उज्जैन। धार की भोजशाला का ऑर्कियोलॉजी सर्वे ऑफ इंडिया (ASI) द्वारा सर्वे शुरू हो गया है. ASI के अफसरों की टीम ने सुबह 6 बजे से ही भोजशाला पहुंचकर निरीक्षण शुरू कर दिया था. इधर, उज्जैन में भी एक विवादित स्थल को लेकर सर्वे की मांग शुरू हो गई है. महामंडलेश्वर अतुलेशनंद सरस्वती महाराज ने उज्जैन के दानीगेट स्थित बिना न्यू की मस्जिद पर दावा किया है. उनका कहना है "यह राजा भोज द्वारा स्थापित परमारकालीन सरस्वती जी औऱ सोमेश्वर महादेव का मंदिर था. इसे मुगल शासकों ने खंडित किया गया. दिलावर खान द्वारा शिवलिंग को वहां से हटा दिया गया था.'
राजा भोज द्वारा मंदिर बनवाने का दावा
अतुलेशनंद सरस्वती महाराज का कहना है 'उज्जैन में राजा भोज द्वारा निर्मित भोजशाला जिसे सरस्वती कंठ भरण कहा गया है. इसे राजा भोज द्वारा बनाया गया था. इस मंदिर में इसमें सोमेश्वर महादेव थे, जिसे अल्तमस के आने के बाद खंडित किया गया. शिवलिंग को मंदिर से बाहर फेंक दिया गया. आज इस जगह को बिना न्यू की मस्जिद कहा जा रहा है. यहां नमाज पढ़ी जा रही है. मुस्लिम पक्षों द्वारा शिव का गर्भगृह गिरा दिया गया है. यहां 88 खंभे भारतीय सनातन परंपरा के अनुसार बने हैं."
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विवादित स्थल पर सीसीटीवी लगवाने की मांग
महामंडलेश्वर का कहना है "इस जगह पर आर्किटेक्चर देखकर कहा जा सकता है कि ये मंदिर है. निश्चित रूप से बिना न्यू की मस्जिद पुरानी व बहुत विशाल है. यहां निश्चित रूप से या सरस्वती मंदिर रहा है. अगर मुस्लिम पक्ष इसे मस्जिद कहता है मैं यह कहना चाहूंगा कि यह राजा भोज ने बनाया था. ये मंदिर है और इसे हिंदुओं को सौंपा जाना चाहिए. यहां सीसीटीवी लगवाए जाएं क्योंकि यहां भी सर्वे भविष्य में हो सकता है. इस कारण यहां छेड़छाड़ की संभावना लगातार बनी हुई है."