ETV Bharat / state

सीएनजी आधारित कमर्शियल वाहनों के खरीद पर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि, नीति को मिली मंजूरी

Dhami cabinet latest decision, Uttarakhand Clean Mobility Transformation Policy 2024 धामी कैबिनेट ने आज सात प्रस्तावों पर मुहर लगाई है. इसमें सीएनजी आधारित कमर्शियल वाहनों की खरीद पर सरकार प्रोत्साहन राशि देगी. इसके लिए धामी सरकार ने 'उत्तराखण्ड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024' को मंजूरी दे दी है.

Etv Bharat
सीएनजी आधारित कमर्शियल वाहनों के खरीद पर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि
author img

By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Mar 14, 2024, 8:23 PM IST

Updated : Mar 14, 2024, 9:57 PM IST

कमर्शियल वाहनों के खरीद पर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि

देहरादून: प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने के साथ ही प्रदूषण को कम किए जाने को लेकर धामी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कैबिनेट ने 'उत्तराखण्ड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024' को मंजूरी दे दी है. इस नीति के लागू होने के बाद पुराने डीजल आधारित बसों और विक्रम / टैम्पो से हो रहे प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम किया जा सकेगा.

इस नीति के तहत शहरी क्षेत्रों में संचालित डीज़ल बसों और विक्रम/टैंपो को सीएनजी या फिर अन्य स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन आधारित बस में बदलने के साथ ही डीज़ल आधारित विक्रम / टैम्पो को बीएस-VI ओमनी बस में बदलने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने इस नीति में एकमुश्त पूंजीगत अनुदान देने का भी प्रावधान किया है. इस नीति को लागू करने के लिए परिवहन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. पहले चरण में इस नीति को देहरादून शहर में लागू किया जाएगा. इसके बाद उच्च अधिकार प्राप्त समिति की अनुमति के बाद इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा.

बस ऑपरेटरों के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान: इस नीति में शहरों में संचालित सिटी बसों के लिए दो विकल्पों का प्रावधान किया गया है. पहले विकल्प के तहत अगर वाहन स्वामी, वाहन को स्क्रैप करने के बाद वाहन स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र और परिवहन विभाग की ओर से जारी वैध परमिट को सौंपता है तो नई सीएनजी या वैकल्पिक ईंधन आधारित सिटी बस खरीदने के लिए वाहन लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रुपए) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. दूसरे विकल्प के तहत वाहन को स्क्रैप किए बिना परमिट को जमा करने पर नई सिटी बस खरीदने पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 लाख) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. पुराने वाहन को उत्तराखंड राज्य में संचालित नहीं कर सकेंगे. साथ ही वाहन स्वामी को दूसरे राज्य में संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा.

ऑटो/बिक्रम संचालकों के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी: इस नीति के तहत शहरों में संचालित ऑटो/बिक्रम के लिए तीन विकल्पों का प्रावधान किया गया है. पहले विकल्प के तहत अगर वाहन स्वामी, अपने वाहन को स्क्रैप करने के बाद वाहन स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र और परिवहन विभाग की ओर से जारी वैध परमिट को सौंपता है तो नई सीएनजी या वैकल्पिक ईंधन आधारित बस खरीदने के लिए वाहन लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रुपए) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. दूसरे विकल्प के तहत वाहन को स्क्रैप किए बिना परमिट को जमा करने पर नई सीएनजी बस खरीदने पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 लाख) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. तीसरे विकल्प के तहत नई सीएनजी/ वैकल्पिक ईंधन आधारित ओमनी बस बीएस - VI में परिवर्तन करने के इच्छुक वैध परमिट धारक वाले विक्रम संचालकों को 1:1 के अनुपात में समायोजित किया जाएगा. प्रोत्साहन के रूप में वाहन लागत का 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान (अधिकतम 3.50 लाख) दिया जाएगा.

