देवास। नर्मदा के उद्गम स्थल अमरकंटक से लेकर गुजरात के भरूच की खम्भात की खाड़ी में मिलने तक 1312 किलोमीटर में अभी तक कोई भी बैराज नहीं बना है. अब नर्मदा नदी पर पहला बैराज देवास जिले नेमावर और हरदा जिले के हंडिया के बीच बन रहा है. नर्मदा नदी में 31 गेट वाले इस विशाल बैराज के गेट से लेकर बॉटम तक सीसी दीवार खड़ी हो चुकी है. करीब 2.5 मीटर ऊंची दीवार बनकर तैयार है. हालांकि फिलहाल बारिश के कारण बैराज का कार्य बंद है. बारिश का मौसम खत्म होते ही बैराज का काम शुरू होगा.
बैराज 500 मीटर लंबा और क्षेत्रफल 1600 हेक्टेयर
550 मीटर लंबे इस विशाल बैराज का क्षेत्रफल 1600 हेक्टेयर है. बैराज का निर्माण कार्य 3 चरणों में पूरा होगा. बैराज में सिंचाई के लिए प्रेशर पाइप लाइन नहर बनाई जाएगी. इससे देवास जिले के खातेगांव तहसील के 72 गांवों की 35 हजार हेक्टेयर जमीन में सिंचाई होगी. साथ ही बैराज से 25 मेगावाट बिजली का उत्पादन भी होगा. निर्माण एजेंसी एनवीडीए के अनुसार नर्मदा नदी पर यह पहला बैराज है. बैराज के गेट के बॉटम तक काम हो गया है. बारिश का मौसम खत्म होते ही पुनः विकास कार्य युद्धस्तर पर शुरू होगा.
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बैराज और डैम में क्या अंतर होता है
देवास कलेक्टर ऋषव गुप्ता ने ETV BHARAT को बताया "इस बैराज से क्षेत्र की तकदीर बदल जाएगी. इससे 25 मेगावाट बिजली का उत्पादन होगा. साथ ही लगभग 72 गांवों की 35 हजार हेक्टेयर कृषि भूमि की सिंचाई हो सकेगी." बता दें डैम और बैराज में ये अंतर होता है कि डैम में नीचे गेट होते हैं और बैराज में ऊपर से लेकर नीचे तक गेट होते हैं.