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चांदनी चौक के इस मंदिर में 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो सकेंगे एक साथ, 28 जुलाई से शुभारंभ, जानिए- कैसी है व्यवस्था - 12 jyotirling Darshan in Delhi - 12 JYOTIRLING DARSHAN IN DELHI

12 jyotirling Darshan in Delhi: गौरी शंकर मंदिर के मैनेजर तेज प्रकाश के मुताबिक 23 जुलाई से 5 दिन तक प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम होगा. 28 जुलाई से भक्त बाबा भोले नाथ के दर्शन कर सकेंगे. सावन में अच्छी खासी भीड़ रहेगी इसके लिए भी मंदिर कमेटी की ओर से व्यवस्थाएं की जा रही है.

12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो सकेंगे एक साथ
12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन हो सकेंगे एक साथ (Source: ETV BHARAT)
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Jul 15, 2024, 10:39 AM IST

नई दिल्ली: इस सावन में चांदनी चौक स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर में भक्तजन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर के बेसमेंट में ज्योतिर्लिंगों की स्थापना किये जाने का काम जारी है. यहां सौंदर्यीकरण का कार्य भी जोरों पर है. मंदिर के मैनेजर तेज प्रकाश ने बताया कि द्वादश ज्योतिलिंगों के दर्शनमात्र से मनवांछित फल मिलता है, भोलेनाथ की असीम कृपा भक्तों पर होती है. ऐसे में गौरीशंकर मंदिर में भक्त एक ही जगह पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना कर सकेंगे.

23 जुलाई से शुरू होगा प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम
मंदिर के मैनेजर तेज प्रकाश के मुताबिक 23 जुलाई से 5 दिन तक प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम होगा. 28 जुलाई से आम भक्तजन दर्शन कर सकेंगे. मैनेजिंग कमेटी के सचिव सुभाष गोयल और अन्य मंदिर को सुंदर रूप देने में लगे हैं. सावन में भगवान शंकर को जलधारा प्रिय है. पहले भक्त गौरी शंकर के दर्शन करेंगे और शिवलिंग पर जल-दूध, पुष्प, माला, बेल पत्र आदि चढ़ाएंगे. इसके बाद नीचे बेसमेंट में आकर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करेंगे.

मकराना से मंगवाए सफेद संगमरमर
तेज प्रकाश ने बताया कि मकराना से संगमरमर के सफेद पत्थर मंगवाए गए हैं. प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को उसके मूल स्वरूप के तहत स्थापित किया जाएगा. उसी तर्ज पर श्रृंगार और पूजा होगी. अभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन बाहर से होंगे. सावन में भीड़ अधिक रहेगी. अभी ज्योतिर्लिंगों के बाहर से ही दर्शन किए जा सकेंगे. फिर भी कोशिश होगी कि यदि कोई अंदर से पूजा दर्शन करना चाहे, तो उसके लिए व्यवस्था क्या होगी? उन्होंने ये भी बताया कि काफी दिनों से मैनेजिंग कमिटी का सपना था कि ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हो. जिसके लिए काफी मेहनत भी की गई.

सुरक्षा के पूरे इंतजाम
बता दें कि मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बेसमेंट में एसी लगे हैं. भव्य झूमर लगाए गए हैं. मंदिर में प्रवेश का एक ही गेट है, मगर आपात स्थिति में बाहर जाने के लिए कई गेट बनाए गए हैं.

ये भी पढ़ें- कावंड़‍ियों की सुव‍िधा के ल‍िए द‍िल्‍ली सरकार बना रही 200 कांवड़ कैंप, इन जिलों में बनेंगे ज्‍यादा शिविर, जान‍िए पूरी योजना

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नई दिल्ली: इस सावन में चांदनी चौक स्थित प्राचीन गौरी शंकर मंदिर में भक्तजन 12 ज्योतिर्लिंगों के दर्शन कर सकेंगे. मंदिर के बेसमेंट में ज्योतिर्लिंगों की स्थापना किये जाने का काम जारी है. यहां सौंदर्यीकरण का कार्य भी जोरों पर है. मंदिर के मैनेजर तेज प्रकाश ने बताया कि द्वादश ज्योतिलिंगों के दर्शनमात्र से मनवांछित फल मिलता है, भोलेनाथ की असीम कृपा भक्तों पर होती है. ऐसे में गौरीशंकर मंदिर में भक्त एक ही जगह पर द्वादश ज्योतिर्लिंगों की पूजा अर्चना कर सकेंगे.

23 जुलाई से शुरू होगा प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम
मंदिर के मैनेजर तेज प्रकाश के मुताबिक 23 जुलाई से 5 दिन तक प्रतिष्ठा पूजन कार्यक्रम होगा. 28 जुलाई से आम भक्तजन दर्शन कर सकेंगे. मैनेजिंग कमेटी के सचिव सुभाष गोयल और अन्य मंदिर को सुंदर रूप देने में लगे हैं. सावन में भगवान शंकर को जलधारा प्रिय है. पहले भक्त गौरी शंकर के दर्शन करेंगे और शिवलिंग पर जल-दूध, पुष्प, माला, बेल पत्र आदि चढ़ाएंगे. इसके बाद नीचे बेसमेंट में आकर ज्योतिर्लिंगों के दर्शन करेंगे.

मकराना से मंगवाए सफेद संगमरमर
तेज प्रकाश ने बताया कि मकराना से संगमरमर के सफेद पत्थर मंगवाए गए हैं. प्रत्येक ज्योतिर्लिंग को उसके मूल स्वरूप के तहत स्थापित किया जाएगा. उसी तर्ज पर श्रृंगार और पूजा होगी. अभी ज्योतिर्लिंगों के दर्शन बाहर से होंगे. सावन में भीड़ अधिक रहेगी. अभी ज्योतिर्लिंगों के बाहर से ही दर्शन किए जा सकेंगे. फिर भी कोशिश होगी कि यदि कोई अंदर से पूजा दर्शन करना चाहे, तो उसके लिए व्यवस्था क्या होगी? उन्होंने ये भी बताया कि काफी दिनों से मैनेजिंग कमिटी का सपना था कि ज्योतिर्लिंगों की स्थापना हो. जिसके लिए काफी मेहनत भी की गई.

सुरक्षा के पूरे इंतजाम
बता दें कि मंदिर में सुरक्षा व्यवस्था के पूरे इंतजाम किए गए हैं. सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं. बेसमेंट में एसी लगे हैं. भव्य झूमर लगाए गए हैं. मंदिर में प्रवेश का एक ही गेट है, मगर आपात स्थिति में बाहर जाने के लिए कई गेट बनाए गए हैं.

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