पढे़ं- धामी कैबिनेट ने सात प्रस्तावों पर लगाई मुहर, सरकारी सेवा नियमावली में संशोधन को मिली मंजूरी

कमर्शियल वाहनों के खरीद पर सरकार देगी प्रोत्साहन राशि

देहरादून: प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सार्वजनिक परिवहन को बेहतर करने के साथ ही प्रदूषण को कम किए जाने को लेकर धामी सरकार ने बड़ा निर्णय लिया है. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी की अध्यक्षता में हुई मंत्रिमंडल की बैठक के दौरान कैबिनेट ने 'उत्तराखण्ड स्वच्छ गतिशीलता परिवर्तन नीति 2024' को मंजूरी दे दी है. इस नीति के लागू होने के बाद पुराने डीजल आधारित बसों और विक्रम / टैम्पो से हो रहे प्रदूषण को कम करने की दिशा में काम किया जा सकेगा.

इस नीति के तहत शहरी क्षेत्रों में संचालित डीज़ल बसों और विक्रम/टैंपो को सीएनजी या फिर अन्य स्वच्छ वैकल्पिक ईंधन आधारित बस में बदलने के साथ ही डीज़ल आधारित विक्रम / टैम्पो को बीएस-VI ओमनी बस में बदलने का प्रावधान किया गया है. इसके लिए उत्तराखंड सरकार ने इस नीति में एकमुश्त पूंजीगत अनुदान देने का भी प्रावधान किया है. इस नीति को लागू करने के लिए परिवहन विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है. पहले चरण में इस नीति को देहरादून शहर में लागू किया जाएगा. इसके बाद उच्च अधिकार प्राप्त समिति की अनुमति के बाद इसे अन्य शहरों में भी लागू किया जाएगा.

बस ऑपरेटरों के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी का प्रावधान: इस नीति में शहरों में संचालित सिटी बसों के लिए दो विकल्पों का प्रावधान किया गया है. पहले विकल्प के तहत अगर वाहन स्वामी, वाहन को स्क्रैप करने के बाद वाहन स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र और परिवहन विभाग की ओर से जारी वैध परमिट को सौंपता है तो नई सीएनजी या वैकल्पिक ईंधन आधारित सिटी बस खरीदने के लिए वाहन लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रुपए) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. दूसरे विकल्प के तहत वाहन को स्क्रैप किए बिना परमिट को जमा करने पर नई सिटी बस खरीदने पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 लाख) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. पुराने वाहन को उत्तराखंड राज्य में संचालित नहीं कर सकेंगे. साथ ही वाहन स्वामी को दूसरे राज्य में संचालन के लिए अनापत्ति प्रमाण पत्र जारी किया जायेगा.

ऑटो/बिक्रम संचालकों के लिए 50 फीसदी तक सब्सिडी: इस नीति के तहत शहरों में संचालित ऑटो/बिक्रम के लिए तीन विकल्पों का प्रावधान किया गया है. पहले विकल्प के तहत अगर वाहन स्वामी, अपने वाहन को स्क्रैप करने के बाद वाहन स्क्रैपिंग प्रमाण पत्र और परिवहन विभाग की ओर से जारी वैध परमिट को सौंपता है तो नई सीएनजी या वैकल्पिक ईंधन आधारित बस खरीदने के लिए वाहन लागत का 50 प्रतिशत (अधिकतम 15 लाख रुपए) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. दूसरे विकल्प के तहत वाहन को स्क्रैप किए बिना परमिट को जमा करने पर नई सीएनजी बस खरीदने पर 40 प्रतिशत (अधिकतम 12 लाख) का पूंजीगत अनुदान दी जायेगी. तीसरे विकल्प के तहत नई सीएनजी/ वैकल्पिक ईंधन आधारित ओमनी बस बीएस - VI में परिवर्तन करने के इच्छुक वैध परमिट धारक वाले विक्रम संचालकों को 1:1 के अनुपात में समायोजित किया जाएगा. प्रोत्साहन के रूप में वाहन लागत का 50 प्रतिशत पूंजीगत अनुदान (अधिकतम 3.50 लाख) दिया जाएगा.

पढे़ं- धामी कैबिनेट ने सात प्रस्तावों पर लगाई मुहर, सरकारी सेवा नियमावली में संशोधन को मिली मंजूरी

Last Updated : Mar 14, 2024, 9:57 PM IST
ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.