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'रोड नहीं तो वोट नहीं' धौलियाना के ग्रामीणों ने तानी मुट्ठी, चुनाव बहिष्कार की दी चेतावनी - Villagers Boycott Election

Dhauliyana Villagers Warned Boycott Election Kirtinagar उत्तराखंड में लोकसभा चुनाव सिर पर है, लेकिन वोटिंग से ठीक पहले ग्रामीणों ने चुनाव बहिष्कार की चेतावनी देकर निर्वाचन आयोग और प्रशासन की चिंता बढ़ा दी है. दरअसल, कीर्तिनगर के नौडा धौलियाना के ग्रामीण 'रोड नहीं तो वोट नहीं' नारा बुलंद कर चुनाव बहिष्कार पर उतर गए हैं.

Road Nahi to Vote Nahi
धौलियाना के ग्रामीणों तानी मुठ्ठी
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Apr 15, 2024, 6:00 PM IST

Updated : Apr 15, 2024, 6:33 PM IST

श्रीनगर: यूं तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद ज्यादातर गांव सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के रहवासी आज भी सड़क की बाट जोह रहे हैं. जिसमें कीर्तिनगर विकासखंड के नौडा, धौलियाना गांव शामिल है. जहां सड़क को लेकर ग्रामीणों की आंखें पथरा गई हैं, लेकिन आज भी उनका गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब गुस्साए ग्रामीणों ने 'रोड़ नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद कर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

Road Nahi to Vote Nahi
सड़क की मांग को लेकर प्रदर्शन

नौडा धौलियाना के ग्राम प्रधान हेमलता नेगी, गंभीर सिंह नेगी, गंभीर सिंह जायड़ा, भगवान सिंह जायड़ा ने बताया कि नौडा धौलियाना के ग्रामीण बीते 12 सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं. गांव में सड़क न होने से बीमार, घायल, गर्भवतियों को कुर्सी और पालकी पर उठाकर करीब 6 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. जिसके बाद ही चुन्नीखाल में सड़क तक पहुंचा जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि सड़क न होने से गांव में 70 प्रतिशत पलायन हो चुका है. धौलियाना, दुग्ड, नौडा, चौनी गांव में 700 से ज्यादा लोग रहते हैं.

Road Nahi to Vote Nahi
धौलियाना के ग्रामीणों तानी मुट्ठी

ग्रामीण गंभीर सिंह जायड़ा ने बताया कि साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नौडा-धौलियाना मोटर मार्ग बनाने की घोषणा की थी. जिसकी दो बार सर्वे भी किया जा चुका है. बावजूद आज तक ग्रामीणों को मोटर मार्ग नसीब नहीं हो पाया है. सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. लिहाजा, उन्होंने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.

क्या बोले विभागीय अधिकारी? लोक निर्माण विभाग कीर्तिनगर के ईई डीपी आर्य का कहना है कि नौडा-धौलियाना मोटर मार्ग के सर्वे में बांज के पेड़ ज्यादा पाए गए. जिस कारण वन विभाग ने आपत्ति दर्ज की दी थी. वन विभाग की आपत्ति के चलते मोटर मार्ग के निर्माण में देरी हुई है. मोटर मार्ग के तीन बार सर्वे होने बाद अब वन विभाग की पत्रावली तैयार की जा रही है.

"मेरी पहली प्राथमिकता गांव में सड़क पहुंचाना है. बांज के पेड़ ज्यादा होने के चलते मोटर मार्ग को लेकर वन विभाग की ओर से आपत्ति दर्ज की थी. जिसके एवज में वन विभाग को तीन हेक्टेयर सिविल लैंड दे दी गई है. जो अब डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के लिए चली गई है. मोटर मार्ग को पीएमजीएसवाई को दे दिया गया है." - विनोद कंडारी, विधायक, देवप्रयाग

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श्रीनगर: यूं तो उत्तराखंड राज्य बनने के बाद ज्यादातर गांव सड़क सुविधा से जुड़ गए हैं, लेकिन आज भी कई ऐसे गांव हैं, जहां के रहवासी आज भी सड़क की बाट जोह रहे हैं. जिसमें कीर्तिनगर विकासखंड के नौडा, धौलियाना गांव शामिल है. जहां सड़क को लेकर ग्रामीणों की आंखें पथरा गई हैं, लेकिन आज भी उनका गांव सड़क से नहीं जुड़ पाया है. जिससे उन्हें काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. अब गुस्साए ग्रामीणों ने 'रोड़ नहीं तो वोट नहीं' का नारा बुलंद कर चुनाव बहिष्कार की चेतावनी दी है.

Road Nahi to Vote Nahi
सड़क की मांग को लेकर प्रदर्शन

नौडा धौलियाना के ग्राम प्रधान हेमलता नेगी, गंभीर सिंह नेगी, गंभीर सिंह जायड़ा, भगवान सिंह जायड़ा ने बताया कि नौडा धौलियाना के ग्रामीण बीते 12 सालों से सड़क की मांग कर रहे हैं. गांव में सड़क न होने से बीमार, घायल, गर्भवतियों को कुर्सी और पालकी पर उठाकर करीब 6 किमी की पैदल दूरी तय करनी पड़ती है. जिसके बाद ही चुन्नीखाल में सड़क तक पहुंचा जा सकता है. उन्होंने ये भी कहा कि सड़क न होने से गांव में 70 प्रतिशत पलायन हो चुका है. धौलियाना, दुग्ड, नौडा, चौनी गांव में 700 से ज्यादा लोग रहते हैं.

Road Nahi to Vote Nahi
धौलियाना के ग्रामीणों तानी मुट्ठी

ग्रामीण गंभीर सिंह जायड़ा ने बताया कि साल 2017 में तत्कालीन मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने नौडा-धौलियाना मोटर मार्ग बनाने की घोषणा की थी. जिसकी दो बार सर्वे भी किया जा चुका है. बावजूद आज तक ग्रामीणों को मोटर मार्ग नसीब नहीं हो पाया है. सड़क की मांग को लेकर ग्रामीण कई बार शासन-प्रशासन से मांग कर चुके हैं, लेकिन मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद भी कोई कार्रवाई नहीं हो पाई है. लिहाजा, उन्होंने चुनाव बहिष्कार का ऐलान किया है.

क्या बोले विभागीय अधिकारी? लोक निर्माण विभाग कीर्तिनगर के ईई डीपी आर्य का कहना है कि नौडा-धौलियाना मोटर मार्ग के सर्वे में बांज के पेड़ ज्यादा पाए गए. जिस कारण वन विभाग ने आपत्ति दर्ज की दी थी. वन विभाग की आपत्ति के चलते मोटर मार्ग के निर्माण में देरी हुई है. मोटर मार्ग के तीन बार सर्वे होने बाद अब वन विभाग की पत्रावली तैयार की जा रही है.

"मेरी पहली प्राथमिकता गांव में सड़क पहुंचाना है. बांज के पेड़ ज्यादा होने के चलते मोटर मार्ग को लेकर वन विभाग की ओर से आपत्ति दर्ज की थी. जिसके एवज में वन विभाग को तीन हेक्टेयर सिविल लैंड दे दी गई है. जो अब डिजिटल लैंड रिकॉर्ड के लिए चली गई है. मोटर मार्ग को पीएमजीएसवाई को दे दिया गया है." - विनोद कंडारी, विधायक, देवप्रयाग

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Last Updated : Apr 15, 2024, 6:33 PM IST
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