जोधपुर : राई का बाग रेलवे स्टेशन का नाम 'राईका बाग' रेलवे स्टेशन करवाने को लेकर देवासी समाज लगातार आंदोलनरत है. इस बीच केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने सोशल मीडिया पर एक पोस्ट कर बताया कि उन्होंने रेल मंत्री को भेजे गए पत्र में राईका बाग स्टेशन के नाम में संशोधन की स्वीकृति जारी कर दी है. रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव ने भी सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर नाम बदलने के निर्णय की जानकारी दी है. वहीं, इस स्टेशन का नाम बदलवाने को लेकर गठित आंदोलन समिति ने स्वीकृति पत्र उनको नहीं मिलने की बात कही है.
2 सितंबर को जोधपुर जाम करने की चेतावनी : आंदोलन की अगुवाई करने वाले लालसिंह राईका ने कहा कि स्वीकृति में क्या निर्देश दिए गए हैं, उसका हमें पता नहीं है. स्टेशन का नाम बदलने पर ही पता चलेगा. अगर स्वीकृति हुई है तो यह हमारे समाज की ताकत से हुआ है. महापंचायत में ऐलान किया गया था कि 2 सितंबर को जोधपुर जाम किया जाएगा, तब जाकर ये निर्णय हुआ है. कोई भी व्यक्ति इसका श्रेय नहीं ले सकता. स्टेशन पर नाम बदलने तक शांत नहीं बैठेंगे.
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'मेरे पत्र को त्वरित प्राथमिकता दी गई है' : बता दें कि राईका बाग स्टेशन के नाम को लेकर देवासी समाज लंबे समय से आंदोलन कर रहा है. इसको लेकर रेलवे मंत्रालय को कई ज्ञापन भी दिए गए. बाद में रेलवे मंत्रालय की ओर से कहा गया कि राजस्थान सरकार अगर नाम बदलने की सिफारिश करती है, तो हम नाम बदल सकते हैं. हाल ही में रानीवाड़ा विधायक रतन देवासी ने यह मामला विधानसभा में उठाया था. इसके बाद संसदीय कार्य मंत्री जोगाराम पटेल ने रेलवे मंत्रालय को पत्र भेजने की बात कही थी. इस बीच सोमवार को केंद्रीय पर्यटन मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने गत वर्ष मार्च में इस प्रकरण को लेकर रेल मंत्री को लिखा गया पत्र शेयर कर कहा कि 'मेरे पत्र को त्वरित प्राथमिकता दी गई है'.
राईका बाग का इतिहास : जिस स्थान पर रेलवे स्टेशन है, उसका इतिहास राईका समाज के आसुराम राईका से जुड़ा हुआ है. उन्होंने अपनी जमीन को रानी का बाग बनाने के लिए दिया था. आसुराम ने इस जगह का नाम राईका बाग रखने की मांग की थी. तब से इसे राईका बाग ही कहा जाने लगा, लेकिन बाद में ये राई का बाग कहा जाने लगा. ऐसे में रेलवे स्टेशन के नाम को लेकर समाज के लोग लंबे समय से आंदोलनरत थे.