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महिला शिक्षा और स्वास्थ्य की बेहतर स्थिति से ही 2047 तक विकसित राष्ट्र का सपना होगा साकार - बेहतर महिला शिक्षा स्वास्थ्य जरूरी

Seminar on Developed India 2047: दिल्ली में विकसित भारत 2047 विषय पर एक संगोष्ठी का आयोजन किया गया. जिसमें महिलाओं के स्वास्थ्य और शिक्षा को इसका प्रमुख पैरामीटर बताया गया और इस दिशा में विशेष काम करने पर जोर दिया गया.

विकसित भारत 2047 विषय पर संगोष्ठी आयोजित
विकसित भारत 2047 विषय पर संगोष्ठी आयोजित
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By ETV Bharat Delhi Team

Published : Feb 24, 2024, 5:58 PM IST

विकसित भारत 2047 विषय पर संगोष्ठी आयोजित,

नई दिल्ली: स्वस्थ और शिक्षित महिला के बिना 2047 तक विकसित राष्ट्र का सपना साकार होना संभव नहीं है. ये तभी साकार हो पाएगा जब महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा. इसके लिए महिलाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ना आवश्यक है. तभी एक स्वस्थ और संतुलित समाज बन सकेगा. विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने ये बातें कहीं.

विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक आर्थिक आधार पर देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन आर्थिक आधार के साथ सामाजिक विकास भी बहुत जरूरी है. और समाजिक विकास में महिलाओं का स्वास्थ्य भी एक प्रमुख पैरामीटर है. स्वस्थ महिला के बिना एक स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली की सड़कों पर 6 हजार महिलाएं संभालेंगी बसों की स्टेयरिंग, महिला सशक्तिकरण का देंगी संदेश

सत्त्व की सह संस्थापिका डॉ. आरती मोहन का कहना है कि समाज के सभी वर्गों को यदि विकास की मुख्य धारा के साथ जोड़ेंगे और इसका सूत्रधार तकनीक पर आधारित होगा तो आर्थिक विकास के साथ समाज का भी विकास होगा. युवा, महिला, किसान समेत हर वर्ग की प्रगति होगी. इसके लिए तकनीकी शिक्षा के लिए महिलाओं को प्रेरित करना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं के तकनीकी ज्ञान के बिना समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है.इसके लिए माइंडसेट बदलने की आवश्यकता है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इसके लिए एक बड़ी भूमिका निभा सकता है. सर्कुलर इकोनोमी, इलेक्ट्रिकल वाहनों के प्रयोग, रिसाइकलिंग से आर्थिक विकास को नयी उड़ान मिल सकेगी.

सीमित जल संसाधन के स्मार्ट उपयोग से किसान को लाभ
उन्होंने बताया कि जल संसाधन सीमित मात्रा में है. जल जीवन का एक प्रमुख स्रोत है इसलिए तकनकी की मदद से बड़ी मात्रा में उपलब्ध खारे पानी को सिंचाई और पीने योग्य बनाया जा सकता है. इस दिशा में कुछ देशों में काम चल भी रहा है. हमारे देश के कुछ राज्यों में जल संकट की स्थिति है. इससे निपटना आवश्यक है. बचे हुए जल स्रोतों का बुद्धिमत्तापूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है.

महिलाओं के स्वास्थ पर बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता
डॉ. आरती ने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ को लेकर बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है. आज मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा चुका है. लेकिन एनीमिया, कुपोषण और महिलाओं को होने वाले कैंसर के लिए बेहतर काम किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस बार के अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर पर नियंत्रण के लिए बजट का प्रावधान कर सराहनीय काम किया है.

ये भी पढ़ें : दिल्ली हाई कोर्ट ने छात्राओं का शिक्षकों द्वारा यौन शोषण की बढ़ती घटनाओं पर जताई चिंता

विकसित भारत 2047 विषय पर संगोष्ठी आयोजित,

नई दिल्ली: स्वस्थ और शिक्षित महिला के बिना 2047 तक विकसित राष्ट्र का सपना साकार होना संभव नहीं है. ये तभी साकार हो पाएगा जब महिलाओं का सर्वांगीण विकास होगा. इसके लिए महिलाओं को तकनीकी शिक्षा से जोड़ना आवश्यक है. तभी एक स्वस्थ और संतुलित समाज बन सकेगा. विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित एक संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने ये बातें कहीं.

विकसित भारत 2047 विषय पर आयोजित संगोष्ठी में विशेषज्ञों ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 2047 तक आर्थिक आधार पर देश को विकसित राष्ट्र बनाने का लक्ष्य रखा है. लेकिन आर्थिक आधार के साथ सामाजिक विकास भी बहुत जरूरी है. और समाजिक विकास में महिलाओं का स्वास्थ्य भी एक प्रमुख पैरामीटर है. स्वस्थ महिला के बिना एक स्वस्थ समाज की कल्पना नहीं की जा सकती है.

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सत्त्व की सह संस्थापिका डॉ. आरती मोहन का कहना है कि समाज के सभी वर्गों को यदि विकास की मुख्य धारा के साथ जोड़ेंगे और इसका सूत्रधार तकनीक पर आधारित होगा तो आर्थिक विकास के साथ समाज का भी विकास होगा. युवा, महिला, किसान समेत हर वर्ग की प्रगति होगी. इसके लिए तकनीकी शिक्षा के लिए महिलाओं को प्रेरित करना आवश्यक है क्योंकि महिलाओं के तकनीकी ज्ञान के बिना समाज का संपूर्ण विकास संभव नहीं है.इसके लिए माइंडसेट बदलने की आवश्यकता है. डिजिटल इंफ्रास्ट्रक्चर इसके लिए एक बड़ी भूमिका निभा सकता है. सर्कुलर इकोनोमी, इलेक्ट्रिकल वाहनों के प्रयोग, रिसाइकलिंग से आर्थिक विकास को नयी उड़ान मिल सकेगी.

सीमित जल संसाधन के स्मार्ट उपयोग से किसान को लाभ
उन्होंने बताया कि जल संसाधन सीमित मात्रा में है. जल जीवन का एक प्रमुख स्रोत है इसलिए तकनकी की मदद से बड़ी मात्रा में उपलब्ध खारे पानी को सिंचाई और पीने योग्य बनाया जा सकता है. इस दिशा में कुछ देशों में काम चल भी रहा है. हमारे देश के कुछ राज्यों में जल संकट की स्थिति है. इससे निपटना आवश्यक है. बचे हुए जल स्रोतों का बुद्धिमत्तापूर्वक उपयोग करने की आवश्यकता है.

महिलाओं के स्वास्थ पर बड़े स्तर पर काम करने की आवश्यकता
डॉ. आरती ने बताया कि महिलाओं के स्वास्थ को लेकर बड़े स्तर पर काम करने की जरूरत है. आज मातृ एवं शिशु मृत्यु दर को काफी हद तक कम किया जा चुका है. लेकिन एनीमिया, कुपोषण और महिलाओं को होने वाले कैंसर के लिए बेहतर काम किया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री ने इस बार के अंतरिम बजट में सर्वाइकल कैंसर पर नियंत्रण के लिए बजट का प्रावधान कर सराहनीय काम किया है.

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