धार। धार भोजशाला में हाईकोर्ट द्वारा गई व्यवस्था के अनुसार सप्ताह में एक बार हिंदू समुदाय पूजा अर्चना करता है. एक दिन मुस्लिम समुदाय शुक्रवार के दिन नमाज अदा करता है. बता दें कि भोजशाला विवाद को लेकर हाईकोर्ट ने हिंदू संगठन द्वारा दायर याचिका के बाद सर्वे करने के आदेश दिए हैं. वहीं, खुदाई करने से उच्चतम न्यायालय द्वारा मना किया गया है. इसको लेकर मुस्लिम पक्ष ज्ञापन देकर शासन प्रशासन को चेता चुका है. आरोप है कि इसके बावजूद एएसआई द्वारा खुदाई की जा रही है.
स्थल के नक्शे को बिगाड़ा जा रहा है
मुस्लिम पक्ष का आरोप है कि स्थल के नक्शे को बिगाड़ा जा रहा है. मुस्लिम पक्ष द्वारा शुक्रवार को अदा की जाने वाली नमाज के दौरान काली पट्टी बांधकर विरोध दर्ज कराया गया. धार की ऐतिहासिक भोजशाला में 64वें दिन सुबह 6 से दोपहर 12 बजे तक सर्वे का काम जारी रहा. शुक्रवार होने के चलते मुस्लिम समाजजन नमाज पढ़ने के लिए पहुंचने लगे. मुस्लिम समाज द्वारा अपने हाथों में काली पट्टी बांधकर भोजशाला में जारी सर्वे के दौरान खुदाई को लेकर मौन विरोध प्रदर्शन किया गया.
सुप्रीम कोर्ट के आदेश का पालन नहीं
मुस्लिम समाज की कमाल मौलाना इंतजामिया कमेटी के सदर जुल्फिकार पठान ने कहा "भोजशाला में जारी ASI सर्वे के दौरान प्राचीन बिल्डिंग में खुदाई की जा रही है, जबकि सुप्रीम कोर्ट के निर्देश के अनुसार ये गलत है. इसके बाद भी यहां पर खुदाई की जा रही है. बिल्डिंग के मूल स्वरूप के साथ छेड़छाड़ की जा रही है. पूर्व में भी हमने ज्ञापन देकर छेड़छाड़ को रोकने की मांग की थी, जोकि न्यायालय के आदेश की अवहेलना है. राष्ट्रपति के नाम पर ज्ञापन सौंपा गया है, जिसमें न्यायालय के आदेश की अवहेलना का हवाला दिया है."
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मूल स्वरूप से छेड़छाड़ का विरोध करेंगे
मुस्लिम समाज का कहना है कि हमारा यह विरोध प्रदर्शन सर्वे टीम द्वारा मूल स्वरूप से की जा रही छेड़छाड़ को लेकर है. अगर यह नहीं रुकता है तो विरोध जारी रहेगा. वहीं शहर काजी वकार सादिक ने कहा "देश, समाज में शांति और खुशहाली को लेकर नमाज अदा की गई, जिसके बाद भौजशाला के मूल स्वरूप से छेड़खानी को लेकर काली पट्टी बांधकर विरोध प्रदर्शन किया गया. इसे रोके जाने की मांग की गई है."