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सरगुजा में डायरिया का प्रकोप, एक बच्ची की मौत के बाद अलर्ट मोड में स्वास्थ्य विभाग - Diarrhea outbreak in Surguja

सरगुजा में डायरिया से एक बच्ची की मौत हो गई. बच्ची की मौत के बाद जिला स्वास्थ्य विभाग अलर्ट मोड में है. वहीं, विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में ओआरएस और जिंक पाउडर बांटा जा रहा है.

Diarrhea outbreak in Surguja
सरगुजा में डायरिया का प्रकोप (ETV Bharat)
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By ETV Bharat Chhattisgarh Team

Published : Jul 25, 2024, 9:04 PM IST

Updated : Jul 25, 2024, 9:11 PM IST

सरगुजा में डायरिया से एक बच्ची की मौत (ETV Bharat)

सरगुजा: जिले में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. यहां एक 13 साल की बच्ची की मौत डायरिया से हो गई. बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया. जानकारी के बाद जिले के स्वास्थ विभाग की टीम गांव पहुंची. ग्रामीणों का कहना है कि जहरीली भाजी खाने से बच्ची को डायरिया हुआ था. स्वास्थ्य विभाग भी इसे फूड प्वाइजनिंग का मामला मान रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही वहां ओआरएस और जिंक के पावडर उपलब्ध करा रही है.

13 साल की बच्ची की हुई मौत: दरअसल, मामला उदयपुर ब्लॉक के ग्राम पेंडरखी के खुज्जी टोला का है. यहां रहने वाली 13 साल की बच्ची फुलमतिया मझवार की मौत हो गई. मौत कारण जहरीली भाजी खाने से फूड प्वाइजनिंग बताया जा रहा है. बच्ची के परिवार के लोग भी बीमार हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सभी को घर पर ही उपचार दिया जा रहा है.

पेट में दर्द की थी शिकायत: इस बारे में संक्रमण रोग के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने कहा, "दो दिन पहले मितानिन समन्यवयक के माध्यम से ये सूचना मिली कि उदयपुर के दूरस्थ गांव खुज्जी में बीमारी फैली हुई है. जानकारी के बाद जिले से टीम वहां पहुंची तो पता चला कि जिस बच्ची की मौत हुई है, वो खेत में रोपा लगाने गई हुई थी. खेत में ही उसके पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद वो घर आ गई. स्वास्थ्य विभाग की टीम से संपर्क नहीं किया गया, लोकल स्तर पर ही इलाज कराते रहे. 23 तारीख को उसकी मौत हो गई. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके घर का सर्वे किया तो ये पाया कि घर के अन्य 7 सदस्य भी उल्टी दस्त से पीड़ित थे, लेकिन सभी सामान्य थे. हॉस्पिटल में भर्ती करने की स्थिति नहीं थे."

"मृत बच्ची के घर वालों का कहना था कि एक भाजी का सेवन उन लोगों ने किया था जो कई बार उल्टी-दस्त का कारण बनती है. गांव में 150 लोगों की संख्या है. हर घर का मुआयना कर उन्हें ओआरएस और जिंक के पैकेट दिए गए हैं. लेकिन गांव में संक्रमण की स्थिति नहीं है. इस मौसम में संक्रमाक बीमारियों के केस बढ़े हुए हैं. जिले में मलेरिया के 8 मामले हैं. जिले में संभावित महामारी वाले 64 गांव हैं. इनमें से 69 गांव पहुंच विहीन हैं. यहां स्थानीय, ब्लॉक और जिला स्तरीय हेल्थ टीम का समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है.- डॉ. शैलेंद्र गुप्ता, नोडल अधिकारी, संक्रामक रोग

बता दें कि इन दिनों जिले में बारिश के कारण कई क्षेत्रों में गंदे पानी पीने के कारण डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं, सरगुजा में 13 साल की बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड में आ गया है. विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में ओआरएस और जिंक पाउडर बांटा जा रहा है.

