमारी से 0 - 16 साल आयु तक के बच्चों को बचाने के लिए स्वास्थ्य विभाग पूरी कसरत कर रहा है. स्वास्थ्य विभाग स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों से लेकर गांव-गांव तक डिप्थीरिया के टीके लगा रहा है.

स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक नूंह से जुड़े राजस्थान के पड़ोसी जिले डीग में डिप्थीरिया के कुछ केस सामने आए हैं. जिसकी वजह से स्वास्थ्य विभाग नूंह पूरी तरह से अलर्ट है. उनका कहना है कि यह बीमारी 0 -16 साल तक आयु के बच्चों में फैलती है और एक-दूसरे बच्चे से आपस में फैल जाती है. इसलिए बेहद सावधान रहने की जरूरत है और इसे टीकाकरण से ही रोका जा सकता है.

डिप्थीरिया को लेकर नूंह स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड पर (Etv Bharat)

अभी तक नूंह में नहीं एक भी केस : उन्होंने कहा कि टीकाकरण की प्रथा मेवात जिले में कम है. यही वजह है की बीमारियां जड़ से यहां खत्म नहीं हो पाती हैं. उन्होंने कहा कि नूंह जिले में लाखों बच्चों को डिप्थीरिया (गलघोटू) के टीके लगाए जा रहे हैं ताकि किसी की जान गलघोटू की बीमारी से ना जाए. उन्होंने बताया कि वैसे तो नूंह जिले में डिप्थीरिया का एक भी केस सामने नहीं आया है, लेकिन पड़ोसी जिले में केस सामने आने की वजह से नूंह जिला स्वास्थ्य विभाग पूरी तरह से अलर्ट पर है.

नल्हड़ में डिप्थीरिया का बना वार्ड : उन्होंने जनता से सहयोग की अपील करते हुए कहा कि संपूर्ण टीकाकरण कराकर ही गलघोटू की बीमारी को पूरी तरह से समाप्त किया जा सकता है. लिहाजा 0 - 16 साल तक आयु के सभी बच्चों को टीका अवश्य लगवाएं. स्वास्थ्य विभाग के मुताबिक राजकीय शहीद हसन खान मेवाती मेडिकल कॉलेज नल्हड़ में डिप्थीरिया को लेकर एक वार्ड बना हुआ है. उसमें जो बच्चे उपचाराधीन है. उनकी हालत बेहद नाजुक है.

ये लक्षण दिखे तो कराएं जांच : उन्होंने बताया कि इस बीमारी में बच्चों को खाना खाने में दिक्कत होती है और कई बार खाना नाक से वापस बाहर आ जाता है. बुखार इत्यादि आने की शिकायत हो और गले में किसी प्रकार की दिक्कत हो तो स्वास्थ्य विभाग के नजदीकी किसी भी केंद्र पर जाकर अपनी जांच कराकर इलाज करा सकते हैं. कुल मिलाकर डिप्थीरिया भले ही इस जिले में नहीं हो, लेकिन पड़ोसी जिले में सामने आए केस की वजह से स्वास्थ्य विभाग के हाथ पांव फूल गए हैं.

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