धनबाद: चुनाव खत्म हो चुके हैं और अब सरकार बनाने की बारी है. सरकार में मंत्री पद को लेकर विधायक खेमे में काफी हलचल है. कई विधायक मंत्री पद की दौड़ में हैं. धनबाद की बात करें तो झामुमो से टुंडी विधायक मथुरा महतो मंत्री पद की दौड़ में माने जा रहे हैं. वहीं निरसा सीट से भाकपा माले विधायक अरूप चटर्जी को इस बार मंत्री बनाए जाने की प्रबल संभावना है.
भाकपा माले के धनबाद जिले से दो विधायक चुने गए हैं. निरसा से अरूप चटर्जी और सिंदरी से चंद्रदेव उर्फ बबलू महतो. चंद्रदेव महतो पहली बार विधायक बने हैं. जबकि निरसा से अरूप चटर्जी चौथी बार विधायक चुने गए हैं. इन दोनों में अरूप चटर्जी अपनी पार्टी के वरिष्ठ विधायक हैं. इस बार बगोदर सीट से विनोद सिंह और धनवार से राजकुमार यादव भी भाकपा माले से चुनावी मैदान में थे, लेकिन उन्हें हार का सामना करना पड़ा. महागठबंधन में शामिल लगभग सभी घटक दलों के मंत्री हैं. ऐसे में भाकपा माले से अरूप चटर्जी का मंत्री बनना लगभग तय है.
अरुप चटर्जी अपने पिता गुरुदास चटर्जी के निधन के बाद 2000 में हुए उपचुनाव में पहली बार विधायक चुने गए थे. 2005 में फारवर्ड ब्लॉक की अपर्णा सेन गुप्ता विधायक बनीं. लेकिन 2009 और 2014 के चुनाव में अरुप चटर्जी मासस के टिकट पर विधायक बनें. लेकिन फारवर्ड ब्लॉक से भाजपा में शामिल हुईं अपर्णा सेन गुप्ता ने 2019 में उन्हें हरा दिया.
टुंडी से झामुमो विधायक मथुरा महतो की बात करें तो उन्हें जनता ने चौथी बार विधायक चुना है. वे पार्टी में काफी वरिष्ठ नेता भी माने जाते हैं. 2019 के विधानसभा चुनाव के बाद उन्हें मंत्री पद दिए जाने की प्रबल संभावना थी. लेकिन खींचतान और सरकार गठन के बीच उन्हें निराशा हाथ लगी. लेकिन इस बार ऐसे कयास लगाए जा रहे हैं कि इस बार उनका सरकार में मंत्री बनना तय है. मथुरा महतो 2005, 2009 में विधायक रहे. 2014 में जनता ने उन्हें नकार दिया और राजकिशोर महतो को विधायक चुना. इसके बाद 2019 में जनता ने फिर उन्हें अपना विधायक चुना.
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