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सरगुजा में डायरिया से एक बच्ची की मौत (ETV Bharat)

सरगुजा: जिले में डायरिया का प्रकोप देखने को मिल रहा है. यहां एक 13 साल की बच्ची की मौत डायरिया से हो गई. बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ विभाग में हड़कंप मच गया. जानकारी के बाद जिले के स्वास्थ विभाग की टीम गांव पहुंची. ग्रामीणों का कहना है कि जहरीली भाजी खाने से बच्ची को डायरिया हुआ था. स्वास्थ्य विभाग भी इसे फूड प्वाइजनिंग का मामला मान रही है. स्वास्थ्य विभाग की टीम ग्रामीणों को जागरूक करने के साथ ही वहां ओआरएस और जिंक के पावडर उपलब्ध करा रही है.

13 साल की बच्ची की हुई मौत: दरअसल, मामला उदयपुर ब्लॉक के ग्राम पेंडरखी के खुज्जी टोला का है. यहां रहने वाली 13 साल की बच्ची फुलमतिया मझवार की मौत हो गई. मौत कारण जहरीली भाजी खाने से फूड प्वाइजनिंग बताया जा रहा है. बच्ची के परिवार के लोग भी बीमार हैं, लेकिन स्वास्थ्य विभाग में सभी को घर पर ही उपचार दिया जा रहा है.

पेट में दर्द की थी शिकायत: इस बारे में संक्रमण रोग के नोडल अधिकारी डॉ. शैलेंद्र गुप्ता ने कहा, "दो दिन पहले मितानिन समन्यवयक के माध्यम से ये सूचना मिली कि उदयपुर के दूरस्थ गांव खुज्जी में बीमारी फैली हुई है. जानकारी के बाद जिले से टीम वहां पहुंची तो पता चला कि जिस बच्ची की मौत हुई है, वो खेत में रोपा लगाने गई हुई थी. खेत में ही उसके पेट में दर्द हुआ, जिसके बाद वो घर आ गई. स्वास्थ्य विभाग की टीम से संपर्क नहीं किया गया, लोकल स्तर पर ही इलाज कराते रहे. 23 तारीख को उसकी मौत हो गई. जब स्वास्थ्य विभाग की टीम ने उसके घर का सर्वे किया तो ये पाया कि घर के अन्य 7 सदस्य भी उल्टी दस्त से पीड़ित थे, लेकिन सभी सामान्य थे. हॉस्पिटल में भर्ती करने की स्थिति नहीं थे."

"मृत बच्ची के घर वालों का कहना था कि एक भाजी का सेवन उन लोगों ने किया था जो कई बार उल्टी-दस्त का कारण बनती है. गांव में 150 लोगों की संख्या है. हर घर का मुआयना कर उन्हें ओआरएस और जिंक के पैकेट दिए गए हैं. लेकिन गांव में संक्रमण की स्थिति नहीं है. इस मौसम में संक्रमाक बीमारियों के केस बढ़े हुए हैं. जिले में मलेरिया के 8 मामले हैं. जिले में संभावित महामारी वाले 64 गांव हैं. इनमें से 69 गांव पहुंच विहीन हैं. यहां स्थानीय, ब्लॉक और जिला स्तरीय हेल्थ टीम का समन्वय बनाकर काम किया जा रहा है.- डॉ. शैलेंद्र गुप्ता, नोडल अधिकारी, संक्रामक रोग

बता दें कि इन दिनों जिले में बारिश के कारण कई क्षेत्रों में गंदे पानी पीने के कारण डायरिया के मरीजों की संख्या बढ़ रही है. वहीं, सरगुजा में 13 साल की बच्ची की मौत के बाद स्वास्थ्य अमला अलर्ट मोड में आ गया है. विभाग की ओर से ग्रामीण क्षेत्रों में ओआरएस और जिंक पाउडर बांटा जा रहा है.

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Last Updated : Jul 25, 2024, 9:11 PM IST
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