धनबादः जिला उद्योग केंद्र में काम करने वाले कर्मचारी लंबे समय से डर के साये में ड्यूटी करने को मजबूर हैं. वजह यह है कि जिला उद्योग केंद्र का भवन काफी जर्जर हो गया है. इस कारण कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. खासकर बरसात के मौसम में डीआईसी में काम करने वाले कर्मियों को काफी परेशानी होती है. बारिश के बाद भवन की छत से पानी टपकता है. कई बार जर्जर भवन का मलबा भी टूट कर नीचे गिर जाता है. यहां के कर्मचारी जान जोखिम में डालकर काम करने को विवश हैं.
जान बचाने के साथ दस्तावेजों को भी बचाने की चुनौती
बरसात में छत से पानी टपकने के कारण सरकारी रिकॉर्ड भी खराब होने का डर बना रहता है. ऐसे में कर्मचारी न सिर्फ अपनी जान बचाने के लिए उपाय करते हैं, बल्कि सरकारी दस्तावेजों को भी पानी से बचाने के लिए जद्दोजहद करते हैं.
कई बार छत का प्लास्टर भी टूटकर गिरता है
इस संबंध में जिला उद्योग केंद्र के प्रधान लिपिक अमरेंद्र कुमार ने बताया कि लगातार हो रही बारिश के कारण छत से पानी टपकता है. सरकारी दस्तावेजों को बचाने के लिए उसे प्लास्टिक से ढक कर रखते हैं. बरसात में काम करने में कठिनाई हो रही है.
प्रधान लिपिक अमरेंद्र कुमार ने कहा कि छत का प्लास्टर टूट कर नीचे गिरते रहता है.कभी भी काम के दौरान बड़ा हादसा हो सकता है.उन्होंने कहा कि भवन निर्माण विभाग ने कार्यालय को कंडम घोषित करने की अनुशंसा की है. जिसकी संचिका विभाग को भेज दी गई है.
आम पब्लिक को भी कार्यालय आने में लगता है डर
वहीं कार्य से जिला उद्योग केंद्र पहुंचने वाले लोगों को भी यहां आने के बाद हादसे का डर सताता है. इस संबंध में कार्यालय पहुंचे वकील जुबेर आलम ने कहा कि जिला उद्योग केंद्र में कई महत्वपूर्ण कार्य होते हैं. छोटे-बड़े उद्योग चलाने वाले लोग यहां पहुंचते हैं, लेकिन कार्यालय का भवन काफी जर्जर हो चुका है. उन्होंने अन्य भवन की तरह ही इस बिल्डिंग को भी एक नया रूप देने की मांग सरकार से की है.
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