देवास। कन्नौद वनपरिक्षेत्र के जंगल के विभिन्न हिस्सों में लकड़ी माफिया बेखौफ होकर सागौन पेड़ों की कटाई कर रहे हैं. इससे वनसंपदा को भारी नुकसान हो रहा है. साथ ही पर्यावरण पर भी प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है. वन विभाग अवैध कटाई पर कोई नियंत्रण नहीं लगा पा रहा है. वन अमले की उदासीनता के चलते जंगल में पेड़ों की कटाई धड़ल्ले से की जा रही है. लकड़ी माफिया लगातार जंगल में पेड़ों की कटाई करके पेड़ों को को ठूंठ में तब्दील कर रहे हैं.
सागौन के तस्करों को नहीं किसी का डर
ताजा मामला आष्टा-कन्नौद राजमार्ग स्थित कतलाय और हतलाय घाट के बीच जंगल के कक्ष क्रमांक 275 का सामने आया है. यहां राजमार्ग से कुछ ही दूरी पर सागौन के पेड़ों की कटाई हुई है. कटे हुए पेड़ जंगल में पड़े हैं. इसे सड़क मार्ग से भी देखा जा सकता है. जंगल के अन्य हिस्सों में भी लकड़ी माफिया बेखौफ होकर सागौन के पेड़ों की कटाई करने में जुटे हैं. जंगल में धड़ल्ले से पेड़ों की कटाई की जा रही है. सड़क किनारे ये हाल है तो जंगल के भीतर क्या हाल होगा? इसे समझा जा सकता है.
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क्या बोले वन विभाग के जिम्मेदार
विदिशा जिले के ग्राम डाबरी और हतलाय के बीच कक्ष क्रमांक 272 के जंगल में कई दिनों से सागौन की पेड़ों की कटाई जारी है. इस संबंध में कन्नौद रेंजर सृजन जाधव ने बताया "कक्ष क्रमांक 275 में सागौन के दो पेड़ो की कटाई हुई है. लकड़ी जब्त कर लिया है. बारिश में अंदर के रास्ते बंद हैं. इसलिए लकड़ी चोरों ने सड़क किनारे पेड़ो की कटाई की है. लकड़ी चोरों की तलाश की जा रही है. वन अमले द्वारा लगातार गश्त की जा रही है.ठ