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डिंडौरी में लोग कुएं के पास रोज गुजारते हैं रात, कारण जानकर खिसक जाएगी पैरों तले जमीन - water Crisis in Dindori District

डिंडौरी जिले के मेंहदवानी जनपद के ग्राम पंचायत भानपुर में पेयजल की समस्या से लोग जूझ रहे हैं. हालात ये हो चुके हैं कि लोग सूखे हुए कुएं की तलहटी में रिस रिसकर जमा हुए पानी को पीने के लिए मजबूर हैं. इसी पानी के लिए लोगों को कुएं के पास रात गुजारना पड़ रही है.

WATER CRISIS IN DINDORI DISTRICT
कुएं के पास सोते हुए लोग और पानी के इंतजार में खड़ी महिला (Etv Bharat)
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By ETV Bharat Madhya Pradesh Team

Published : Jun 3, 2024, 10:04 PM IST

डिंडोरी। भीषण गर्मी के बीच मध्य प्रदेश के कई जिलों में पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है. लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसा ही मामला डिंडौरी जिले के भानपुर गांव से सामने आया है. जहां के ग्रामीण एक बाल्टी पानी के लिए कुएं के पास ही अपना बिस्तर लगाकर पूरी रात अपनी बारी का इंतजार करते हैं. जिस पानी के लिए लोग अपनी रातों की नींद खराब कर रहे हैं वह उतना स्वच्छ भी नहीं है. लेकिन करें क्या... प्यास नाम की भी तो कोई बला होती है. उस कुएं में भी पानी न के बराबर है और जितना है वह दूषित भी दिखाई दे रहा है.

पानी के लिए मारामारी, रात भर कुएं के पास जागकर इंतजार करते हैं लोग (Etv Bharat)

दूषित पानी पीने से हुई थी 11 लोगों की मौत

ग्रामीण इसी मटमैले पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. साथ ही यह बात भी सामने आई है कि वर्ष 2008 में दूषित पानी पीने की वजह से इसी गांव के लगभग 11 लोगों की मौत हो चुकी थी और 400 से अधिक लोग बीमार हो गए थे, इसके बावजूद भी प्रशासन ने लोगों के लिए कुछ खास इंतजामात नहीं किए. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर इस गांव के सभी जलस्त्रोत भीषण गर्मी के चलते सूख चुके हैं.

कुएं के पास रात काटने को मजबूर

हैरान करने वाली बात यह है कि 800 से अधिक आबादी वाले इस गांव में आज तक हर घर नल जल योजना तक नहीं पहुंची है. गांव में तीन हैंडपंप व तीन कुएं हैं, जो पूरी तरह से सूख चुके हैं. सूखे हुए कुएं के तलहटी में रिस रिसकर जो पानी जमा होता है, उस पानी को भरने के लिए ग्रामीणों को कुएं के पास रात गुजारना पड़ती है और ज्यादातर ग्रामीणों को पानी के बिना ही वापस घर लौटना पड़ता है.

ये भी पढ़ें:

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1100 साल पुरानी टेक्नोलॉजी का कमाल, गर्मी-अकाल कुछ भी पड़े, नहीं होता रायसेन किले में पानी खत्म

ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दल सिंह ने बताया कि ''गांव में पिछले कई सालों से पानी की किल्लत बनी हुई है, लेकिन इस गंभीर समस्या की तरफ न जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान दिया और न ही जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने कोई पहल की. गांव में व्याप्त जल संकट से निजात दिलाने पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कलेक्टर से शिकायत भी की गई है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों ने सुध तक नहीं ली है.''

आज तक नहीं पहुंची नल जल योजना

पानी का इंतजार करते-करते कुएं के पास आराम फरमा रहे बुजुर्ग सुखलाल ने बताया कि, ''शाम 4 बजे से कुएं में पानी भरने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन रात के दो बजे के बाद भी उनका नंबर नहीं लग पाया है.'' वहीं बेनी बाई भी कुएं से बाल्टी के सहारे पानी भरती हुई नजर आईं. जब उनसे बात की गई तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, ''सरकार नलजल योजना के जरिए घर-घर पानी पहुंचाने का ढिंढोरा पीटती है, लेकिन गांव में आज तक नल जल योजना नहीं पहुंची है.''

