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गांव के विकास का सिस्टम हड़ताल पर! ठप हुआ योजनाओं का काम, ग्रामीण परेशान - Panchayat workers strike

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By ETV Bharat Jharkhand Team

Published : Aug 29, 2024, 5:19 PM IST

Strike of Panchayat Secretary and Mukhiya. लातेहार में गांवों का विकास कार्य और योजनाओं का काम प्रभावित हो रहा है. पंचायत सचिव और मुखिया की हड़ताल से विकास कार्य प्रभावित हुआ है. वहीं मनरेगाकर्मियों के एक माह से अधिक समय तक के आंदोलन का असर भी अब विकास कार्यों पर पड़ने लगा है.

Development work affected due to strike of Panchayat Secretary and Mukhiya in Latehar
डिजाइन इमेज (Etv Bharat)

लातेहारः जिला में गांव का विकास ठहर गया है. गांव के विकास की जिम्मेदारी जिन लोगों के कंधे पर है, उनमें अधिकांश लोग हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों की हड़ताल के कारण गांव में विकास योजनाएं संचालित होने में कठिनाई आ गई है. हालांकि प्रशासन के द्वारा कहा जा रहा है कि विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

लातेहार में गांवों का विकास कार्य और योजनाओं का काम प्रभावित (ETV Bharat)

दरअसल, झारखंड राज्य के अन्य जिलों की तरह ही लातेहार जिला में भी मनरेगा कर्मी पिछले एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं. इस कारण मनरेगा का कार्य गांव में प्रभावित हुआ है. अब पिछले तीन-चार दिनों से पंचायत सचिव और मुखिया भी हड़ताल पर चले गए हैं. पंचायत सचिव और मुखिया के हड़ताल पर चले जाने के कारण मनरेगा योजनाओं के साथ-साथ, अबुआ आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मंईयां सम्मान योजना समेत अन्य सभी प्रकार की गांव से जुड़ी योजनाएं ठप हो गई हैं. गांव में विकास कार्य रुक जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. मनरेगा का कार्य रुकने से ग्रामीणों को काम भी नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा पंचायत स्तर पर बनने वाले प्रमाण पत्र भी बनवाने में ग्रामीणों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

हड़ताल से ग्रामीण परेशान

गांवों में विकास कार्य रुक जाने से ग्रामीण काफी परेशान हैं. स्थानीय ग्रामीण महिला सुशीला देवी ने बताया कि वे लोग मनरेगा से कुआं निर्माण का कार्य किए थे. परंतु उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि मनरेगा से जुड़े सभी लोग हड़ताल पर हैं. अब तो पंचायत सेवक और मुखिया भी हड़ताल पर चले गए, इसी कारण गांव में कोई काम नहीं हो पा रहा है. वहीं ग्रामीण अनिल उरांव ने बताया कि मनरेगा से काम होने पर ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता था. गांव में एक सड़क है जिस मनरेगा योजना से बनाया जाना था. लेकिन सभी के हड़ताल पर चले जाने के कारण गांव में मनरेगा समेत अन्य सभी प्रकार की योजनाएं बंद हो गई हैं.

इस संबंध में पूछने पर लातेहार उप विकास आयुक्त सुरजीत सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा हड़ताल पर गए कर्मियों के एवज में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. प्रखंड में कार्यरत अन्य कर्मियों के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि गांव का विकास रुक नहीं पाए. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने प्रखंडों में योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित कराएं.

इसे भी पढ़ें- सरकार आपके द्वार कार्यक्रम पर ग्रहण! पंचायत सचिव संघ ने मशाल जुलूस निकालकर किया हड़ताल का ऐलान - Panchayat Secretary strike

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इसे भी पढ़ें- 22 जुलाई से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाएंगे मनरेगा कर्मचारी, जानिए सरकार से क्यों हैं नाराज - MNREGA employees on strike

लातेहारः जिला में गांव का विकास ठहर गया है. गांव के विकास की जिम्मेदारी जिन लोगों के कंधे पर है, उनमें अधिकांश लोग हड़ताल पर चले गए हैं. कर्मियों की हड़ताल के कारण गांव में विकास योजनाएं संचालित होने में कठिनाई आ गई है. हालांकि प्रशासन के द्वारा कहा जा रहा है कि विकास कार्यों को सुचारू रूप से चलने के लिए वैकल्पिक व्यवस्था की गई है.

लातेहार में गांवों का विकास कार्य और योजनाओं का काम प्रभावित (ETV Bharat)

दरअसल, झारखंड राज्य के अन्य जिलों की तरह ही लातेहार जिला में भी मनरेगा कर्मी पिछले एक माह से अधिक समय से हड़ताल पर हैं. इस कारण मनरेगा का कार्य गांव में प्रभावित हुआ है. अब पिछले तीन-चार दिनों से पंचायत सचिव और मुखिया भी हड़ताल पर चले गए हैं. पंचायत सचिव और मुखिया के हड़ताल पर चले जाने के कारण मनरेगा योजनाओं के साथ-साथ, अबुआ आवास योजना, प्रधानमंत्री आवास योजना, मंईयां सम्मान योजना समेत अन्य सभी प्रकार की गांव से जुड़ी योजनाएं ठप हो गई हैं. गांव में विकास कार्य रुक जाने से ग्रामीणों को भारी परेशानी का सामना भी करना पड़ रहा है. मनरेगा का कार्य रुकने से ग्रामीणों को काम भी नहीं मिल पा रहा है. इसके अलावा पंचायत स्तर पर बनने वाले प्रमाण पत्र भी बनवाने में ग्रामीणों को भारी कठिनाई का सामना करना पड़ रहा है.

हड़ताल से ग्रामीण परेशान

गांवों में विकास कार्य रुक जाने से ग्रामीण काफी परेशान हैं. स्थानीय ग्रामीण महिला सुशीला देवी ने बताया कि वे लोग मनरेगा से कुआं निर्माण का कार्य किए थे. परंतु उसका भुगतान नहीं हो पा रहा है. उन्होंने बताया कि मनरेगा से जुड़े सभी लोग हड़ताल पर हैं. अब तो पंचायत सेवक और मुखिया भी हड़ताल पर चले गए, इसी कारण गांव में कोई काम नहीं हो पा रहा है. वहीं ग्रामीण अनिल उरांव ने बताया कि मनरेगा से काम होने पर ग्रामीणों को रोजगार भी मिलता था. गांव में एक सड़क है जिस मनरेगा योजना से बनाया जाना था. लेकिन सभी के हड़ताल पर चले जाने के कारण गांव में मनरेगा समेत अन्य सभी प्रकार की योजनाएं बंद हो गई हैं.

इस संबंध में पूछने पर लातेहार उप विकास आयुक्त सुरजीत सिंह ने बताया कि जिला प्रशासन के द्वारा हड़ताल पर गए कर्मियों के एवज में वैकल्पिक व्यवस्था की गई है. प्रखंड में कार्यरत अन्य कर्मियों के माध्यम से प्रयास किया जा रहा है कि गांव का विकास रुक नहीं पाए. उन्होंने कहा कि सभी प्रखंड विकास पदाधिकारी को भी निर्देश दिया गया है कि अपने-अपने प्रखंडों में योजनाओं को सुचारू रूप से संचालित कराएं.

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