चंडीगढ़: केंद्र सरकार द्वारा प्रतियोगी परीक्षाओं में नकल रोकने और अनियमितताओं से सख्ती से निपटने के लिए लोक परीक्षा (अनुचित साधनों का निवारण) विधेयक 2024 पारित कर दिया है. इसके तहत परीक्षा में गड़बड़ी पर अधिकतम 10 साल जेल और एक करोड़ रुपए जुर्माने का प्रावधान है. इस नए कानून के लागू होने पर भी हरियाणा सरकार द्वारा साल 2021 के पुराने कानून के अनुसार कोई बड़ा अंतर नहीं पड़ेगा. हालांकि, जेल की अधिकतम 10 साल की सजा को छोड़ जुर्माना राशि में जरूर अंतर आएगा. क्योंकि प्रदेश के पुराने कानून के अनुसार अधिकतम सजा पहले भी सात से 10 साल तक थी. नए कानून अनुसार भी अधिकतम 10 साल की सजा का प्रावधान है.
हरियाणा विधानसभा में साल 2021 में लाया गया बिल: हरियाणा सरकार ने भर्ती परीक्षाओं में पेपर लीक और नकल रोकने के लिए साल 2021 में विधानसभा में नकल विरोधी कानून हरियाणा लोक परीक्षा (अनुचित साधन निवारण) अधिनियम-2021 पेश किया था. इसके अनुसार पेपर लीक करने वाले को 7 से 10 वर्ष कैद का प्रावधान था. लेकिन, जुर्माना राशि 10 लाख रुपए थी और साथ ही दोषी की प्रॉपर्टी नीलाम कर नुकसान की भरपाई किया जाना तय किया गया था. लेकिन, नए कानून के अनुसार जुर्माना राशि अधिकतम 1 करोड़ रुपए है.
हरियाणा में एंटी पेपर लीक बिल में 2 वर्ष कैद: नकल करने पर अभ्यर्थी को 2 वर्ष कैद और 5 हजार रुपए जुर्माना तय था. साथ ही पेपर तैयार करने वाले, छापने वाले, एजेंसी, ड्यूटी ऑफिसर भी दायरे में लाए गए थे. साल 2021 के इस कानून को बनाने का कारण पेपर लीक के चलते दो भर्तियों की परीक्षा रद्द करना था. इससे सरकार का खर्च बढ़ा और युवाओं में भर्ती की विश्वसनीयता भी काम हुई.
इन संस्थानों की भर्तियों पर कानून लागू: लोक सेवा आयोग, कर्मचारी चयन आयोग, यूनिवर्सिटी द्वारा गठित कोई अन्य प्राधिकरण, भर्ती समिति, नगर निकाय, प्राधिकरण, बोर्ड व उपक्रम सभी को इसके दायरे में लाया गया था. साथ ही इस कानून के दायरे में पेपर तैयार, छापने, कोडिंग, वितरण, मूल्यांकन करने वाले, सेंटरों तक पहुंचाने वाले, भर्ती एजेंसी, अभ्यर्थी, सरकारी अधिकारी, परीक्षा केंद्र पर तैनात स्टाफ दायरे में लाया जाना तय किया गया था.
काम में बाधा पहुंचाने पर सजा: सेंटर पर निरीक्षण टीम को रोकने, धमकी देने या काम में बाधा पहुंचाने पर 2 वर्ष तक की सजा और 5 हजार रुपए जुर्माना तय था. इसके अलावा नियमों के उल्लंघन करने वाली परीक्षा एजेंसी व उसके कर्मचारी को 7 वर्ष तक कैद और एक से तीन लाख रुपए जुर्माना तय था.
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