नूंह: देशभर में त्योहारी सीजन चल रहा है. इस त्योहारी सीजन में अधिक से अधिक खरीदारी की जाती है. दीपावली से ठीक 2 दिन पहले आगामी 29 अक्टूबर को धनतेरस का त्यौहार मनाया जाता है. धनतेरस के दो दिन बाद हिंदू समाज का सबसे बड़ा पर्व दीपावली मनाया जाता है. धनतेरस के पर्व पर सबसे ज्यादा सोने व चांदी के आभूषण के साथ-साथ बर्तनों की सबसे ज्यादा खरीदारी की जाती है. ज्वैलर्स की दुकान चलाने वाले दुकानदार सोने व चांदी के आभूषणों से ग्राहकों को लुभाने के लिए पूरी गुणवत्ता के साथ आभूषण बनाकर बेचने के लिए पूरे तैयार हैं. तो धनतेरस के पर्व का ग्राहकों को भी बड़ी बेसब्री से इंतजार है.
इन चीजों को खरीदना शुभ: धनतेरस के दिन सोना-चांदी खरीदना शुभ माना जाता है. इसके अलावा, पीतल और चांदी के बर्तन भी खरीदे जाते हैं. कांसे के बर्तन खरीदना भी शुभ माना गया है. वहीं, घर के लिए झाड़ू, धनिया, नमक, चावल इत्यादि भी खरीदना शुभ माना गया है. मान्यता है कि इन सभी चीजों को धनतेरस वाले दिन खरीदने से दैवी लक्ष्मी की विशेष कृपा होती है.
बाजारों में त्योहार की रौनक: दुकानदारों का कहना है कि मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले में भी हिंदू समाज की महिलाएं जमकर सोने व चांदी के आभूषण खरीदती हैं. इसके अलावा, बर्तनों की खरीदारी भी जमकर होती है और घर में खुशहाली लाने के लिए यह खरीदारी की जाती है. घर में बच्चे, महिलाएं, जवान, बुजुर्ग सब नए कपड़े पहनते हैं और पूजा अर्चना की जाती है. मंदिर के पुजारी ने बताया कि श्री राम जब लंका दहन करने के बाद विजय होकर वापस आए थे. उसकी खुशी में दीपावली का पर्व मनाया जाता है.
सदियों से चली आ रही प्रथा: यह पर्व सदियों से मनाया जाता रहा है. इसके दो दिन पहले धनतेरस का पर्व मनाया जाता है. पुजारी ने यह भी बताया कि इस बार दीपावली 31 अक्टूबर और 1 नवंबर को 2 दिन मनाई जाएगी. उन्होंने कहा कि जहां तक खरीदारी की बात है, महिलाएं बर्तन और सोने-चांदी के आभूषण खरीदती हैं. उसको लेकर बाजार पूरी तरह से गुलजार है.
पुराना चांदी बिकना बंद: नूंह जिले के पुनहाना, पिनगवां, नगीना, फिरोजपुर झिरका, नूंह, तावडू, उजीना इत्यादि स्थानों पर जितने भी सोने-चांदी के आभूषण बेचने वाले दुकानदार हैं. उन सभी ने कई प्रकार के आइटम ग्राहकों को लुभाने के लिए दुकान पर रखी है. लेकिन उनका दावा है कि जो पहले टांके के चांदी के आभूषण बिकते थे. अब वह पूरी तरह से बंद हो चुके हैं. अब पक्की ईंट की चांदी के आभूषण ही ग्राहक खरीदता है. इसलिए मूर्ति, आभूषण इत्यादि सभी चांदी के बर्तन पूरी गुणवत्ता के साथ ग्राहकों को दिए जाते हैं.
त्योहार को लेकर तैयारियां पूरी: वहीं, नूंह में दिवाली की तैयारियों का नजारा कुछ ऐसा है कि लोगों ने घरों को पूरी तरह से लिपाई कर लड़ियां लगाकर सजा दिया है. दिवाली को लेकर इस बार स्वदेशी सामान की ही ज्यादा खरीदारी की जा रही है. ताकि सभी लोगों की दिवाली अच्छे से मनाई जा सके. इसलिए मिट्टी के दीपक की भी काफी डिमांड है. कुम्हारों के चेहरों पर भी रौनक है. बाजारों में रोजाना भीड़ देखी जा रही है. पुलिस प्रशासन ने ट्रैफिक व्यवस्था के भी विशेष इंतजाम किए हैं, ताकि सड़कों पर जाम न लगे और किसी को कोई परेशानी न हो.
ये भी पढ़ें: दिवाली के त्योहार पर हुड़दंगबाजियों की नहीं खैर, चप्पे-चप्पे पर पुलिस की पैनी नजर, होगी सख्त कार्रवाई
ये भी पढ़ें: त्योहारों के सीजन में कहीं खुशी, कहीं गम, ऑनलाइन शॉपिंग और महंगाई का बाजारों पर असर!, दुकानदार मायूस