कुचामनसिटी: राजस्थान में डीडवाना कुचामन जिले के जसराणा गांव के तिलोकाराम गावड़िया और उनकी पत्नी भंवरी देवी ने सामाजिक समरसता को मजबूत करने वाला एक संदेश समाज को दिया है. गावड़िया दंपती की बेटी की शादी 15 नवंबर को है, लेकिन उससे पहले सोमवार को गावड़िया परिवार ने कुचामन में जरूरतमंद परिवारों की 8 कन्याओं को बेटी मानकर उनका विवाह कराया.
वाल्मीकि समाज के युवा नेता विमल लखन ने बताया कि कुचामन सिटी के श्री कुचामन गौशाला परिसर में आयोजित हुए इस सामूहिक विवाह कार्यक्रम का पूरा खर्च त्रिलोकाराम गावड़िया व उनकी धर्मपत्नी भंवरी देवी ने उठाया. शहर के प्रबुद्धजनों की मौजूदगी में 8 दूल्हा-दुल्हन परिणय सूत्र में बंधे. इससे पहले विवाह के दौरान होने वाली तमाम रस्मों और परंपराओं का निर्वहन किया गया.
8 कन्याओं का विवाह कराने वाले तिलोकाराम गावड़िया का मानना है कि जिस जगह गौमाता का निवास होता है, उससे ज्यादा पवित्र जगह कोई नहीं है. गौमाता के शरीर में सभी देवी-देवताओं का वास होता है. गाय माता जहां सुखी रहती है, वहां समृद्धि का भाव होता है. इसी भाव से गौशाला परिसर में विवाह कार्यक्रम आयोजित किया गया और इस आयोजन के पीछे संदेश यह भी है कि समाज में सभी वर्ग समान होते हैं और हमेशा एक दूसरे की मदद करने का जज्बा हमें रखना चाहिए.
शादी समारोह में शरीक होने आए लोगों ने बताया कि गावड़िया दंपती पहले भी कई जरूरतमंद कन्याओं की शादी करवा चुका है और हमेशा जरूरतमंद की मदद करते हैं. इस सामूहिक विवाह सम्मेलन में गाजे-बाजे के साथ दूल्हों की सत्यनारायण ठाकुर बाड़ी वेस्ट गेट से बारात रवाना हुई और श्री कुचामन गौशाला परिसर में पहुंचने पर पुष्प वर्षा कर बारात का स्वागत किया गया. तोरण के बाद पाणिग्रहण संस्कार हुआ.
गावड़िया दंपती ने माता-पिता का फर्ज निभाते हुए सभी कन्याओं के हाथ पीले कर उन्हें उपहार भेंट किए. शादी में शरीक हुए लोगों का कहना था कि गावड़िया दंपती ने सामाजिक समरसता को मजबूत करने का एक संदेश समाज को दिया है. इस तरह के कार्य समाज में अमीर और गरीब के बीच का फर्क खत्म करने की दिशा में महत्वपूर्ण भूमिका अदा करते हैं.