डिंडोरी। भीषण गर्मी के बीच मध्य प्रदेश के कई जिलों में पानी का संकट लगातार गहराता जा रहा है. लोग पानी की एक-एक बूंद के लिए जद्दोजहद कर रहे हैं. ऐसा ही मामला डिंडौरी जिले के भानपुर गांव से सामने आया है. जहां के ग्रामीण एक बाल्टी पानी के लिए कुएं के पास ही अपना बिस्तर लगाकर पूरी रात अपनी बारी का इंतजार करते हैं. जिस पानी के लिए लोग अपनी रातों की नींद खराब कर रहे हैं वह उतना स्वच्छ भी नहीं है. लेकिन करें क्या... प्यास नाम की भी तो कोई बला होती है. उस कुएं में भी पानी न के बराबर है और जितना है वह दूषित भी दिखाई दे रहा है.

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दूषित पानी पीने से हुई थी 11 लोगों की मौत

ग्रामीण इसी मटमैले पानी को पीकर अपनी प्यास बुझाने को मजबूर हैं. साथ ही यह बात भी सामने आई है कि वर्ष 2008 में दूषित पानी पीने की वजह से इसी गांव के लगभग 11 लोगों की मौत हो चुकी थी और 400 से अधिक लोग बीमार हो गए थे, इसके बावजूद भी प्रशासन ने लोगों के लिए कुछ खास इंतजामात नहीं किए. जिला मुख्यालय से करीब 90 किलोमीटर दूर इस गांव के सभी जलस्त्रोत भीषण गर्मी के चलते सूख चुके हैं.

कुएं के पास रात काटने को मजबूर

हैरान करने वाली बात यह है कि 800 से अधिक आबादी वाले इस गांव में आज तक हर घर नल जल योजना तक नहीं पहुंची है. गांव में तीन हैंडपंप व तीन कुएं हैं, जो पूरी तरह से सूख चुके हैं. सूखे हुए कुएं के तलहटी में रिस रिसकर जो पानी जमा होता है, उस पानी को भरने के लिए ग्रामीणों को कुएं के पास रात गुजारना पड़ती है और ज्यादातर ग्रामीणों को पानी के बिना ही वापस घर लौटना पड़ता है.

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ग्राम पंचायत के पूर्व सरपंच दल सिंह ने बताया कि ''गांव में पिछले कई सालों से पानी की किल्लत बनी हुई है, लेकिन इस गंभीर समस्या की तरफ न जिम्मेदार अधिकारियों ने ध्यान दिया और न ही जिले के जिम्मेदार जनप्रतिनिधियों ने कोई पहल की. गांव में व्याप्त जल संकट से निजात दिलाने पीएचई विभाग के जिम्मेदार अधिकारी व कलेक्टर से शिकायत भी की गई है, लेकिन अब तक किसी भी जिम्मेदार अधिकारियों ने सुध तक नहीं ली है.''

आज तक नहीं पहुंची नल जल योजना

पानी का इंतजार करते-करते कुएं के पास आराम फरमा रहे बुजुर्ग सुखलाल ने बताया कि, ''शाम 4 बजे से कुएं में पानी भरने का इंतजार कर रहे हैं, लेकिन रात के दो बजे के बाद भी उनका नंबर नहीं लग पाया है.'' वहीं बेनी बाई भी कुएं से बाल्टी के सहारे पानी भरती हुई नजर आईं. जब उनसे बात की गई तो उन्होंने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, ''सरकार नलजल योजना के जरिए घर-घर पानी पहुंचाने का ढिंढोरा पीटती है, लेकिन गांव में आज तक नल जल योजना नहीं पहुंची है.''

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