जोधपुर. देश-दुनिया में सबसे अनूठा जोधपुर का धींगा गवर मेला शनिवार को आयोजित होगा. इसमें शहर के परकोटे के भीतर की गलियों में जगह-जगह पर गवर माता को विराजमान किया जाएगा. पूरी रात भीतरी शहर की सड़कों पर महिलाओं का ही राज होगा. व्रती महिलाएं अलग-अलग रूप धर कर आएंगी. फिलहाल घर-घर में गवर का पूजन चल रहा है. खास बात यह है इस पूजन में विवाहिता के साथ विधवा महिलाएं भी शामिल होती हैं. जबकि इससे पहले सम्पन्न हुए गणगौर उत्सव में कुंवारी युवतियों को भी शामिल किया जाता है.
सोने से लक दक श्रृंगार होगा गवर माता का: गली मोहल्ले में विराजमान होने वाली गवर माता को करोड़ों रुपए के आभूषण भी पहनाए जाएंगे, जो क्षेत्र के समृद्धि का प्रतीक होगा. इनमें भीतरी शहर के सुनारों की घाटी, नवचोकिया, हठड़ियों का चौक, चाचा की गली सहित करीब 20 जगह पर माता विराजमान होंगी. जिन्हें 5 किलो से लेकर 15 किलो तक का सोना पहनाया जाएगा. खास बात यह है कि यह सोना मोहल्ले के लोग अपने अपने घर से लाते हैं और कार्यक्रम पूरा होने के बाद वापस ले जाते हैं.
नाम दिया बेंतमार मेला: धींगा गवर के इस मेले को बेंत मार मेला भी कहा जाता है. व्रत करने वाली महिलाएं रात को अपने हाथों में लकड़ी की छड़ी लेकर निकलती हैं. माना जाता है कि किसी कुंवारे युवक पर अगर छड़ी मारी जाती है, तो उसकी सगाई या शादी जल्दी हो जाती है. हालांकि बदलते समय के साथ-साथ हर महिला और युवतियां भी छड़ी लेकर चलने लगी हैं.
कल समाप्त होगा पूजन: धींगा गवर का पूजन 16 दिन चलता है, जो कल समाप्त हो जाएगा. इस दौरान जो महिलाएं पूजा करती हैं, वे व्रत रखती हैं. इस व्रत में नमक खाना प्रतिबंधित होता है. सबसे खास बात यह है कि यह व्रत विवाहिता या विधवा महिलाएं ही रख सकती हैं. कुंवारी कन्याओं को यह पूजन वर्जित किया गया है.