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कोटा-बूंदी के जर्जर तालाबों को मिलेगा नया जीवन, एक साथ शुरू हुए 54 तालाबों के जीर्णोद्धार - Lok Sabha Speaker Om Birla

Om Birla laid foundation stone for renovation of 54 ponds, लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने रविवार को बूंदी के लबान गांव से 54 गांवों में तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया. इस दौरान उन्होंने कहा कि जर्जर तालाबों के जीर्णोद्धार से उन्हें नया जीवन मिलेगा. साथ ही क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान होगा.

Om Birla laid foundation stone for renovation of 54 ponds
Om Birla laid foundation stone for renovation of 54 ponds
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By ETV Bharat Rajasthan Team

Published : Mar 10, 2024, 8:52 PM IST

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास

बूंदी. कोटा-बूंदी क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों को रविवार को बड़ी सौगात मिली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बूंदी के लबान गांव से 54 गांवों के तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत भी मौजूद रहे. यहां आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जर्जर तालाबों के जीर्णोद्धार से उन्हें नया जीवन मिलेगा. इससे क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान होगा. साथ ही क्षेत्र के किसान और ग्रामीण आबादी लाभान्वित होगी.

बिरला ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हर खेत तक पानी और हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे. अगले दो वर्षों में इस संकल्प की सिद्धि हो, इसके लिए हम प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांवों की समृद्धि के लिए तालाब महत्वपूर्ण हैं, यहां के जनप्रतिनिधि कई बार मुझसे इनके जीर्णोद्धार को लेकर चर्चा करते थे. आज मुझे खुशी है कि आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी राशि से तालाबों को विकसित करने का कार्य हो रहा है. गांव, गरीब और किसान की पीड़ा को समझने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के कारण ही यह संभव हो पाया है.

इसे भी पढ़ें - चित्तौड़गढ़: आसावरा माता तालाब का सूख रहा है पानी, दम तोड़ रही जल की रानी

बिरला ने कहा कि अब वो समय गया, जब विकास कार्यों की फाइल दफ्तरों में पड़ी रहती थी. अब जनता का शासन है. ऐसी परियोजनाएं जिनको घोषणा के बाद भूला दिया गया या जिनका काम लंबे समय से अटका है, उन्हें भी समय सीमा तय कर पूरा किया जाएगा.

62 करोड़ से होगा कायाकल्प : कोटा-बूंदी के 54 तालाबों का 62 करोड़ की लागत से कायाकल्प होगा. केंद्र सरकार की आरआरआर योजना के तहत स्वीकृत इस कार्य में बूंदी के 16 तालाबों का 18.95 करोड़, जबकि कोटा के 38 तालाबों का 43.42 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार होगा. इनमें बूंदी में 7, केशोरायपाटन क्षेत्र में 8, सांगोद में 10, सुल्तानपुर क्षेत्र में 14, खैराबाद में 6, लाडपुरा में 5 व इटावा में 4 तालाब शामिल है. स्पीकर बिरला ने कहा कि यह शुरुआत है, जल्द ही कार्य योजना बनाकर 40 करोड़ से शेष तालाबों को भी विकसित किया जाएगा.

इसे भी पढ़ें - Special: शासन-प्रशासन की घोर लापरवाही से मिटता जा रहा है पाल बिचला और आम तालाब का अस्तित्व

ईआरसीपी से बदलेगी किसानों की तकदीर : जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि यह स्पीकर बिरला की नेतृत्व क्षमता का परिणाम है कि हमने जो प्रस्ताव केंद्र को भेजे वे सभी उन्होंने स्वीकृत करवा दिए. ईआरसीपी के सपने का साकार करने में भी उनकी बड़ी भूमिका है. ईआरसीपी से कोटा-बूंदी के साथ ही प्रदेश के कई जिलों के किसानों की तकदीर बदल जाएगी. हाड़ौती क्षेत्र के हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाने के स्पीकर बिरला की योजना को हम धरातल पर उतारेंगे. जनता के आशीर्वाद से एक बार फिर डबल इंजन की सरकार बनेगी और राजस्थान के नवनिर्माण की राह प्रशस्त होगी. कार्यक्रम को पूर्व विधायक चन्द्रकांता मेघवाल व सरपंच बुद्धिप्रकाश मीणा ने भी संबोधित किया.

लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने किया तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास

बूंदी. कोटा-बूंदी क्षेत्र के ग्रामीणों व किसानों को रविवार को बड़ी सौगात मिली. लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने बूंदी के लबान गांव से 54 गांवों के तालाबों के जीर्णोद्धार कार्य का शिलान्यास किया. इस दौरान उनके साथ प्रदेश के जल संसाधन मंत्री सुरेश सिंह रावत भी मौजूद रहे. यहां आयोजित कार्यक्रम में अपने संबोधन में लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने कहा कि जर्जर तालाबों के जीर्णोद्धार से उन्हें नया जीवन मिलेगा. इससे क्षेत्र में सिंचाई और पेयजल की समस्या का समाधान होगा. साथ ही क्षेत्र के किसान और ग्रामीण आबादी लाभान्वित होगी.

बिरला ने कहा कि हमारा प्रयास है कि हर खेत तक पानी और हर घर तक शुद्ध पेयजल पहुंचे. अगले दो वर्षों में इस संकल्प की सिद्धि हो, इसके लिए हम प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांवों की समृद्धि के लिए तालाब महत्वपूर्ण हैं, यहां के जनप्रतिनिधि कई बार मुझसे इनके जीर्णोद्धार को लेकर चर्चा करते थे. आज मुझे खुशी है कि आजादी के बाद यह पहला मौका है, जब इतनी बड़ी राशि से तालाबों को विकसित करने का कार्य हो रहा है. गांव, गरीब और किसान की पीड़ा को समझने वाले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विजन के कारण ही यह संभव हो पाया है.

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बिरला ने कहा कि अब वो समय गया, जब विकास कार्यों की फाइल दफ्तरों में पड़ी रहती थी. अब जनता का शासन है. ऐसी परियोजनाएं जिनको घोषणा के बाद भूला दिया गया या जिनका काम लंबे समय से अटका है, उन्हें भी समय सीमा तय कर पूरा किया जाएगा.

62 करोड़ से होगा कायाकल्प : कोटा-बूंदी के 54 तालाबों का 62 करोड़ की लागत से कायाकल्प होगा. केंद्र सरकार की आरआरआर योजना के तहत स्वीकृत इस कार्य में बूंदी के 16 तालाबों का 18.95 करोड़, जबकि कोटा के 38 तालाबों का 43.42 करोड़ की लागत से जीर्णोद्धार होगा. इनमें बूंदी में 7, केशोरायपाटन क्षेत्र में 8, सांगोद में 10, सुल्तानपुर क्षेत्र में 14, खैराबाद में 6, लाडपुरा में 5 व इटावा में 4 तालाब शामिल है. स्पीकर बिरला ने कहा कि यह शुरुआत है, जल्द ही कार्य योजना बनाकर 40 करोड़ से शेष तालाबों को भी विकसित किया जाएगा.

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ईआरसीपी से बदलेगी किसानों की तकदीर : जल संसाधन मंत्री सुरेश रावत ने कहा कि यह स्पीकर बिरला की नेतृत्व क्षमता का परिणाम है कि हमने जो प्रस्ताव केंद्र को भेजे वे सभी उन्होंने स्वीकृत करवा दिए. ईआरसीपी के सपने का साकार करने में भी उनकी बड़ी भूमिका है. ईआरसीपी से कोटा-बूंदी के साथ ही प्रदेश के कई जिलों के किसानों की तकदीर बदल जाएगी. हाड़ौती क्षेत्र के हर किसान के खेत तक पानी पहुंचाने के स्पीकर बिरला की योजना को हम धरातल पर उतारेंगे. जनता के आशीर्वाद से एक बार फिर डबल इंजन की सरकार बनेगी और राजस्थान के नवनिर्माण की राह प्रशस्त होगी. कार्यक्रम को पूर्व विधायक चन्द्रकांता मेघवाल व सरपंच बुद्धिप्रकाश मीणा ने भी संबोधित किया.

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