धार (IANS)। मध्य प्रदेश के धार जिले की भोजशाला में सरस्वती मंदिर था या मस्जिद, इसका पता लगाने के लिए भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) की टीम चौथे दिन भी अपने अभियान में जुटी है. मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि ने सर्वे करने वाली टीम में एक ही वर्ग के लोगों के होने पर आपत्ति दर्ज कराई है. मध्य प्रदेश हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ के आदेश पर एएसआई ने शुक्रवार को भोजशाला में सर्वे शुरू कर दिया था.
भोजशाला में सर्वे का चौथा दिन
सोमवार को सर्वे का चौथा दिन है. होली का पर्व होने के बावजूद सर्वे करने वाली टीम सुबह आठ बजे भोजशाला पहुंच गई. टीम ने एक स्तंभ का परीक्षण किया और कागज पर उसकी आकृति भी बनाई. मुस्लिम और हिंदू पक्ष के प्रतिनिधियों की मौजूदगी में यह सर्वे कार्य चल रहा है.
सर्वे के लिए आई टीम को लेकर मुस्लिम समाज के प्रतिनिधि ने लगाया आरोप
मुस्लिम समाज के एक प्रतिनिधि ने आरोप लगाया है कि सर्वे के लिए जो टीम आई हुई है उसमें एक ही वर्ग (कम्युनिटी) के लोगों को रखा गया है, जबकि इसमें दोनों कम्युनिटी के लोग होने चाहिए. ज्ञात हो कि भोजशाला में मंदिर और मस्जिद को लेकर वर्षों से विवाद चल रहा है. भोजशाला एएसआई के अधीन संरक्षित स्मारक है. यहां साल 2003 में ऐसी व्यवस्था की गई जिसके तहत शुक्रवार को नमाज होती है और मंगलवार को पूजा.
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वहीं, आमजन एक रुपये का टिकट लेकर भोजशाला में प्रवेश करते हैं. भोजशाला में सरस्वती मंदिर होने का दावा करते हुए हिंदू फ्रंट फॉर जस्टिस ने एक याचिका हाईकोर्ट की इंदौर खंडपीठ में दायर की थी. कोर्ट ने ASI को पांच सदस्यीय समिति गठित करने के आदेश दिया था. भोजशाला में उत्तर प्रदेश की ज्ञानवापी की तरह एएसआई सर्वे करने जा रहा है. भोजशाला के सर्वे शुरू होने पर मौके पर पुलिस बल की तैनाती की गई है. पूरे शहर में सुरक्षा व्यवस्था के मद्देनजर भी पुलिस बल सतर्क है