नई दिल्ली: दिल्ली सरकार ने करीब 13 साल बाद पेट्रोल, सीएनजी और डीजल वाहनों के प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (पीयूसीसी) की फीस में बढ़ोतरी का ऐलान किया था, जिसके बाद से इस मामले पर कोहराम मचा है. सरकार ने यह बढ़ोतरी 20 से 40 रुपये के बीच की, जिस पर 'दिल्ली पेट्रोल डीलर्स एसोसिएशन' ने कड़ी आपत्ति जताई. इसे नाकाफी बताते हुए 600 से ज्यादा पीयूसीसी सेंटर हड़ताल के चलते बंद पड़े हैं. इस मामले को लेकर आरोप प्रत्यारोप की राजनीति भी खूब हो रही है. अब इस मसले पर दिल्ली प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने केजरीवाल सरकार और बीजेपी दोनों पर हमला बोला है.
डीपीसीसी अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि बीजेपी दिल्ली विधानसभा में 8 विधायकों के साथ विपक्ष की भूमिका में बैठी है. वहीं, दिल्ली नगर निगम में 100 से ज्यादा पार्षदों के साथ वहां भी विपक्ष में हैं और लोकसभा की सभी सीटों पर बीजेपी काबिज है. ऐसे में वो नकारात्मक राजनीति करके हर विषय पर दिल्ली वालों को गुमराह करने की भूमिका निभा रही है. भाजपा सांसद, विधायक और निगम पार्षद दिल्ली वालों के हित में हरित क्षेत्र के लिए अपने फंड से योजना बनाकर प्रदूषण रोकथाम के लिए काम क्यों नहीं कर रहे हैं.
कांग्रेस शासन में प्रदूषण से कोई परेशान नहीं था: उन्होंने कहा कि भाजपा और आम आदमी पार्टी, दिल्ली को विश्व की सबसे प्रदूषित राजधानियों की लिस्ट से हटाने के लिए काम करें, जिस तरह दिल्ली में कांग्रेस की सरकार मुख्यमंत्री शीला दीक्षित ने प्रदूषण नियंत्रण के लिए हरित क्रांति लाकर किया था. कांग्रेस शासन के दौरान प्रदूषण से कोई परेशान नही था. प्रदूषण के लिए केजरीवाल सरकार और भाजपा दोनों बराबर के जिम्मेदार हैं.
पिछले 10 सालों में खर्च नहीं किया पूरा फंड: उन्होंने कहा कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण के लिए मिले फंड 742.69 करोड़ में से सिर्फ 29 प्रतिशत ही खर्च कर पाई है. भाजपा नेताओं को बताना चाहता हूं कि केजरीवाल सरकार प्रदूषण नियंत्रण ही नहीं बल्कि स्वास्थ्य, शिक्षा, सफाई, निर्माण, लोगों को राशन देने तक के पूरे फंड को पिछले 10 सालों में किसी भी वर्ष पूरी तरह खर्च नहीं कर पाई है.
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दिल्ली में 600 से ज्यादा पीयूसी सेंटर पड़े बंद: दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष ने कहा कि पिछले एक सप्ताह से अधिक समय से राजधानी में वैध प्रदूषण नियंत्रण प्रमाण पत्र (PUCC) के सेंटरों की चल रही हड़ताल को दिल्ली सरकार द्वारा अनदेखा करने के कारण लाखों वाहनों के सर्टिफिकेट वैलिडिटी खत्म हो गई है. इसकी वजह से प्रदूषण फैल रहा है. उन्होंने कहा कि दिल्ली में 600 से अधिक पीयूसी सेंटर हैं, जो पीयूसी सर्टिफिकेट के शुल्क में बढ़ोतरी की मांग कर रहे हैं. केजरीवाल सरकार और भाजपा का बदले की भावना से राजनीति करने की जगह दिल्लीवालों को सुविधाएं और सुगम व्यवस्था उपलब्ध कराने में अपनी शक्ति का इस्तेमाल करें.
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