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देव दीपावली : गाय के गोबर से बने दीयों से रोशन होंगे वाराणसी के गंगा घाट, महिलाओं कर रहीं तैयार

Dev Deepawali in Varanasi : प्रशासन ने इस बार 12 लाख से अधिक दीये गंगा तट पर जलाने की तैयारी की है.

गोबर से दीये तैयारी करती महिलाएं.
गोबर से दीये तैयारी करती महिलाएं. (Photo Credit : ETV Bharat)
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By ETV Bharat Uttar Pradesh Team

Published : Nov 12, 2024, 11:42 AM IST

वाराणसी : 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाले देव दीपावली पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार 12 लाख से ज्यादा दीये जलाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है. इसके लिए समितियां के साथ मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोबर के खास दीये तैयार कर रही हैं. इस साल इन्हीं दीयों से गंगा घाटों को रोशन करने की तैयारी है.

देव दीपावली वाराणसी का प्राचीनतम और महत्वपूर्ण त्यौहार है. ऐसे में वाराणसी प्रशासन की ओर से खास तैयारी की जाती है. इस बार गाय के गोबर से बने दीयों से गंगा तट को रोशन की तैयारी है. इसके लिए सत स्वयं सहायता समूहों की 25 परिवारों की महिलाएं दीये बना रही हैं. महिलाओं का लक्ष्य 30 हजार दीये तैयार करना है. 15 नवंबर को काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावली के दिन गंगा तट इन्हीं दीपों से रोशन होगा.

दरअसल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण के कई नए अवसर प्रदान किए हैं. इस क्रम में देव दीपावली पर गोबर से बने दीये जलाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं को दीये बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. पहले महिलाएं दीये घर घर जाकर बेचती थीं, लेकिन अब प्रशासन की तरफ से पहले से ही बड़े पैमाने पर आर्डर मिलने लगा है.

ग्राम अहरक की राधिका ने बताया कि पहले उन्हें दीपों को बेचने के लिए घर-घर जाना पड़ता था, लेकिन अब योगी सरकार के प्रयासों से उन्हें पहले से ही आर्डर मिल जाते हैं. जिससे उनकी आय में जबरदस्त वृद्धि हुई है. महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. पहेल बामुश्किल से 400-500 रुपये कमाई होती थी. अब इसी कार्य के लिए लगभग 4,000 से 5,000 रुपये की आय हो रही है.

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वाराणसी : 15 अक्टूबर को मनाया जाने वाले देव दीपावली पर्व को लेकर तैयारियां शुरू हो गई हैं. इस बार 12 लाख से ज्यादा दीये जलाने के लिए जिला प्रशासन ने तैयारी की है. इसके लिए समितियां के साथ मिलकर तैयारियों को अंतिम रूप दिया जा रहा है. वहीं स्वयं सहायता समूह की महिलाएं गोबर के खास दीये तैयार कर रही हैं. इस साल इन्हीं दीयों से गंगा घाटों को रोशन करने की तैयारी है.

देव दीपावली वाराणसी का प्राचीनतम और महत्वपूर्ण त्यौहार है. ऐसे में वाराणसी प्रशासन की ओर से खास तैयारी की जाती है. इस बार गाय के गोबर से बने दीयों से गंगा तट को रोशन की तैयारी है. इसके लिए सत स्वयं सहायता समूहों की 25 परिवारों की महिलाएं दीये बना रही हैं. महिलाओं का लक्ष्य 30 हजार दीये तैयार करना है. 15 नवंबर को काशी में मनाई जाने वाली देव दीपावली के दिन गंगा तट इन्हीं दीपों से रोशन होगा.

दरअसल योगी सरकार ने उत्तर प्रदेश राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन के माध्यम से महिलाओं को रोजगार और सशक्तिकरण के कई नए अवसर प्रदान किए हैं. इस क्रम में देव दीपावली पर गोबर से बने दीये जलाने की योजना बनाई गई है. इसके लिए स्वयं सहायता समूह की महिलाएं को दीये बनाने की जिम्मेदारी दी गई है. पहले महिलाएं दीये घर घर जाकर बेचती थीं, लेकिन अब प्रशासन की तरफ से पहले से ही बड़े पैमाने पर आर्डर मिलने लगा है.

ग्राम अहरक की राधिका ने बताया कि पहले उन्हें दीपों को बेचने के लिए घर-घर जाना पड़ता था, लेकिन अब योगी सरकार के प्रयासों से उन्हें पहले से ही आर्डर मिल जाते हैं. जिससे उनकी आय में जबरदस्त वृद्धि हुई है. महिलाएं अब आत्मनिर्भर बन रही हैं. पहेल बामुश्किल से 400-500 रुपये कमाई होती थी. अब इसी कार्य के लिए लगभग 4,000 से 5,000 रुपये की आय हो रही है.

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